Tuesday, February 25, 2025
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शासनादेश निरस्त करने पर भड़के

कोटद्वार(आरएनएस)। उत्तराखंड विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन की कोटद्वार शाखा के सदस्यों ने सरकार द्वारा उनको दिए जाने वाले डी ए संबधी शासनादेश को निरस्त किए जाने पर रोष व्यक्त किया है। इस संबध में संगठन कार्यालय में आयोजित बैठक में वक्ताओं ने कहा कि पूर्व में सरकार की ओर से संविदा कर्मचारियों को भी डी ए दिए जाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन सरकार की ओर से उक्त शासनादेश को लागू करने के 24 घंटे के अंदर ही निरस्त कर दिया गया, इससे संविदा कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। कहा कि इस संबध में संगठन की ओर से 6 नवंबर को ध्यानाकर्षण धरना देने का निर्णय लिया गया है। चेतावनी दी कि यदि निगम और शासन की ओर से कर्मचारियों की मांगों को नहीं माना गया तो संविदाकर्मी कार्य बहिष्कार करने पर बाध्य होंगे। बैठक में खंडीय अध्यक्ष अमित बहुगुणा, सोहन सिंह, विजय सिंह, मनमोहन सिंह, सुबोध, नईम, नवीन, दीपक और तरूण सहित अन्य संविदा कर्मचारी मौजूद रहे।

बेहतर नतीजे न देने वाले इंजीनियरों की हिलेंगी कुर्सिंयां

देहरादून। पेयजल निगम में बेहतर नतीजे न देने वाले प्रोजेक्ट मैनेजरों की कुर्सियां जल्द हिलेंगी। परियोजनाओं को समय पर पूरा करने और गुणवत्ता का विशेष ख्याल रखने के एमडी पेयजल निगम एससी पंत ने निर्देश दिए। इसके साथ ही निर्माण शाखाओं से जुड़े अधिशासी अभियंताओं को भी जल जीवन मिशन के काम तेजी के साथ पूरा किए जाने के निर्देश दिए। उत्तराखंड में यूपी निर्माण निगम को ब्लैक लिस्ट करने के बाद सरकारी योजनाओं का अधिक से अधिक काम पेयजल निगम को आवंटित हो रहा है। जल निगम की जो यूनिटें काम के अभाव में खाली बैठी रहती थीं, अब वहां काम का भार बहुत बढ़ गया है। इन योजनाओं को तय समय पर पूरा कराने को लेकर एमडी जल निगम ने इंजीनियरों को तेजी दिखाने को कहा है। साफ किया कि जिन विभागों से जुड़ी ये पेयजल योजनाएं हैं, उन्हें किसी भी तरह शिकायत का कोई मौका न दिया जाए। पेयजल निगम को न सिर्फ उत्तराखंड, बल्कि देश की नामी कार्यदायी संस्थाओं के रूप में विकसित किया जाए। इसके लिए योजनाओं को तय समय सीमा के भीतर पूरा करना होगा। गुणवत्ता का विशेष ख्याल रखना होगा। जो प्रोजेक्ट मैनेजर बेहतर नतीजे नहीं दे पाएंगे, उन्हें लेकर मैनेजमेंट को नए सिरे से विचार करना होगा। निर्माण कार्यों के साथ जल जीवन मिशन की योजनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता पर पूरा कराया जाए। हर हाल में योजनाओं को 31 मार्च तक पूरा किया जाए।
फील्ड में रह कर योजनाओं को पूरा कराएं इंजीनियर:  एमडी जल निगम ने मुख्य अभियंताओं और अधीक्षण अभियंताओं को अपने ऑफिसों से बाहर निकल फील्ड में काम करने के निर्देश दिए। कहा कि अगले कुछ महीने बहुत अहम हैं। तय लक्ष्यों को तेजी के साथ पूरा किया जाना है। ऐसे में अब ऑफिस में रहने की बजाय फील्ड में रहा जाए।
यूनिट समाप्त करने के फैसले पर नहीं हुआ अमल:  जल निगम में मुख्यालय स्तर पर बनी निर्माण यूनिट को समाप्त करने का सचिव पेयजल ने आदेश दिया है। इस आदेश पर अभी तक अमल नहीं हो पाया है। इस यूनिट के गठन पर ही सवाल उठ रहे थे। मुख्यालय में तैनात इंजीनियरों को इस यूनिट का जिम्मा दिया गया है। इन पर उत्तरकाशी, टिहरी समेत दूसरे जिलों तक की योजनाओं का जिम्मा है। जिसका निगम स्तर पर ही बड़ा विरोध हो रहा है।
पेयजल निगम की स्थिति को मजबूत करने को योजनाओं को तय समय पर पूरा कराना जरूरी है। तभी सेंटज प्राप्त कर वित्तीय स्थिति को सही किया जा सकता है। इसी को देखते हुए इंजीनियरों को तेजी से काम करने के निर्देश दिए गए हैं।   -एससी पंत, एमडी जल निगम।

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