Saturday, November 23, 2024
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हमें ग्रीन दीपावली बनानी चाहिए। पटाखे फोड़ना दीपावली का अभिन्न अंग नही होना चाहिए- प्रो0 पवन कुमार

हरिद्वार ( कुलभूषण ) गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार के भौतिक विभाग के विभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो0 पवन कुमार ने दीपावली के अवसर पर जानकारी देते हुए कहा कि युवा पीढ़ी को दीपावली पर ऐसे पटाखे फोड़ने चाहिए जो कि पर्यावरण को बचाने में सहयोगी सिद्ध हो सके। उन्होंने कहा कि पटाखे फोडना आजकल एक आम बात हो गयी है क्योकि कोई भी विशेष कार्यक्रम इसके बिना लोगो को अधुरा सा ही लगता है। पटाखों के कारण आसमान में दिखने वाला शानदार नजारा, तेज आवाज तथा रंग-बिरंगी चकाचौंध लोगो को बहुत पसंद आती है। लेकिन वास्तव में इसका प्रभाव पर्यावरण तथा लोगों के स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय है।
दीपावली पर पटाखे जलाना ग्लोबल वार्मिंग का परिणाम जैसा ही है। इनसे निकलने वाला धुआँ वायुमंडल में हानिकारक गैसों के स्तर को बढाता है जिसका असर मनुष्य के साथ-साथ जीव-जन्तुओं पर भी नजर आता है। पटाखे फोड़ने से वातावरण में कार्बन डाई ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी जहरीली गैस उत्पन्न होती है जो पृथ्वी के तापमान को बढ़ाता है तथा हवा की गुणवत्ता को खराब करती है। साथ ही जहरीली होने के साथ-साथ धुंध से भी भरी होती है।
आतिशबाजी से बच्चो तथा व्यस्को के जलने, ऑखो में चोट लगने तथा सुनने की क्षमता आदि प्रभावित होती है। इसके अलावा फेफड़ो की बीमारी, अस्थमा, तीव्र ब्रोकाइटिस और श्वसन संकमण, दिल के दौरे जैसी संवेदनशील बीमारियां होने की सम्भावनांए बढ़ जाती है। पटाखों को बनाने के लिए जिन केमिकल और रेडियोएक्टिव कम्पांउड का प्रयोग किया जाता है उनसे कैसंर होने का जोखिम कई गुना बढ़जाता है।
पर्यायवरण तथा पक्षी संरक्षण के विभिन्न वक्ताओ ने हरित दीपावली बनाने पर जोर दिया है जिनके लिए दीपावली पर पटाखों का उपयोग नही करना चाहिए। हमें ग्रीन दीपावली बनानी चाहिए। पटाखे फोड़ना दीपावली का अभिन्न अंग नही होना चाहिए। प्राचीन काल से लोग दीपावली के पर्व पर दीये जलाते रहे है। दीया (रोशनी) अंधकार पर प्रकाश  अथवा बुराई पर अच्छाई का प्रतीक होता है।
यदि आप फिर भी सोच रहे है पटाखों के बिना दीपावली कैसे बनाएं तो हम प्रदुषणकारी और शोर पैदा करने पटाखों से बच सकते है जिसके लिए हरित पटाखों का उपयोग करना होगा। इस प्रकार के पटाखे कम प्रदूषण कच्चे माल का उपयोग करके भी बनाये जाते है जो पर्यावरण के लिए कम हानिकारक होते है।

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गंगा बंदी में सिर्फ खनन की खनक हैं और सफाई के नाम पर बजट की बंदरबांट हो रही- संतोष चौहान 

हरिद्वार ( कुलभूषण ) जिला महानगर कांग्रेस कमेटी हरिद्वार द्वारा जिलाधिकारी को जीवनदायिनी मां गंगा की सफाई व्यवस्था के संबंध में ज्ञापन सौंपा।
इस मौके पर जिला महानगर कांग्रेस अध्यक्ष अमन गर्ग और स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी प्रकोष्ठ अध्यक्ष मुरली मनोहर ने कहा कि पतित पावनी मां गंगा हमारा पालन-पोषण करती हैं जबकि गंगा बंदी जो कि सफाई व निर्माण कार्य हेतू की जाती हैं वो महज खनन की बंदरबांट के लिए होती हैं,
इस मौके पर पूर्व विधायक रामयश सिंह और महिला आयोग पूर्व अध्यक्ष संतोष चौहान ने कहा कि भाजपा सरकार में गंगा बंदी में सिर्फ खनन की खनक हैं और सफाई के नाम पर बजट की बंदरबांट हो रही है,
इस मौके पर वरिष्ठ नेता अरविंद शर्मा और मनोज सैनी ने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दोनों राज्यों में भाजपा सरकार होने के बावजूद तालमेल नहीं हैं जिसके कारण गंगा जी की सफाई दो राज्यों की भेंट चढ़ रही हैं,
इस मौके पर निवर्तमान पार्षद राजीव भार्गव और महिला कांग्रेस अध्यक्ष अंजू मिश्रा ने कहा कि हरिद्वार जो कि कुंभ नगरी होने के बावजूद गंगा की सफाई व्यवस्था महज औपचारिकता की भेंट चढ़ रही हैं,
इस मौके पर महिला कांग्रेस अध्यक्ष लता जोशी और ब्लॉक अध्यक्ष विकास चंद्रा ने कहा कि गंगा हमारी आस्था का प्रतीक है और इसके साथ सौतेला व्यवहार सहन नहीं किया जाएगा,
इस मौके पर वरिष्ठ नेता नईम कुरैशी और निवर्तमान पार्षद इसरार सलमानी ने कहा कि गंगा किसान के खेत को भी सींचने का काम करती है,हम सरकार से मांग करते हैं गंगा की सफाई दो राज्यों के तालमेल की भेंट नहीं चढ़नी चाहिए,
ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से नगर अध्यक्ष ज्वालापुर अंकित चौहान, नलिनी दीक्षित, निवर्तमान पार्षद शहाबुद्दीन अंसारी, रियाज अंसारी ,श्रमिक नेता विकास सिंह,आरिफ कुरैशी आदि कांग्रेस जन उपस्थित रहे।।

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