देहरादून, जनपद के प्रेमनगर पुलिस थाने के कंट्रोल रूम के मुताबिक अवगत कराया गया कि धौलास क्षेत्र में एक व्यक्ति सुभाष शर्मा द्वारा फोन के माध्यम से कंट्रोल रूम को सूचना दी गयी कि आज सुबह से उनके घर में काम करने वाला नौकर राजू नहीं मिल रहा था, जिसकी तलाश हेतू उनकी पत्नी उन्नति शर्मा गई थी परंतु उसके बाद से ही दोनों का कोई पता नहीं चल पा रहा है, जिन्हें उसके द्वारा काफी तलाश किया गया पर उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है।
इस सूचना पर थाना प्रेमनगर से चीता पुलिस कर्मचारीगण मौके पर पहुंचे तथा स्थानीय लोगों के साथ गुमशुदा व्यक्तियों की तलाश प्रारम्भ की। दौराने तलाश पुलिस टीम को घर के पीछे परिसर में ही गुमशुदा महिला व नौकर का पन्नी से ढके खून से लथपथ शव बरामद हुए, जिसके सम्बन्ध में तत्काल उच्चाधिकारीगणों को अवगत कराया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा घटना स्थल पर जाकर मौके पर उपस्थित अधिकारियों से घटना के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की तथा घटना के अनावरण हेतु आवश्यक दिशा- निर्देश दिये गये। मौके पर एफएसएल की टीम द्वारा घटनास्थल तथा आस पास के क्षेत्र से साक्ष्य संकलन की कार्यवाही करते हुए फोटोग्राफी तथा वीडियोग्राफी की कार्यवाही की गयी। प्रथम दृष्टया दोनों मृतकों के सर पर किसी भारी वस्तु से वार कर हत्या किया जाना प्रतीत हो रहा है। पुलिस द्वारा मौके पर मृतक महिला के पति व आस-पास के लोगों से पूछताछ कर घटना के संबंध में सभी पहलुओं की विस्तृत जांच की जा रही है।
नाम पता मृतक :-
1- उन्नति शर्मा पत्नी सुभाष शर्मा निवासी धौलास, थाना प्रेमनगर, देहरादून, उम्र लगभग 55 वर्ष।
2- राजू उर्फ श्याम बहादुर थापा उम्र लगभग 45 से 50 वर्ष।
पॉलिथीन से ढके मिले दोनों के लहूलुहान शव
दून में हुई इस जघन्य हत्याकांड़ की हर एंगल पर पुलिस जांच कर रही है, नौकर और मालकिन की हत्या के बाद घटनास्थल के पास दीवार पर खून से सने हाथ के पंजे के निशान, दोनों शव आसपास होना, शव पॉलिथीन से ढके होना, धारदार हथियार की मार से चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनाई न देना आदि तमाम सवाल घर में मौजूद सुभाष शर्मा के इर्द-गिर्द घूम रहे हैं। पुलिस भी हैरान है कि पत्नी और नौकर के लापता होने की सूचना देने वाले सुभाष शर्मा की नजर रसोईघर की खिड़की के पास क्यों नहीं पड़ी। पुलिस इन्हीं सब सवालों में फिलहाल उलझी हुई है।
घटनास्थल को देखकर हत्या का मामला तो स्पष्ट है, लेकिन वारदात को अंजाम किसने और क्यों दिया। इस सवाल के जवाब के लिए पुलिस कई लोगों से पूछताछ कर रही है। घटनास्थल को देखकर कहीं से भी लूट का मामला भी नहीं लगता, क्योंकि घटनास्थल घर के बाहर है और सुभाष शर्मा सुरक्षित हैं।
घटनास्थल के पास दीवार पर खून से लथपथ हाथ के पंजे के निशान वहां पर संघर्ष की गवाही दे रहे हैं। लगता है कि दोनों ने बचने का भरसक प्रयास किया था। इसके अलावा दोनों को एकसाथ मारने के कोई पुष्टि नहीं हो रही है। साथ ही जानलेवा हमले के पहले कोई तो चिल्लाया होगा, लेकिन चंद कदमों की दूरी पर घर में मौजूद सुभाष शर्मा तक आवाज नहीं पहुंची। यह बात पुलिस के साथ किसी के गले के नीचे नहीं उतर रही है।
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घटनास्थल पर दोनों के शव अगल-बगल पड़े थे। राजकुमार के शव पर सामान्य पॉलिथीन पड़ी थी। जबकि, उन्नति शर्मा के ऊपर चमकीली लेमिनेशन वाली पॉलिथीन थी। ऐसे में यह तय है कि हत्या करने के बाद दोनों को एक साथ लेटाया गया। वहीं दीवार पर हाथ के पंजे के निशान भी ऐसी ही स्थिति की ओर इशारा कर रहे हैं।
बंगले के बगीचे और फुलवारी की लॉपिंग के लिए तमाम औजार घर पर रखे हुए थे, लेकिन पाठल नहीं मिली। बंगले के परिसर में बड़े पेड़ भी हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि पेड़ों की लॉपिंग के लिए पाठल जैसा औजार भी घर में होना चाहिए था। ऐसे में शक यह भी है कि घर में ही रखी पाठल से वार कर दोनों को मौत की नींद सुला दिया गया और फिर पाठल को कहीं छिपा दिया गया।
सुभाष शर्मा की यह कोठी गांव में सबसे बड़ी है। यहां रहने वाले लोग गांव के लोगों से बहुत ज्यादा संपर्क में नहीं रहते थे। ग्रामीणों के अनुसार उनके यहां से कोई गांव की शादी-विवाह में भी शामिल नहीं होता था। यही कारण था कि ज्यादातर ग्रामीणों को तो बंगले के मालिक सुभाष शर्मा का नाम तक नहीं मालूम।
ग्रामीणों के अनुसार अंदर कौन आता-जाता है इस बारे में किसी को खबर नहीं रहती है। सुभाष शर्मा और उनके परिवार वाले किसी से मिलते-जुलते नहीं थे। बस वहां पर दूध देने जाने वाली महिला जाती थी। शर्मा परिवार रोजाना एक लीटर दूध लिया करता था। बुधवार को भी दूध देने के लिए महिला वहां गई थी, लेकिन वह दूध का बर्तन रखकर चली गई।
लंदन से आने के बाद सुभाष शर्मा का कोई रोजगार नहीं था। बताया जा रहा है कि उनके बेटी-बेटा ही सब खर्च आदि भेजते थे। सुभाष शर्मा इस बंगले को फिल्मों और वेब सीरिज की शूटिंग के लिए किराए पर देते थे। यहां पर कभी-कभार बहुत से लोगों को होम स्टे करते भी देखा गया है। हालांकि, उनके पास होम स्टे का लाइसेंस है या नहीं इस बात की जानकारी अभी नहीं मिल पाई है।
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