Sunday, September 22, 2024
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संस्कृत शिक्षण से ही संस्कार सन्निवेश संभव – बसंती खंपा

देहरादून , पी एम श्री केंद्रीय विद्यालय बीरपुर देहरादून में नव नियुक्त प्रशिक्षित स्नातक संस्कृत शिक्षकों के लिए आभासीय माध्यम से दो दिवसीय प्रेरण पाठ्यक्रम प्रशिक्षण वर्ग का शुभारंभ सोमवार को हुआ। संसाधक श्री अनुज कुमार ने बताया कि इस प्रेरण पाठ्यक्रम में केंद्रीय विद्यालय संगठन के मुंबई , पटना , रायपुर और भुवनेश्वर संभागों के विभिन्न विद्यालयों के 60 से अधिक नवनियुक्त प्रशिक्षित स्नातक संस्कृत शिक्षक भाग ले रहे हैं। उद्घाटन सत्र में सारस्वत अतिथि एवं पाठ्यक्रम निदेशिका श्रीमती बसंती खंपा ने कहा कि
समस्त प्रतिभागी शिक्षक शिक्षिकाएं इस कार्यशाला के विविध सत्रों में संसाधकों द्वारा प्रवाहित की जाने वाली अजस्र ज्ञान गंगा से लाभान्वित होंगे , निश्चय ही संस्कृत भाषा से ही संस्कार सन्निवेश संभव है।
पहले दिन पतंजलि एवं कणाद गण के प्रतिनिधि शिक्षकों द्वारा प्रार्थना सभा के समस्त कार्यक्रम संस्कृत माध्यम में प्रस्तुत किए गए। पाठ्यक्रम निदेशिका श्रीमती बसंती खंपा द्वारा राजभाषा हिंदी एवं तिमाही हिंदी रिपोर्ट विषयक व्याख्यान द्वारा प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया गया। पाठ्यक्रम सह निदेशक श्री जितेन्द्र शर्मा द्वारा संस्कृत पाठने नूतन गतिविधय: एवं वाच्यत्रयम् विषय पर भावप्रवण चर्चा सत्र आयोजित किया गया, समस्त प्रतिभागियों द्वारा सोत्साह भाग ग्रहण किया गया। संसाधक श्री जानकीरमण झा द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दृष्टिकोण से सीखने के प्रतिफल संबंधी योग्यता आधारित शिक्षा विषय पर व्याख्यान किया गया । संसाधिका श्रीमती अनुपमा सेमवाल द्वारा जीवन एवं सहज जीवन में संतुलन विषय पर मर्मस्पर्शी वार्ता की गई। संसाधक श्री अनुज कुमार एवं श्री विकास द्वारा कला केंद्रित परियोजना कार्य विषय पर
व्याख्यान देकर शिक्षकों का मार्गदर्शन किया गया। पांच गणों के प्रतिनिधि शिक्षकों द्वारा गूगल मीट एप के माध्यम से पाठन कार्य भी संपन्न किया गया।
गौरतलब है कि इस पाठ्यक्रम का आवासीय शिविर जून मास में 19 से 23 जून तक आयोजित किया गया था। �

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