देहरादून (रायवाला), पुलिस उप-महानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद देहरादून द्वारा समस्त थाना प्रभारियों को जनपद मे हो रहे साइबर अपराधों व क्षेत्र में हो रही आनलाइन ठगी की घटनाओं के संबंध में अपने अपने थाना क्षेत्रांतर्गत आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया है।
उक्त आदेश के अनुपालन मे थानाध्यक्ष महोदय रायवाला द्वारा सभी उ0नि0 गणों व चौकी प्रभारियों को अपने अपने क्षेत्र मे साइवर ठगी के संबंध मे आवश्यक कार्यवाही करने व क्षेत्र मे निवासरत लोगों को आनलाइन फ्राड की जानकारी देने के सबन्ध मे आदेश निर्देश दिये गये है ।
घटना का विवरण
आवेदक कृष्णकांत आनंद पुत्र स्व0 पन्ना लाल निवासी H.No102 JMD 7Haripur Kalan Dehradun द्वारा साइवर क्राइम थाना देहरादून मे दि0-15.02.22 को लिखित तहरीर दी गयी कि दिनांक 14.02.22 को जव वे रायवाला शराब (wine) लेने आये थे तो शराब की दुकान बंद होने पर उनके द्वारा आनलाइन
(google) पर वाइनशाप का न0 सर्च कर उक्त नम्वर से वात करने पर उनके द्वारा वताया गया कि ELECTION के कारण शराब की डिलीवरी आनलाइन की जायेगी । व आवेदक से एटीएम कार्ड की सारी डिटेल मांग ली l आवेदक द्वारा उसे अपने एटीएम कार्ड की सभी डिटेल व ओटीपी फोन पर शेयर कर दी गयी । जिस कारण आवेदक के खाते से कुल ₹57,575 /- निकाल लिये गये ।
आवेदक के दिये लिखित प्रा0पत्र पर साईवर थाना दे0दून मे शून्य मे FIR दर्ज की गयी जिसे थाना रायवाला पर मु0अ0सं0 – 48/22 धारा 420भा0द0वि0,66 डी आईटी एक्ट मे अपराध क्रमांक पर अंकित किया गया । जिसकी विवेचना प्रभारी निरीक्षक ऋषिकेश द्वारा की जा रही है ।
किसी भी ऑनलाइन शॉपिंग एप या वेबसाइट के जरिए कोई सामान खरीदने से पहले सावधान होने की जरूरत है। क्योंकि साइबर ठगों ने इन्हीं माध्यमों को फायदा उठाते हुए ठगी शुरू कर दी है। पिछले दिनों शराब की होम डिलीवरी के नाम पर लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। यह लोग शराब की डिलीवरी करने के नाम पर लोगों को एक क्यूआर कोड भेजते थे और जैसे ही खरीदार उस कोड का इस्तेमाल करता था उसके अकाउंट से पैसे गायब हो जाते हैं। इसके चलते यूपी पुलिस ने ट्वीट और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ऐसे ठगों से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है।
साइबर एक्सपर्ट अमित कुमार के मुताबिक साइबर ठग गूगल व फेसबुक पेज पर ऑन लाइन सामान बिक्री का विज्ञापन देते हैं। जैसे ही कोई खरीदार उन्हें फोन करता वह डिलीवरी के नाम पर पैसे के भुगतान के लिए एक क्यूआर कोड भेजते हैं। जिसके स्कैन करते ही खाते से पैसे कटने शुरू हो जाते हैं। जब तक खाता खाली नहीं हो जाता।
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