Monday, November 18, 2024
HomeNationalकिसानों की दो टूक चेतावनी, अगर 4 जनवरी को पक्ष में नहीं...

किसानों की दो टूक चेतावनी, अगर 4 जनवरी को पक्ष में नहीं हुआ फैसला तो उठाएंगे कड़े कदम

“किसान नेता विकास ने संवाददाताओं से कहा, ”अगर सरकार के साथ बैठक में गतिरोध दूर नहीं होता है तो हम हरियाणा में सभी मॉल, पेट्रोल पंपों को बंद करने की तारीखों की घोषणा करेंगे।”

नई दिल्ली, कृषि कानूनों को रद्द करने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दिए जाने की अपनी मांगों पर अड़े किसान संगठनों ने शुक्रवार को कहा कि अगर सरकार चार जनवरी को हमारे पक्ष में फैसला नहीं लेती है तो वे कड़े कदम उठाएंगे। सिंघु बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने अपनी मुख्य मांगों के पूरा नहीं होने पर कदमों की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ अब तक हुई बैठकों में किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों में से केवल पांच फीसदी पर चर्चा हुई है।

किसान नेता विकास ने संवाददाताओं से कहा, ”अगर सरकार के साथ बैठक में गतिरोध दूर नहीं होता है तो हम हरियाणा में सभी मॉल, पेट्रोल पंपों को बंद करने की तारीखों की घोषणा करेंगे।” स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि हरियाणा-राजस्थान सीमा पर शाहजहांपुर में प्रदर्शन कर रहे किसान भी राष्ट्रीय राजधानी की ओर आगे बढ़ेंगे। एक अन्य नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि अगर अगले दौर की बातचीत में कोई ठोस फैसला नहीं हुआ तो छह जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा।

दो मुद्दों पर सरकार-किसानों में बनी सहमति
बीते बुधवार को छठे दौर की औपचारिक बातचीत में सरकार और किसान संगठनों के बीच बिजली की दरों में बढ़ोतरी और पराली जलाने पर जुर्माना को लेकर किसानों की चिंताओं के हल के लिए कुछ सहमति बनी, लेकिन तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के मुद्दों पर गतिरोध कायम रहा। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हजारों किसानों के 41-सदस्यीय प्रतिनिधि समूह और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच वार्ता के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि चार विषयों में से दो मुद्दों पर सहमति के बाद 50 प्रतिशत समाधान हो गया है और बचे हुए दो मुद्दों पर चार जनवरी को दोपहर दो बजे चर्चा होगी।

 

महीनेभर से ज्यादा समय से आंदोलन कर रहे हैं किसान
कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन में ज्यादातर किसान पंजाब और हरियाणा के हैं। सरकार का कहना है कि नए कानूनों से कृषि क्षेत्र में सुधार होगा और किसानों की आमदनी बढ़ेगी लेकिन प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों को आशंका है कि नए कानूनों से एमएसपी और मंडी की व्यवस्था ‘कमजोर होगी तथा किसान बड़े कारोबारी घरानों पर आश्रित हो जाएंगे।

बॉर्डर पर सैकड़ों सुरक्षा कर्मी तैनात
दिल्ली से लगी सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी है जहां सिंघू, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर सैकड़ों सुरक्षा कर्मी तैनात हैं। प्रदर्शन से कई जगह जाम भी लगा और पुलिस को कुछ मार्गो पर यातायात परिवर्तित करना पड़ा। दिल्ली यातायात पुलिस ने शुक्रवार को ट्वीट कर लोगों को बंद मार्गों की जानकारी दी और उन्हें दूसरे मार्गों से होकर गुजरने को कहा गया। उसने ट्वीट किया, ”टिकरी, ढांसा बॉर्डर पर यातायात पूरी तरी बंद है। झटीकरा बॉर्डर केवल हल्के वाहनों, एक या दो-पहिया वाहनों और राहगीरों के लिए खुला है।”

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments