देहरादून, मुद्दों को पकड़कर वरिष्ठ पत्रकार प्रेम पंचोली ने “कसक की कसौटी” नामक पुस्तक का प्रकाशन करवाया है। यह उनकी पहली पुस्तक है। पुस्तक का आवरण पृष्ठ वरिष्ठ चित्रकार जगमोहन बगाणी ने बनाया है। जिसका आज विधिवत देहरादून स्थित ऑफिसर्स ट्रांजिस्ट होस्टल में लोकार्पण हुआ है। पुस्तक लोकार्पण समारोह में मुख्य अतिथि पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहन सिंह रावत गांववासी, विशेष आमन्त्रित अतिथि सेवानृवित आईएएस कमल टावरी (पूर्व सचिव भारत सरकार), चंद्र सिंह सेवानिवृत आईएएस, वरिष्ठ उधोगपती एचडी शर्मा आदि लोग सम्मलित रहे है।
इस दौरान कार्यक्रम का सफल संयोजन पर्वतीय विकास शोध केंद्र एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय, गढ़वाल उत्तराखण्ड) के नोडल अधिकारी डॉ. अरविंद दरमोडा ने किया है। लोकार्पण समारोह के मुख्य अथिति पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ० मोहन सिंह रावत ने कहा कि यह पुस्तक विकास के वास्ते एक आधार स्तंभ है। समाजो से चुनकर आने वाले जनप्रतिनिधि इस पुस्तक का अनुसरण अवश्य करें। सेवानिवृत आईएएस अधिकारी डॉ. कमल टावरी ने कहा कि यह पुस्तक निराशावादियों को जगाने वाली है। आज यदि इस पुस्तक को लिखने की जरूरत हुई तो एक बार हमें फिर से अपने समाज के बारे में सोचना होगा। पुस्तक के एक एक अध्याय को पढ़ते हुई सेवानिवृत आईएएस अधिकारी चंद्र सिंह ने कहा कि यह पुस्तक उत्तराखंड के पिछड़ते समुदाय की पड़ताल कर रही है। एक अध्याय को पढ़ते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के पुश्तैनी लोक कलाकारों की चिंता वाजिब है जो पुस्तक में भी तथ्यों के साथ प्रस्तुत है।
पुस्तक के लेखक प्रेम पंचोली का परिचय कराते हुए समय साक्ष्य न्यूज़ चैनल की हेड डॉ. सुप्रिया रतूड़ी ने कहा कि प्रेम पंचोली ने जो भोगा, जिया और पत्रकारिता के दौरान समाज को देखते जो अनुभव उन्हें प्राप्त हुआ है उसी का प्रतिफल यह पुस्तक है। यह पुस्तक आंकड़ेबाजी से दूर हो सकती है मगर समाज की सच्चाई बताती है। पिछले 22 वर्षों से प्रेम पंचोली जमीनी स्तर के मुद्दे अपनी कलम से उजागर करते आये है। वे राज्य में मान्यता प्राप्त स्वतंत्र पत्रकार है। आगे भी ऐसे अनछुए मसलों पर उनकी और पुस्तके आएंगी जो समाज को दिशा देने का काम करेगी। इस अवसर पर विनोद आर्या, वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिभुवन सिंह, उधोगपति एचडी शर्मा, पीएल शाह, जिला पंचायत नैनबाग क्षेत्र के सदस्य अमेन्द्र बिष्ट, नीमा आर्या, नरेश नौटियाल, अशिता डोभाल, आकाश, जय प्रकाश करिथ्वल, मुकेश घलवान, राजेन्द्र राजू, आदि लोगो ने पुस्तक पर सारगर्भित चर्चा की है।
पुस्तक का परिचय :
“कसक की कसौटी” नामक पुस्तक उत्तराखंड में दलित मुद्दों की पड़ताल करती है। 120 पृष्ठों की यह पुस्तक उत्तराखंड में दलित उत्पीड़न के क्या मापदंड है, दलितों की भूमि के सवाल, भेदभाव की स्थिति, विकास से पिछड़ते दलित समुदाय के लोग, आरक्षण पर विरोध के स्वर व आरक्षण की आवश्यकता, 2013 की आपदा में दलित समुदाय की उपेक्षा आदि उत्पीडन की फैक्ट्फाईडिंग पुस्तक में प्रमाणित रूप से प्रकाशित है।
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