खटीमा, उधमसिंह नगर जनपद के खटीमा में दो नकाबपोश बदमाशों ने झनकट स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा में घुसकर तमंचे व चाकू की नोक पर बैंक मैनेजर समेत चार कर्मियों को बंधक बनाकर करीब पांच लाख की नगदी लूट ली। इस घटना से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी ने बैंक का निरीक्षण कर कर्मियों से जानकारी ली। वहीं खुलासे के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है। साथ ही एसओजी ने क्षेत्र में डेरा डाल दिया है। झनकट कस्बे में सितारगंज रोड पर बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा है। बुधवार को दिन में करीब 4.30 बजे के बीच दो बदमाश बैंक में दाखिल हुए। पहले अंदर दाखिल होने वाले ने हेलमेट पहना था ओर हाथ में गन थी, जबकि दूसरे से हाथ में चाकू ओर मास्क पहना थाबदमाशों ने सबसे पहले बैंक मैनेजर कुसुमलता को तमंचे व चाकू की नोक पर ले लिया। इसके बाद बैंक कैशियर गोविंद पाल, रवींद्र सिंह व ननिता गब्र्याल को भी तमंचा दिखाकर बंधक बना लिया। जिसके बाद सभी को कैश रूम में ले जाकर बंद कर बाहर से कुंडा बंद कर दिया।
वहीं कर्मियों ने भी बदमाशों के भय से स्वयं को सुरक्षित करने के उद्देश्य से अंदर से बंद कर लिया। इस दौरान बदमाशों ने बैंक से 4 लाख 83 हज़ार 10 रुपए की नगदी लूटकर फरार हो गए। इस बीच कैशरूम में बंद बैंक कमी रविंद्र सिंह ने अपने मोबाइल से बैंक के भवन स्वामी को इस घटना की सूचना दी। जिस पर भवन स्वामी ने पुलिस के 100 नंबर पर जानकारी पुलिस को दी। पुलिस के पहुंचने तक बदमाश मौके से भाग चुके थे। भारी संख्या में पहुंचे अधिकारी
इस घटना से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। सूचना पर एसएसपी मंजूनाथ टीसी, एसपी क्राइम हरीश वर्मा, सीओ भूपेंद्र सिंह भंडारी, सीओ सितारगंज ओमप्रकाश शर्मा, कोतवाल नरेश चौहान, झनकईया एसओ दिनेश फत्र्याल, नानकमत्ता केसी आर्या, एसएसआई देवेंद्र गौरव समेत आसपास के थानों के पुलिस कर्मी मौके पर पहुंच गए।
एसएसपी ने बताया कि दो नकाबपोश बदमाशों द्वारा बैंक कर्मियेां को बंधकर बनाकर लूट की गई। जांच-पड़ताल की जा रही है। वहीं खुलासे के लिए आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। अलार्म व सीसीटीवी कैमरा नहीं कर रहा काम
पुलिस की प्रथम दृष्टया जांच में बैंक का सीसीटीवी कैमरा व अलार्म काम नहीं कर रहा था। जिसको लेकर एसएसपी ने कड़ी नाराजगी भी जतायी।
घटना के बाद से घबराए हुए हैं कर्मी
बैंक में लूट की घटना के बाद से कर्मी सहमे हुए है। पुलिस के पहुंचने पर भी बदहवासी में उनके मुंह से अावाज नहीं निकल रही थी। महिला कर्मियों का रोककर बुरा हाल था।
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