–मिलेगी एयर एंबुलेंस व ड्रोन सेवा
–पैदल यात्रा मार्गों पर बनेंगे मेडिकल रिलीफ प्वाइंट
नई दिल्ली, चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए इस बार सरकार विशेष स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने जा रही है। नई व्यवस्था के तहत यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को त्रिस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी। जिसमें यात्रा मार्गों पर 108 आपातकालीन एंबुलेंस सेवा के साथ ही एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस (एएलएस) व कार्डिक एंबुलेंस सेवा भी उपलब्ध रहेगी। इसके अलावा एम्स ऋषिकेश के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग आपातकाल में एयर एंबुलेंस सेवा के साथ ही जीवनरक्षक दवाइयां पहुंचाने के लिए ड्रोन सेवा भी उपलब्ध कराएगा।
नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में चारधाम यात्रा को लेकर आयोजित बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। जिसमें चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया गया। केंद्रीय मंत्री की ओर से सहमति देते हुए शीघ्र डीपीआर उपलब्ध कराने को कहा गया।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर डीपीआर तैयार कर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दे दिए। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा मार्गों पर 108 आपातकालीन सेवा, एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस के साथ ही कार्डिक एंबुलेंस सेवा की त्रिस्तरीय व्यवस्था उपलब्ध रहेगी। स्वास्थ्य विभाग व मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ पीजी छात्रों को भी चारधाम यात्रा में तैनात किया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर यात्रा काल के लिए मेडिकल, पैरामेडिकल व नर्सिंग स्टॉफ की अतिरिक्त तैनाती भी यात्रा मार्गों पर की जाएगी।
बैठक में श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में कैथ लैब एवं ट्रामा सेंटर स्थापित करने पर भी सहमति बनी। इसके अलावा एम्स ऋषिकेश, दून मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज आपसी समन्वय बनाते हुए आपातकालीन स्थिति में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में एयर एंबुलेंस सेवा व दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए ड्रोन की सेवाएं उपलब्ध करायेंगे। डॉ. रावत ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने चारधाम यात्रा में स्वास्थ्य सेवाओं के ढांचे को मजबूत करने के लिए पर्याप्त राशि स्वीकृत करने का आश्वासन दिया। बैठक में स्वास्थ्य सचिव आर. राजेश कुमार, अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, सीएमओ चमोली डा. राजीव शर्मा, सीएमओ रुद्रप्रयाग डॉ. एचसीएस मार्ताेलिया, सीएमओ उत्तरकाशी डॉ. आरसीएस पंवार समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।
यात्रा मार्ग पर पढ़ने वाले चिकित्सालयों का उच्चीकरण
डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि चारधाम यात्रियों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले चिकित्सालयों का उच्चीकरण आवश्यक है ताकि यहां आने वाले यात्रियों को अधिक ऊंचाई वाले यात्रा मार्गों पर आधुनिकतम चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराई जा सके। इसके लिए उत्तरकाशी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़कोट, भटवाडी, रुद्रप्रयाग में ऊखीमठ, चमोली में जोशीमठ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के उच्चीकरण का प्रस्ताव केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया के समक्ष रखा गया। केंद्रीय मंत्री ने डीपीआर उपलब्ध कराने को कहा।
पैदल यात्रा मार्गों पर बनेंगे मेडिकल रिलीफ प्वाइंट
केदारनाथ, यमुनोत्री, हेमकुंड साहिब की पैदल मार्ग पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रत्येक एक किलोमीटर की दूरी पर मेडिकल रिलीफ प्वाइंट (एमआरपी) स्थापित किए जाने की सैद्धांतिक सहमति बनी है। जिनका निर्माण इस तरह से किया जाएगा कि वह भारी बर्फबारी व बरसात में भी मजबूती के साथ टिके रह सकें। इन स्थानों पर यात्रा काल के दौरान चिकित्सकों के साथ ही फार्मासिस्ट व पैरामेडिकल स्टॉफ भी तैनात रहेगा। जिनके पास ईसीजी मशीन, पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलिंडर के साथ जरूरी जीवनरक्षक दवाइयां उपलब्ध रहेंगी। योजना का विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर शीघ्र केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा : पेपर के चार सेट में न तो सवालों के क्रम बदले गए और न ही ऑप्शन के : बॉबी पंवार
‘प्रश्न पत्र को लेकर उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने उठाए गंभीर सवाल’
‘उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अधिकारियों को नैतिकता के आधार पर देना चाहिए इस्तीफा‘
देहरादून, उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने रविवार को हुई कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। अध्यक्ष बॉबी पंवार ने दावा किया कि पेपर के चार सेट में न तो सवालों के क्रम बदले गए और न ही ऑप्शन के। पेपर खत्म होने के बाद एकता विहार स्थित धरना स्थल पर बॉबी पंवार ने पत्रकारों से वार्ता के दौरान पेपर के ए, बी, सी और डी सेट दिखाते हुए कहा कि इनमें सवालों का क्रम नहीं बदला गया है। चारों सेट में एक से लेकर 100 तक प्रश्न और उत्तर के ऑप्शन का क्रम एक जैसा है। ये गंभीर विषय है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कई सेंटरों पर ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां पेपर पर सही से सील नहीं थी। देहरादून का मामला बताते हुए दावा कि पेपर पर एक सीलें टूटी हुई थी और एक्ट्रा सील लगी थी। उन्होंने एक प्रश्न पत्र दिखाते इसे साक्ष्य के तौर पर प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि प्रश्न पत्र और ओएमआर शीट का क्रमांक एक जैसा होता है।
आरोप लगाया कि कई जगह ओएमआर और प्रश्न पत्र क्रमांक अलग-अलग थे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अधिकारियों को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए। सवाल उठाया कि अगर पेपर के चार सेट बनाने थे तो क्यों प्रश्न और उत्तर के ऑप्शन का एक जैसा क्रम रखा। बॉबी पंवार ने उत्तर कुंजी रटवाने की आशंका जताई। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने पेपर की सील से छेड़छाड़ की हो या उत्तर कुंजी हासिल कर ली हो, वह अपने लोगों को प्रश्नों के उत्तर दे सकते हैं। उदाहरण के तौर पर प्रश्न एक का बी या दो का सी! इस तरह से लिखकर दे सकते हैं या रटा सकते हैं। चूंकि चारों सेटों में क्रम एक जैसा है, ऐसे में किसी के पास कोई भी सेट आ जाए, इससे फर्क नहीं पड़ता।
बॉबी ने कहा कि जांच करना सरकार का काम है, चीजें रखना हमारा काम। हमें राज्य की जांच एजेंसियों पर भरोसा नहीं है। शिकायतें दबाई जा रही हैं। चार सेट एक जैसे दे दिए, ऐसा तो पहले कभी नहीं हुआ। यह आसान तरीका है, जिससे कुछ लोगों को फायदा पहुंचाया जा सकता है। आयोग के अधिकारियों-कर्मचारियों की अच्छे से जांच होनी चाहिए। जांच सीबीआई को दी जाए, हम इस मांग पर कायम रहेंगे। कनिष्ठ सहायक के पेपर के सेटों में सवालों के क्रम नहीं बदले जाने को लेकर सोशल मीडिया पर भी सवाल उठे। राजेश बिजल्वाण नाम के यूजर ने लिखा कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के आज हुए कनिष्ठ सहायक के पेपर में प्रश्न पत्र के सेट ए,बी,सी,डी के सारे प्रश्न जैसे क्रमांक में दिए गए। ऑप्शन भी एक ही क्रम में दिए गए। इसे क्या समझा जाए, जिसे अफवाह लग रही हो वह खुद चारों सेट चेक कर लें।
कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा में प्रश्नपत्रों के सभी सेट में प्रश्नों के एक ही क्रम में होने की शिकायत उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को भी मिली है। इस पर आयोग ने साफ किया है कि प्रश्नों के एक ही क्रम में होने से परीक्षा की गोपनीयता पर कोई असर नहीं पड़ा है। यह परीक्षा पूरी तरह से पारदर्शिता के साथ हुई है। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत ने कहा कि कनष्ठ सहायक पदों के लिए रविवार को हुई लिखित परीक्षा पूरी तरह शांतिपूर्ण तरीके से हुई है। प्रश्नपत्रों के सभी सेट में प्रश्नों के एक ही क्रम में होने की शिकायत जरूर आयोग तक भी पहुंची है, लेकिन इससे परीक्षा की गोपनीयता पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। सचिव रावत ने कहा कि प्रश्नपत्र के सभी सेट में प्रश्नों के एक ही क्रम में होने की शिकायत परीक्षा के दौरान नहीं की गई।
सभी परीक्षा कक्ष में परीक्षक तैनात थे और इस कारण एक-दूसरे से पूछने का सवाल ही पैदा नहीं होता। अभ्यर्थियों को भी इसकी जानकारी परीक्षा हॉल के बाहर आकर ही मिली होगी। इससे परीक्षा की वश्विसनीयता पर सवाल नहीं उठाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि विभन्नि माध्यमों से प्रश्नपत्र की सीरीज को आधार बनाकर भ्रामक और आधारहीन सूचनाएं प्रसारित की जा रही हैं, जो पूरी तरह से निराधार और असत्य हैं। आयोग के सचिव ने कहा कि परीक्षा के दौरान किसी भी केंद्र पर आयोग की परीक्षा में अनियमितता या नकल संबंधी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
वनों में आग की चुनौती इस बार दिखने लगी ज्यादा, पर्वतीय क्षेत्र में जंगल की निगरानी को लेकर मिले निर्देश
हल्द्वानी, उत्तराखंड में वनों में आग की चुनौती इस बार ज्यादा दिखने लगी है। 15 फरवरी से अब तक प्रदेश में 107.25 हेक्टेयर जंगल जल चुका है। आगे भी वर्षा की संभावना कम है। ऐसे में फील्ड ड्यूटी से जुड़े वनकर्मियों को इस बार अवकाश नहीं मिलेगा। पर्वतीय क्षेत्र में आग के लिहाज से संवेदनशील जंगल की निगरानी को लेकर विशेष निर्देश मिले हैं। जबकि मैदानी क्षेत्र में अराजक तत्वों के अलावा तस्करों की घुसपैठ की आशंका है। उत्तराखंड में आग की 67 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। जिनमें गढ़वाल का 40.68 और कुमाऊं का 35.55 हेक्टेयर जंगल जल चुका है। इसके अलावा वन्यजीव विहार यानी नेशनल पार्क और अभयारण्य में 21 हेक्टेयर जंगल को नुकसान पहुंचा है। बढ़ता तापमान वन विभाग के लिए और दिक्कत पैदा कर सकता है।
ऐसे में होली के दौरान गश्ती दलों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। पश्चिमी वृत्त के वन संरक्षक दीप चंद्र आर्य ने बताया कि अपरिहार्य स्थिति में ही वनकर्मियों को अवकाश दिया जाएगा। कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्रों में जंगलों का जलना लगातार जारी है। इससे वातावरण में भी धुंध छाने लगी है। रविवार की रात से बागेश्वर जिला मुख्यालय से लगे चंडिका धार और छतीना के जंगल जल रहे हैं। आसपास रहने वाले लोगों को जंगल की आग घरों तक पहुंचने की चिंता सता रही है। लोग रतजगा कर रहे हैं। रेंजर एसएस करायत ने बताया कि जिला मुख्यालय के समीप की आग बुझा दी है। छतीना के जंगल की आग पर भी काबू पा लिया जाएगा। अल्मोड़ा जिले के हवालबाग, लमगड़ा, धौलादेवी आदि ब्लाकों में आग लगने का दौर जारी है। ग्राम रोलाकोट सिमल्टी के पास जंगल सोमवार रात भर धधकते रहा। आग समीप के ग्राम गंगापानी में पहुंच गई थी। वन विभाग और ग्रामीण बमुश्किल आग पर काबू पा सके। वहीं रात में रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे से सटे भड़गांव के जंगल का कई हेक्टेयर क्षेत्र आग से प्रभावित हुआ है। इधर, नैनीताल शहर के समीपवर्ती देवीधूरा क्षेत्र के जंगल में सोमवार रात अचानक आग भड़क गई। आग आबादी क्षेत्र की ओर बढ़ने लगी तो ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। वन कर्मियों ने कड़ी मशक्कत कर आग पर काबू पाया।
जी 20 की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी ने निरीक्षण किया
रामनगर, जी 20 की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने नयागांव से ढिकुली तक स्थलीय निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। विदेशी डेलीगेट्स के निर्धारित रुत नयागांव से रामनगर तक लोनिवि, वन, राजस्व व अन्य विभागीय अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक सम्पत्तियों पर रंग-रोगन, मरम्मत व निर्माण कार्य शुरू कर दिया है।
स्थलीय निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी रामनगर, कालादूँगी को क्षेत्र में सक्रिय होकर पुलिस के साथ मिलकर अवैध अतिक्रमण , बेतरकीब से लगे साइनेज हटाने के निर्देश दिए। हालांकि क्षेत्र से काफी साइनेज व होर्डिंग हटाये गए है व हटाने का कार्य गतिमान है। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि अधिकारी पुरानी सरकारी परिपाटी से हटकर नवीनता का समावेश निर्माण कार्यों में करें। सिंचाई विभाग द्वारा बैराज की रैलिंग में हरे व सफेद रंग से रोगन का कार्य शुरू कर दिया गया है जिससे बैराज की सुंदरता भी बढ़ रही हैं।
इसके साथ ही बैराज की दूसरी ओर लाइटिंग, सीजनल फूल व पेड़ो की लौपिंग का कार्य भी गतिमान है। पिछले गुरुवार को रामनगर में बैठक लेते हुए जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता सिंचाई को बैराज के सौंदर्यीकरण व रंग रोगन के निर्देश दिए थे। डेलीगेट्स के रूट पर आने वाले राजकीय प्राथमिक विद्यालय नया गांव, कमोला व ढिकुली में शिक्षा विभाग द्वारा रंग रोगन, मरम्मत व निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया है। विद्यालयों के सुदृढ़ीकरण हेतु रामनगर के होटल स्वामियों द्वारा भी सीएसआर फंड से धनराशि देने पर सहमति दी गई है।
जिलाधिकारी को निरीक्षण के दौरान कॉर्बेट क्षेत्र में पहले से अधिक स्वच्छता सामने देखने को मिली, वहीं रामनगर बाजार में नगरपालिका की अव्यवस्था देखने को मिली। उन्होंने अधिशासी अधिकारी नगरपालिका को क्षेत्र में सक्रिय होकर कार्य करने के निर्देश दिए। कहा कि स्वयं स्थलीय निरीक्षण कर बाजार में अतिक्रमण को चिन्हित करते हुए हटाया जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि अधिकारी उच्च अधिकारी के आदेशों का इंतजार करते है जबकि अधिकारियों को अपने कार्यक्षेत्र में स्वतः सक्रिय होकर कार्य करना चाहिए। अधिकारी अपनी कार्यशैली में सुधार लाये। विदेशी डेलीगेट्स के निर्धारित रुट पर एक ही आकार व रंग के साइनेज स्थापित किये जायेंगे जिससे डेलीगेट्स स्पष्टता के साथ ही आसानी से जानकारी हासिल कर सकें।
वन विभाग के पवलगढ़ चेक पोस्ट में हुई कैमोफलेज रंग रोगन की तरह ही अन्य सभी वन परिसम्पत्तियों में भी होगा कार्य। पवलगढ़ में वन विभाग द्वारा सेंटर में कैमोफलेज रंग का रंग रोगन का कार्य चल रहा है, जो अत्यधिक आकर्षक व वन क्षेत्र होने से रूबरू कराता है। इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट, अपर जिलाधिकारी अशोक जोशी, मुख्य नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय, उपजिलाधिकारी कालादूँगी रेखा कोहली, रामनगर गौरव चटवाल, जिला शिक्षा अधिकारी गोपाल भरद्वाज, खण्ड शिक्षा अधिकारी गीतिका जोशी, अपर मुख्य अधिकारी पंचायत पी एस बिष्ट, तहसीलदार प्रियंका रानी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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