देहरादून, भर्तियों पर चौतरफा धिरी भाजपा सरकार धीरे धीरे जनता के निशाने पर आ रही है, भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की कसम खाने वाली सरकार अब अपने हाकिमों खेलों से पेशोपेश में फंसी है, इधर मुख्यमंत्री के आदेश पर वन दरोगा भर्ती मामले में 6 लोगों पर एसटीएफ ने मुकदमा दर्ज किया था। एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आज 2 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें हरिद्वार के रहने वाले प्रशांत और रविन्द्र को गिरफ्तार कर लिया गया हैं। एसटीएफ ने साफ कहा जो भी इस भर्ती मामले में शामिल होंगे उनतक पहुंचकर कार्यवाई करेंगे उनके अनुसार अनुचित साधनों का उपयोग करने वालों को बक्शा नहीं जाएगा।
प्रदेश के मुखिया धामी ने ऑनलाइन माध्यम से करवाई गई वन दरोगा भर्ती जांच के लिए डीजीपी अशोक कुमार को निर्देश दिए थे। जिसके बाद डीजीपी ने यह मामला एसटीएफ को सौंप दिया है। एसटीएफ की शुरुवाती जांच में इस भर्ती में धांधली की पुष्टि हो चुकी है और एसटीएफ द्वारा दून साइबर थाने में मुकदमा पंजीकृत करवाया जा चुका है।
बता दें कि वन दरोगा के 316 पदों के लिए वर्ष 2021 में 16 सितंबर से 25 सितंबर तक ऑनलाइन भर्ती परीक्षाएं करवाई गई थी जो कि 18 शिफ्टों में हुई थी। एसटीएफ की जांच में भर्ती में अनियमितताएं पाई गई है और भर्ती में हुए घोटाले की पूरी तरह से पुष्टि हो चुकी है। इस मामले में वन विभाग के प्रमुख वन संरक्षक विनोद कुमार सिंघल ने भी इस परीक्षा में हुए घोटाले की पुष्टि की बात को कबूल किया है। उनका कहना है कि यह सभी भर्तियां अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से हुई है अब जिस प्रकार से शासन आदेश जारी करेगा उस प्रकार की कार्यवाही विभाग द्वारा की जाएगी।
वन दरोगा भर्ती फर्जीवाड़ा में इन आरोपियों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा :
अनुज कुमार निवासी टोडा कल्याणपुर, रुड़की, हरिद्वार।
दीक्षित कुमार निवासी जमालपुर खुर्द, ज्वालापुर, हरिद्वार
मो. जिशान निवासी नगला खुर्द, लक्सर, हरिद्वार।
मो. मजीद निवासी जौरासी मस्त, लंढौरा, मंगलौर, हरिद्वार।
सचिन कुमार निवासी कलियर शरीफ, हरिद्वार।
शेखर कुमार निवासी रायसी, पोडोवाली, लक्सर, हरिद्वार।
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