बेंगलुरू । ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस फ्लिपकार्ट अपने त्योहारी फ्लैगशिप इवेंट, द बिग बिलियन डेज़ (टीबीबीडी) के 8वें संस्करण की तैयारी कर रहा है। फ्लिपकार्ट अपने फ्लिपकार्ट समर्थ कारीगरों, बुनकरों और हस्तशिल्प बनाने वालों के साथ सक्रियता से काम कर रहा है। इस टीबीबीडी में फ्लिपकार्ट समर्थ से जुड़े कारीगरों और बुनकरों ने आर्टफॉर्म्स ऑफ इंडिया थीम के तहत उत्पादों की खास श्रृंखला तैयार की है। इस श्रृंखला के ज़रिए वे त्योहारी सीजन के दौरान ऑनलाइन खरीदारी करने वाले भारत भर के ग्राहकों तक पहुंचना चाहते हैं।
कंपनी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि फ्लिपकार्ट समर्थ को टैक्नोलॉजी के ज़रिए ई-कॉमर्स का लोकतंत्रीकरण करने और वंचित स्थानीय समुदायों को सस्टेनेबल और समावेशी प्लेटफार्म देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह सरकारी संस्थाओं, आजीविका मिशन और एनजीओ भागीदारों के साथ मिलकर काम कर रहा है। पिछले साल से इस कार्यक्रम की बिक्री में 7 गुना बढ़ोतरी हुई है। अब यह बाज़ार तक पहुंचने के बेहतर अवसर और डिजिटल कॉमर्स की समझ देकर 9,50,000 लोगों की आजीविका पर सकारात्मक असर डाल रहा है। पिछले साल, फ्लिपकार्ट के वार्षिक त्योहारी इवेंट में शामिल रहे कारीगरों ने गैर-त्योहारी समय की तुलना में अपनी आय में 2.5 गुना बढ़ोतरी देखी थी।
इस साल, आर्टफॉर्म्स ऑफ इंडिया समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और क्षेत्रीय विशेषता दिखाने वाले उत्पादों को देश भर के ग्राहकों तक पहुंचाएगा। आर्टफॉर्म्स ऑफ इंडिया में 28 उत्पादों के लिमिटेड एडिशन देखने को मिलेंगे। इन्हें पश्चिमी क्षेत्र के सबसे बड़े एम्पोरियमों में से एक, गरवी गुर्जरी जैसे भागीदारों द्वारा क्यूरेट किया गया है। यह पूरे राज्य के करीब 2,000 से ज़्यादा कारीगरों से जुड़ा है। यह देश भर में आदिवासी कारीगरों द्वारा बनाए गए उत्पादों को बढ़ावा देने और उन्हें मार्केट करने के लिए जिम्मेदार और भारत के करीब 3,50,000 आदिवासियों पर असर रखने वाले आदिवासी कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत चलने वाले ट्राइब्स इंडिया (ट्राइफेड) और एनयूएलएम, देश भर में आजीविका पैदा करने का कार्यक्रम जो करीब 500 से ज़्यादा स्वयं सहायता समूहों के साथ काम करके हाथ से बने पारंपरिक उत्पादों का प्रचार व सहयोग करता है, के साथ मिलकर काम कर रहा है।
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