पौड़ी, यमकेश्वर क्षेत्र के अमोला गांव में प्रवासी एवं समस्त गाँव वासियो के द्वारा पाण्डव नृत्य तथा चक्रव्यूह भेदन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रवासी गाँव लौट आये और कार्यक्रम में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया गया। कार्यक्रम के आयोजक एवं अमोली भ्रात्री मंडल से जुड़े विजय अमोली द्वारा पांडव नृत्य एवं चक्रव्यूह रचना का निर्देशन किया गया।
कार्यक्रम दो चरणों में आयोजित किया गया जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। गणेश वंदना शांति अमोली एवं पूजा अमोली के द्वारा की गई, ततपश्चात निकिता अमोली के द्वारा नृत्य प्रस्तुत किया गया। वहीँ पूजा अमोली एवं शांति अमोली बिंजोला द्वारा हास्य प्रस्तुति दी गई। बालक आदित्य कुकरेती ने हारमोनियम पर सुंदर भजन प्रस्तुत किया गया |
वहीँ कार्यक्रम के दूसरे भाग में पांडव नृत्य और चक्रव्यूह का अभिमंचन किया गया। डॉ पुरोहित द्वारा लिखित गढ़वाली काव्य चक्रव्यूह के मंचन में विभिन्न कलाकारो द्वारा प्रतिभाग किया गया जिसमे युधिष्ठिर की भूमिका विजय अमोली , भीम शशिधर अमोली सुभद्रा स्वास्तिक अमोली,रुक्मिणी निकिता अमोली,अभिमन्यु वैष्णव अमोली, नकुल आशुतोष अमोली, सहदेव, शोभित अमोली दृष्टद्युमन आयुष थपलियाल, अर्जुन भूपेन्द्र अमोली, दुर्योधन नरेश अमोली, जयद्रथ संदीप अमोली, द्रोणाचार्य सोमदत्त अमोली एवं कर्ण मधुसूदन अमोली व अन्य कलाकारों के द्वारा अभिमंचित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन शशिभूषण अमोली के द्वारा किया गया। अमोली भ्रातृ मंडल के अध्यक्ष एनपी अमोली ने कहा कि यह हमारा पहला आयोजन है, हमारा उद्देश्य है कि हर साल ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। यह हमारी पौराणिक सांस्कृतिक धरोहर है औऱ साथ ही गांव से जुड़ने का एक सुनहरा अवसर है।
नइस मौके पर सतेश्वर प्रसाद अमोली, सुरेश अमोली, जयदेव अमोली, डॉ नंदलाल अमोली, रतन अमोली, सोहनलाल अमोली, भास्कर अमोली व भारत मोहन अमोली, गिरीश अमोली, सुनील अमोली एवं अन्य समस्त ग्रामीण उपस्थित रहे।
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