पौड़ी, मुख्यमत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणाओं को पूरा करने में लापरवाही बरतने पर डीएम पौड़ी ने दो अफसरों का वेतन रोक दिया है। जिलाधिकारी पौड़ी आशीष चौहान द्वारा कलेक्ट्रेट सभागार में मुख्यमंत्री की घोषणाओं की विभिन्न विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। इस बैठक में जिलाधिकारी ने मुख्य शिक्षाधिकारी और जिला विकास प्राधिकरण के सहायक अभियंता के एक माह के वेतन को रोकने के आदेश दिए हैं। दोनों अधिकारी सीएम घोषणा के कार्यों में लेट लतीफी बरत रहे थे।
बता दें कि जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि मुख्यमंत्री की घोषणाओं को उच्च प्राथमिकता में लेते हुए उनसे संबंधित विकास कार्यों को बेहतर गुणवत्ता और पारदर्शिता से संपादित करें। उन्होंने निर्देश दिये कि इस संबंध में कार्यदायी संस्था के निर्माण और उसमें किसी तरह के परिवर्तन, योजना व कार्यों को अन्तर्विभागों के बीच स्थानान्तरित करने तथा भूमि स्थानांतरण के संबंध में अन्तर्विभागीय स्तर से जो भी मार्गदर्शन व समन्वय किया जाना हो, उन सभी प्रक्रियाओं को तत्काल पूर्ण करें। इस संबंध में यदि शासन स्तर से कोई अनुमोदन और मार्गदर्शन लेना हो तत्काल लें।
अफसरों की लापरवाही पर सख्त हुए डीएम पौड़ी :
जिलाधिकारी ने पौड़ी मुख्यालय, त्रिपालीसैंण व थलीसैंण में बहुमंजिला पार्किंग निर्माण के लिए भूमि उपलब्धता से संबंधित औपचारिकताओं को शीघ्रता से पूर्ण करने को कहा. पौड़ी शहर में सीवरेज लाइन, विद्युत लाइन तथा जल निकासी को अन्डरग्राउंड करने के कार्य के संबंध में उपजिलाधिकारी तथा अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद को संयुक्त रूप से स्थलीय निरीक्षण करने और इस संबंध में आख्या उपलब्ध करवाने को कहा।
कृषि के लिए आवंटित वन भूमि पर अवैध खनन, हाईकोर्ट का सरकार से जवाब तलब
नैनीताल, उच्च न्यायालय ने अदालत में दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सख्त रूख अपनाते हुए सरकार से मामले में अपना पक्ष रखने को कहा है। हरिद्वार जिले के लक्सर तहसील के मुजफ्फरपुर मौजां वन ग्राम में 650 बीघा भूमि पर अवैध खनन के मामले में सरकार से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है।
तहसील लक्सर स्थित बाण गंगा नदी के किनारे सटी इस भूमि लोगों को खेती करने के लिये पट्टे पर दी गई थी, लेकिन पट्टेदारों द्वारा उक्त भूमि पर पिछले 06-07 सालों से कृषि कार्य के बजाय अवैध खनन किया जा रहा है। मामले को लेकर सामजिक कार्यकर्ता धर्मवीर सैनी नैनीताल हाईकोर्ट चले गये । याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में इससे जुड़े फोटोग्राफ भी पेश किये गये।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ में सामाजिक कार्यकर्ता धर्मवीर सैनी की ओर से दायर जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि वन महकमे की ओर से हरिद्वार जिले के लक्सर तहसील के मुजफ्फरपुर मौजां गांव के 59 लोगों को 650 बीघा वन भूमि कृषि के लिये पट्टे पर आवंटित की गई थी। पट्टेधारक उक्त भूमि पर कृषि कार्य करने के बजाय अवैध खनन करने लगे।
अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार, हरिद्वार के जिलाधिकारी और प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) से चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है।
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