•पर्यावरण संरक्षण व तीर्थाटन में मीडिया की भूमिका पर आयोजित हुई गोष्ठी
•पर्यावरण, तीर्थाटन, मीडिया से जुड़ी कई हस्तियों को भी सम्मान।
चमोली, बदरीनाथ हाईवे अलकनंदा के तट पर ईको टूरिज्म की दृष्टि से महत्वपूर्ण चमोली के निकट बिरही में बदरीनाथ वन प्रभाग के सभागार में शुक्रवार को प्रांतीय श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की चमोली इकाई की ओर से जनपद सम्मेलन आयोजित किया गया। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों में अद्वितीय कार्य कर रही हस्तियों को सम्मानित किया गया। इस क्रम में बदरीनाथ धाम और केदारनाथ की तीर्थयात्रा को व्यवस्थित रुप देने पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय को सम्मानित किया गया है।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि पहली बार उत्तराखंड चार धाम सहित श्री बदरीनाथ- केदारनाथ यात्रा व्यवस्थित ढ़ग से चली है लाखों तीर्थयात्रियों ने सरलता- सुगमतापूर्वक धामों के दर्शन किये है जिसके लिए बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कई चुनौतियों से जूझकर भगीरथ प्रयास किये जिसके सुखद परिणाम सबके सामने है।
इसी क्रम में गोविंदघाट गुरुद्वारे के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह, वरिष्ठ पत्रकार रजपाल बिष्ट, क्रांति भट्ट, पुष्कर सिंह नेगी और जन सरोकारों से जुड़े व व्यापार मंडल अध्यक्ष अंकोला पुरोहित को प्रतीक चिन्ह और शॉल भेंटकर सम्मानित किया गया।
इसके पश्चात पर्यावरण संरक्षण व तीर्थाटन में मीडिया की भूमिका विषय पर गोष्ठी आयोजित हुई। गोष्ठी में मुख्य अतिथि जिलाधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि हिमालय क्षेत्र में चारधाम यात्रा के साथ ही कई ऐसे तीर्थस्थल और पर्यटन स्थल हैं, जो पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की नजरों से दूर हैं। ऐसे स्थलों को आगे लाने के प्रयास होने चाहिए। आज हिमालय क्षेत्र में इको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसमें सबकी भागेदारी बेहत जरुरी है। चमोली जनपद का एट्रो विलेज बैनीताल आज देश-दुनिया में अपनी पहचान बना चुका है। चमोली के पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल ने चारधाम यात्रा के संचालन और आपदाओं के दौरान पुलिस के कार्यों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि चमोली जनपद चारों ओर से तीर्थाटन व पर्यटन स्थलों से घिरा हुआ है। यहां की प्राचीन धरोहरों को देश-दुनिया में पहुंचाने का काम किया जाना चाहिए।
सीपीबी पर्यावरण विकास समिति के न्यासी ओम प्रकाश भट्ट ने कहा कि चमोली जनपद चिपको आंदोलन की धरती है। यहां आज भी लोगों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति ललक है। उन्होंने समिति की ओर से किए गए विभिन्न क्रियाकलापों के बारे में बताया।
इस मौके पर श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अवधेष भार्गव, प्रांतीय अध्यक्ष शंकर दत्त शर्मा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्र रावत, जिलाध्यक्ष प्रमोद सेमवाल, महामंत्री केके सेमवाल, जोशीमठ तहसील अध्यक्ष प्रदीप भंडारी, शेखर रावत, नंदन बिष्ट, सुरेंद्र रावत, राजकुमार तिवारी, संदीप कुमार, सुरेंद्र सिंह गड़िया, राम सिंह राणा, मनोज रावत, विवेक रावत सहित विभिन्न प्रांतों से पहुंचे मीडिया कर्मी मौजूद रहे।
उत्तराखंड पुलिस पेंशनर्स एसोसिएशन का सम्मेलन, समस्या और समाधान पर हुई चर्चा
देहरादून, उत्तराखंड पुलिस पेंशनर्स एसोसिएशन के तत्वावधान में स्थानीय पुलिस लाईन के सभागार में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया, प्रदेश उपाध्यक्ष कुलदीप सिंह असवाल की अध्यक्षता में आयोजित इस सम्मेलन में आगामी नवंबर में प्रस्तावित पुलिस पेंशनर्स वार्षिक सम्मेलन के परिप्रेक्ष्य में विचार विमर्श व तैयारियों व किसी सदस्य की कोई समस्या हों उसके समाधान पर आवश्यक कार्रवाई करने हेतु चर्चा की गई। सम्मेलन को सचिव जगदीश चन्द्र आर्य, उपाध्यक्ष कुलदीप सिंह असवाल, श्रीधर बडोला, बी. के. जुयाल, बी. बी. डी. जुयाल, इंद्रजीत सिंह रावत, आदि ने संबोधित किया, रामेश्वर सिंह रावत, सोहनवीर सिंह धीरवाण, राजीव द्विवेदी, एम पी सैनी, सत्येंद्र सिंह मोहन लाल, तारादत्त डिमरी आदि द्वारा अपनी अपनी समस्या बतायी और निवारण की उम्मीद जतायी। सम्मेलन में लगभग सभी पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित थे | अन्त में सचिव श्री जगदीश चन्द्र आर्य द्वारा सभी कल्याण कारी समस्यायों के निराकरण के आश्वासन पर सम्मेलन को संबोधित कर विराम दिया गया।
आपदा एवं कोविड के दौरान जनसहयोग कार्यो के लिये स्व.सन्दीप उनियाल को मरणोपरांत ‘प्रज्ञान’ की उपाधि से किया सम्मानित
उत्तरकाशी, आपदा प्रबंधन जनमंच के द्वारा मंच के महासचिव स्व.सन्दीप उनियाल जी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई साथ ही उनके द्वारा उतरकाशी में आपदा एवं कोविड के दौरान जनसहयोग के लिए उतरकाशी आपदा प्रबंधन जनमंच ने उनको आज मरणोपरांत ‘प्रज्ञान’ की उपाधि देकर सम्मानित किया । श्रद्धासुमन अर्पित करने के साथ ही उनके द्वारा शुरू किए गए कार्य के लिए ग्राम विकास के कार्य एवं शिक्षा के कार्य को निरन्तर आगे बढ़ाने में सहयोग के लिए मंच के सदस्यों को अलग अलग जिम्मेदारी दी गई। श्री संदीप उनियाल की स्मृति में 24 सितंबर को जनपद स्तर पर एक भव्य कार्यक्रम प्रस्तावित किया गया। जिसमें सामाजिक सरोकारों से जुड़े लोग व विभिन्न ग्राम पंचायत के लोगो को आमंत्रित किया जाएगा।
इस दौरान उपस्थित लोगो ने उनके साथ किए कार्यों के अनुभव साझा किए।
आज की बैठक के बाद उतरकाशी आपदा प्रबंधन जनमंच की कार्यकारणी को विस्तार के साथ मंच के स्वरूप और क्रिया कलाप को लेकर रीजनल बैठक की गई।
सर्वसम्मति से कल्पना ठाकुर को महासचिव, पवित्रा राणा को सहसचिव व कोषाध्यक्ष पद पर श्री मोहन डबराल जी को चुना गया।
मार्गदर्शक मंडल में नए सदस्यों को चुना गया जिसमें शैलेंद्र नोटियाल, कुशला प्रसाद बहुगुणा, गौतम भट्ट, माधव जोशी, करण सिंह, डा. महेंद्र पाल परमार, माउंटेन हब शामिल है।
मंच के संरक्षक गोपाल थपलियाल ने कहा की श्री संदीप उनियाल का जाना पूरे उत्तरकाशी की क्षति है उनके कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए मंच के सभी सदस्य तन मन धन से परिवार के साथ खड़े रहेंगे।
मंच के अध्यक्ष द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा की श्री उनियाल के सामाजिक कार्यों को आगे बढ़ाने के साथ परिवार को भी सहयोग दिया जायेगा, जब तक रेणुका समिति का नया बोर्ड मजबूती के साथ खड़ा नही होता तब तक हर संभव सहयोग किया जाएगा।
इस अवसर पर माउंटेन हब के अनमोल बिष्ट, गोपाल थपलियाल, कल्पना ठाकुर, भूपेंद्र रावत, डा.शंभू नोटियाल, हिमला, पवित्रा राणा, रोहित कुमार, अजय पंवार, माधव जोशी, खुशपाल, कुशला प्रसाद बहुगुणा, मोहन डबराल, डा. महेंद्र पाल परमार, हरीश डंगवाल, गौतम भट्ट, रविंद्र नोटियाल, राखी राणा, एकादशी भारती, अजय कुमार, अतर सिंह पंवार पूर्व प्रधान साल्ड, वीरेंद्र राणा, शैलेंद्र नोटियाल ,अजय बडोला आदि मौजूद रहे।
लिंग आधारित भेदभाव तथा हिंसा और इसके आयाम‘ विषय पर दून पुस्तकालय में हुई विचार गोष्ठी
देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से ‘लिंग आधारित भेदभाव तथा हिंसा और इसके आयाम‘ विषय पर संस्थान के सभागार में एक विचार गोष्ठी का कार्यक्रम आयोजित किया गया। सामाजिक कार्यकर्ती दीपा कौशलम की ‘दीपा कौशलम द्वारा प्रस्तुत वार्ता श्रृंखला’ के तहत इस महत्वपूर्ण गोष्ठीे में डॉ. राजेश पाल, अंजुम प्रवीन, नीलम तथा सुरेंद्र हर्ष ने भाग लिया।
कार्यक्रम का संचालन शिवानी पांडेय ने किया। मुख्य रुप से इस गोष्ठी में पुरुष-महिला और तीसरे लिंग के मध्य लिंग भेदभाव अंतर पर आधारित विविध बिन्दुओं पर सार्थक बातचीत की गई और इनसे जुड़े मुद्दों पर संगठित प्रशिक्षण व कार्यशालाओं की आवश्यकता पर जोर देने की बात की गई।
वक्ताओं का मानना था कि लिंग आधारित भेदभाव पर आधारित पूर्व धारणाओं, रूढ़िवादिता पारंपरिक मानसिकताओं को समाज से हटाने तथा इन भेदभावों से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए सकारात्मक तरीके से निरन्तर कार्य किये जाने की जरुरत है। अपने वक्तव्य में दीपा कौशलम ने कहा कि इस तरह के सत्रों का उद्देश्य प्रतिभागियों को परिवार और व्यापक स्तर पर समाज द्वारा लागू विकास की इस रणनीति को समझने के लिए अंतर्दृष्टि और दृष्टि प्रदान करना है। उत्तरजीवी के अनुभवों को सुनकर और समझकर प्रतिभागी लिंग को समझने में सक्षम होंगे। उम्मीद है कि यह श्रृंखला एक मार्ग प्रशस्त करेगी। वक्ताओं ने अपने लिंग आधारित भेदभाव से जुड़े निजी अनुभवों भी साझा किये।
कुल मिलाकर वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि इस तरह के संवाद सत्रों का उद्देश्य पेशेवरों को एक मंच प्रदान करना है ताकि अतार्किक विचार प्रक्रिया को दूर किया जा सके और उसके स्थान पर तार्किक शिक्षा दी जा सके। प्रकृति ने हर प्राणी को खास और अलग बनाया है लेकिन यह तब खराब हो जाती है जब मतभेद, भेदभाव में परिवर्तित हो जाता है। लिंग आधारित हिंसा, लिंग आधारित भेदभाव का एक उन्नत संस्करण है। लिंग-आधारित भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को लागू करने के दौरान सभी लोगों को (उनके लिंग की परवाह किए बिना) अनेक विषमताओं और कठिनाईयों से गुजरना पड़ता है। लगभग सभी को अच्छा होने के लिए समाज द्वारा बनाए गए कठोर नियमों का पालन करने के लिए मजबूर किया जाता है। यह प्रवर्तन व्यक्तिगत विकास के सहज और प्राकृतिक प्रक्षेप पथ को रोकता है। यह डर हमेशा बना रहता है कि भेदभाव जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से है उसका सामना करने वाले लोग भावनात्मक रूप से कठोर, निंदक और पाखंडी बन सकते हैं – यहां तक कि अनजाने में भी।
उल्लेखनीय है कि सामाजिक कार्यकर्ती के तौर पर दीपा कौशलम ने बहुत कम उम्र से ही लड़कियों और महिलाओं के लिए बनाए गए सामाजिक मानदंडों के प्रति सवालिया रवैया अपनाया। लिंग के बीच भेदभाव हमेशा उसके लिए श्अस्वीकृतश् क्षेत्र रहा है। वह कई भूमिकाएँ निभाती है जैसे शिक्षण, सामुदायिक आउटरीच पहल, लैंगिक भेदभाव और हिंसा का सामना करने वाली महिलाओं, युवाओं और बच्चों को सामाजिक और कानूनी सहायता प्रदान करना, महिला हेल्पलाइन स्थापित करना, किसानों की आजीविका परियोजनाएं और स्प्रिंगशेड और वाटरशेड विकास कार्यक्रम, स्थायी प्रथाओं के लिए ग्राम स्तर के संस्थानों को बढ़ावा देना आदि। दीपा कौशलम एक सलाहकार भी हैं जो लिंग परिप्रेक्ष्य के साथ सामुदायिक गतिशीलता, संस्था निर्माण और सुदृढ़ीकरण में काम कर रही हैं। उन्हें नेशनल फाउंडेशन ऑफ इंडिया से सामुदायिक कार्य के लिए ॅप्ैब्व्डच् आइकन ऑफ करेज अवार्ड और सी. सुब्रमण्यम अवार्ड मिले हुए हैं।
सभागार में उपस्थित लोगों ने इस विषय से जुड़े अनेक सवाल-जबाब भी किये। इस अवसर पर सभागार में कई सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्विजीवी, संस्कृति व साहित्य प्रेमी, पुस्तकालय के सदस्य तथा साहित्यकार व युवा पाठक उपस्थित रहे।
रास्ते की यह तस्वीर गवाह है उदासीनता और इच्छाशक्ति….!
ॠषिकेश, उत्तराखंड़ की अंतरराष्ट्रीय योग नगरी ऋषिकेश से राजधानी देहरादून जाने वाले रास्ते की यह तस्वीर गवाह है उदासीनता और इच्छाशक्ति न होने की। यहां, आगराखाल की ओर से आने वाली चंद्रभागा नदी द्वारा मिट्टी काटने के कारण भूस्खलन भी हो रहा है और सड़क भी टूट रही है। मजे की बात यह है जी 20 सम्मेलन के नाम पर शहर को चमकाने का दावा करने वाली राज्य सरकार के विकास कार्यों की पोल भी अब डामर उखड़ती सड़कों से खुल रही है।
इधर, इस मार्ग से गुजरने वाले विधायकों, मंत्रियों, अधिकारियों को परवाह नहीं है कि यहां कभी भी बड़ा हादसा भी हो सकता है। इस रोड से कई वाहन देहरादून ऋषिकेश गुजरते हैं इसमें बसें भी होती है नगर विकास मंत्री, वन मंत्री, मुख्यमंत्री,सिंचाई मंत्री, भाजपा अध्यक्ष, कई अधिकारियों और आम लोगों की गाड़ियां गुजराती है। हाल ही हिमाचल और उत्तराखंड में अनेक भूस्खलन की घटनाएं हुई । लेकिन प्रशासन को इंतजार किस बात का है।
मां नन्दा देवी मेले के पोस्टर का हुआ विमोचन, मेले को दिया जाएगा भव्य स्वरूप
अल्मोड़ा-अल्मोड़ा में होने वाले विश्व प्रसिद्ध नंदा देवी महोत्सव को लेकर नंदा देवी मंदिर समिति के अध्यक्ष मनोज वर्मा द्वारा आयोजित पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। जिसमें समिति ने मां नंदा देवी के पोस्टर का विमोचन करते हुए बताया कि 20 सितंबर को गणेश पूजन के साथ महोत्सव का शुभांरभ किया जाएगा। मां नंदा सुनंदा की मूर्तियों को बनाने के लिए कदली वृक्षों को इस बाद नगर से लगे फलसीमा गांव से सूबेदार जसवंत सिंह के खेतों से लाया जाएगा। जहां पर 21 सितंबर को कदली वृक्षों को आमंत्रण देने को मंदिर पुजारी सहित समिति के लोग जाएंगे। वही, 22 सितंबर की सुबह आमंत्रित किए गए वृक्षों को मंदिर में लाया जाएगा। जहां पर पूजा अर्चना के बाद स्थानीय कलाकार कदली वृक्षों से मां नंदा सुनंदा की मूर्तियों का निर्माण करेंगे।
23 सितंबर को अष्टमी के दिन मंदिर में विशेष पूजा अर्चना होगी। वही, 26 सितंबर तक से भक्त माता के दर्शन कर सकेंगे। 27 सितंबर को पूरे बाजार मे मां नन्दा सुनंदा की शोभायात्रा निकलेगी। दुगालखोला स्थित नौले में मां नंदा सुनंदा की मूर्तियों के विसर्जन के साथ ही मेला संपन्न होगा। पूर्व की तरह ही इस बार भी मेले को स्वरूप भव्य किया जाएगा। जिसमें नगर और बाहर के व्यापारियों को आमंत्रित किया गया है। मेला समिति का कहना है की मेले को भव्य बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे है।इस बार मेले के दौरान अनेक खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित कराई जा रही हैं।अधिक से अधिक संख्या में लोग मेले में प्रतिभाग कर सके इसके लिए भरसक प्रयास किये जा रहे हैं।मेला समिति के अध्यक्ष मनोज वर्मा ने अल्मोड़ा की सम्भ्रांत जनता का भी आह्वाहन किया कि मेले को भव्य एवं आकर्षक बनाने के लिए सभी इसमें अपनी भागीदारी सुनिश्चित उन्होंने बताया कि एडम्स फील्ड में रंगारंग कार्यक्रमों के साथ दुकानें भी सजेंगी।इसी के साथ मां नन्दा देवी मेले के पोस्टर का भी विमोचन किया गया।नंदा देवी महोत्सव के संबंध में आयोजित प्रेस वार्ता में मां नंदा देवी पोस्टर के विमोचन के अवसर पर अध्यक्ष मनोज वर्मा ,मनोज सनवाल सचिव मुख्य संयोजक, तारा चंद्र जोशी सांस्कृतिक संयोजक,हरीश बिष्ट कोषाध्यक्ष, किशन गुरुरानी संरक्षक,अमरनाथ सिंह नेगी मीडिया प्रभारी,जीवननाथ वर्मा,धन सिंह मेहता,अनूप शाह व्यवस्थापक,डॉ निर्मल जोशी,परितोष जोशी प्रदेश उपाध्यक्ष कांग्रेस कमेटी,आनंद बगडवाल,जगत तिवारी,हरीश कनवाल,आशुतोष जोशी,मोहन कांडपाल,हर्षित, सुमित, आयुष वर्मा, शैलेंद्र वर्मा,अमित साह सभासद,पुष्पा सती,गीता मेहरा,मीना भेसोड़ा, लता तिवारी, राधा विष्ट,रवि गोयल,रवि कनौजिया,कुलदीप मेर,सुमित शाह, वरुण,रक्षित,संजय शाह आदि उपस्थित रहे।
प्रतिभावान खिलाड़ी खेलों से संवारेंगे अपना भविष्य : डा .शशि बाला
राजकीय महाविद्यालय पोखरी में कॉलेज के क्रीडा विभाग द्वारा किया एक महत्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन
मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत प्रतिभावान खिलाड़ी संवारेंगे भविष्य
टिहरी (नरेन्द्रनगर), मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन खेल छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत राजकीय महाविद्यालय पोखरी में कॉलेज के क्रीडा विभाग द्वारा एक महत्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस मौके पर कॉलेज की प्राचार्य डॉ. शशी बाला वर्मा ने संगोष्ठी में बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत प्रतिभावान खिलाड़ी अपनी मेहनत के दम पर खेलों को कैरियर बनाने का संकल्प लेकर अपने भविष्य को संवारते हुए उज्ज्वल बना सकते हैं।
इस कार्यक्रम के प्रति रुचि लेने वाले खेलों के पारखी व गढ़वाल मंडल के खेल प्रशिक्षक दाताराम भट्ट तथा महाविद्यालय के क्रीड़ा प्रभारी डॉ राम भरोसे की सराहना करते हुए प्राचार्य ने उम्मीद जताई है कि महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं ऊंचे हौसलों और उम्मीदों के साथ खेलों में रुचि लेंगे तो निश्चित ही वे सफलता हासिल करने में कामयाब होंगे।
गढ़वाल मंडल के खेल प्रशिक्षक दाताराम भट्ट ने इस योजना के विषय में छात्र -छात्राओं को विस्तार से अवगत कराया।
अपने सम्बोधन में उन्होंने बताया कि योजना में विजयी खिलाडियों को प्रतिमाह 2000/- और वर्ष में एक बार 10000/- की धनराशि क्रीड़ा सामग्री क्रय हेतु छात्रवृत्ति के रूप में प्रदान की जायगी।
महाविद्यालय के क्रीड़ा प्रभारी डा० राम भरोसे ने छात्र-छात्राओं को खेलों के प्रति अभिरुचि बढ़ाने को कहा। उन्होंने कहा कि आज के दौर में खेलों के प्रति रुचि लेने वाले प्रतिभावान खिलाड़ियों ने खेलों के माध्यम से अपना करियर बना डाला है। उन्होंने कहा कि जहां खेल आज के समय में रोजगार का जरिया बन चुका है, वहीं स्वास्थ्य के लिए लाभदायक साबित होता है। उन्होंने कहा कि खेलों के साथ अध्यनरत रहना भी जीवन की सार्थकता को साबित करता है। लिहाजा खेलों के साथ अध्ययन भी जरूरी है। कहा कि विद्यालय में कीड़ा सामग्री का जीवन निर्माण के लिए निरंतर सदुपयोग करें।
इस मौके पर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ० शशि बाला वर्मा के मार्गदर्शन में नोडल अधिकारी डॉ० राम भरोसे द्वारा एक अभिविन्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसके अंतर्गत नवागंन्तुक प्रवेशार्थियों को सेमेस्टर प्रणाली और NEP2020 के विषय में प्रोजेक्टर के माध्यम से विस्तार जानकारी दी गई। महाविद्यालय में आयोजित दो कार्यक्रमों के दौरान सरिता देवी, डॉ० मुकेश सेमवाल, डॉ० बंदना सेमवाल, डॉ० विवेकानंद भट्ट,रचना राणा,रेखा नेगी,अंकित कुमार, कु०अमिता, दीवान, सुनीता,राजेद्र प्रसाद, मूर्ति आदि ने अपनी सक्रिय भूमिका अदा की। इस मौके पर महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारी मौजूद रहे।
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