Monday, December 23, 2024
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डायरी खोलेगी राज, लेखपाल भर्ती परीक्षा के पेपर लीक का, एसटीएफ जांच में जुटी

देहरादून, लेखपाल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करवाने वाले राज्य लोक सेवा आयोग के अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी के घर से एक डायरी एसटीएफ के हाथ लगी है। डायरी में कुछ अभ्यर्थियों के नाम लिखे हैं, जिनकी एसटीएफ जांच कर रही है। एसटीएफ के अनुसार, यह डायरी काफी राज खोल सकती है। इसी डायरी के आधार पर यदि विवेचना आगे बढ़ती है तो टीम जल्द और नकलचियों तक पहुंच सकती है।

एसआइटी सूत्रों की मानें तो पेपर लीक प्रकरण में मुख्य आरोपित संजीव चतुर्वेदी व उसकी पत्नी की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ ने उनके घर को खंगाला तो कुछ नकदी और एक डायरी बरामद हुई।

डायरी में संजीव चतुर्वेदी व उनकी पत्नी रितु ने लेनदेन का हिसाब लिखा हुआ है। इसके अलावा डायरी में कुछ नाम भी लिखे हैं। संभावना जताई जा रही है कि ये वही अभ्यर्थी हैं, जिन्हें आरोपितों ने पेपर दिया था। ऐसे में एसटीएफ जल्द ही नकलची अभ्यर्थियों को बुलाकर उनके बयान दर्ज कर सकती है।

 

डायरी के आधार पर बढ़ सकती है आरोपितों की संख्या
पेपर लीक प्रकरण में अब तक सात आरोपित सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं। डायरी में दर्ज नकलचियों से पूछताछ के आधार पर आरोपितों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है। नकलचियों के बयान दर्ज करने के लिए एसएसपी की ओर से अलग-अलग टीमें गठित की गई हैं, जो गहनता से मामले की जांच कर रही हैं।

एसटीएफ की टीम को एसआइटी में शामिल न करने पर भी सवाल
लेखपाल की परीक्षा आठ जनवरी को हुई थी। दूसरे दिन पेपर लीक की गोपनीय सूचना एसटीएफ को मिली तो एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने जांच करवाई। प्रारंभिक जांच में मामले की पुष्टि होने पर गुरुवार सुबह हरिद्वार के थाना कनखल में मुकदमा दर्ज किया गया। जांच में लोक सेवा आयोग के अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी व उसकी पत्नी रितु के अलावा तीन अन्य व्यक्तियों के नाम सामने आए। इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। दूसरे ही दिन दो अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। तत्काल कार्रवाई करने के बावजूद भी एसटीएफ के अधिकारियों को एसआइटी में शामिल न करने पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

पेपर लीक प्रकरण में जेल में बंद मुख्य आरोपित संजीव चतुर्वेदी उसकी पत्नी व अन्य का जांच टीम जल्द पुलिस रिमांड ले सकती है। आरोपितों से अभी पूरी पूछताछ नहीं हुई है। प्राथमिक जांच के आधार पर एसटीएफ दो अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी और कुछ नकद बरामद कर चुकी है। रिमांड मिलने पर खरीदने वालों के बारे में और जानकारी मिल सकती है।

लेखपाल भर्ती परीक्षा पेपर लीक प्रकरण के बाद राज्य लोक सेवा आयोग में काम करने वाले हर अधिकारी व कर्मचारी की निगरानी हो सकती है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, पुलिस विभाग ने आयोग को पत्र लिखकर आयोग के बाहर से लेकर अंदर तक जांच करने की अनुमति मांगी है। यदि आयोग इसकी अनुमति देता है तो पुलिस विभाग आयोग में काम करने वाले हर अधिकारी व कर्मचारी पर निगरानी रखेगा |
लेखपाल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डा. राकेश कुमार ने इसका ठीकरा पुलिस विभाग के सिर पर फोड़ा था। आयोग के अध्यक्ष की माने तो उन्होंने पेपर लीक होने की आशंका को देखते हुए 12 अगस्त को पुलिस मुख्यालय को पत्र भेजा था, जिसमें उन्होंने प्रश्नपत्रों की निगरानी के लिए गोपनीय ढंग से एलआइयू की तैनाती करने की मांग की थी।

वहीं, पुलिस विभाग का कहना है कि आयोग के परिसर में बाहरी व्यक्तियों की गोपनीय जांच के लिए एलआइयू तैनात की गई थी। एलआइयू को आयोग के अंदर गोपनीय व अति गोपनीय अनुभागों में जाने की अनुमति नहीं थी, पुलिस विभाग जल्द ही राज्य लोक सेवा आयोग में तैनात स्टाफ की सूची मांग सकता है। सूची में अधिकारियों व कर्मचारियों, उनके अंतर्गत आने वाले अनुभाग व अन्य जानकारी मांगी जा सकती है, ताकि वहां एलआइयू तैनात करके हर स्टाफ की बारीकी से निगरानी की जा सके।

 

एसआईटी करेगी पटवारी भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले की जांच

हरिद्वार, पटवारी भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने के मामले की जांच के लिए एडीजी कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन ने एसआईटी गठित कर दी है। एसआईटी की कमान एसपी अपराध रेखा यादव को सौंपी गई है। आठ सदस्यीय एसआईटी हाईप्रोफाइल प्रकरण की जांच जल्द ही शुरू कर देगी। एसएसपी अजय सिंह ने भी जांच के लिए कई अहम बिंदुओं पर एसआईटी को फोकस करने के निर्देश दिए हैं।

गुरुवार को उत्तराखंड एसटीएफ ने पटवारी भर्ती परीक्षा प्रश्नपत्र के लीक होने का पटाक्षेप करते हुए लोकसेवा आयोग के अनुभाग अधिकारी, उसकी पत्नी समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था। एसटीएफ ने दावा किया था कि अनुभाग अधिकारी संजीव चतर्वेदी की पत्नी रितु ने अपने एक परिचित पॉलीटेक्निक शिक्षक राजपाल को प्रश्नपत्र हाथ से लिखकर उपलब्ध कराया था।

शिक्षक राजपाल ने अपने रिश्तेदार के दामाद रामकुमार एवं भतीजे संजीव कुमार के साथ मिलकर अन्य सदस्यों के साथ मिलकर आठ से बारह लाख में प्रश्नपत्र तैयार कर 35 अभ्यर्थियों को बेच दिया था। बकायदा उन्हें लक्सर एवं बिहारीगढ़ सहारनपुर के एक रिजार्ट में ले जाकर ले जाकर प्रश्नपत्र रटाया गया था। एसटीएफ ने इस संबंध में कनखल थाने में मुकदमा दर्ज कराते हुए अन्य दो आरोपी प्रमोद एवं मनीष को भी गिरफ्तार लिया था। इधर, आयोग ने अधिकारी को निलंबित कर दिया था।

एसटीएफ ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर शुक्रवार को जेल भेज दिया था। आरोपियों के कब्जे से 41 लाख की रकम भी बरामद हुई थी। एडीजी कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन ने हाईप्रोफाइल प्रकरण की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी। एसआईटी की जिम्मेदारी एसपी अपराध रेखा यादव को दी गई है। उनके साथ एसआईटी में सीओ सदर बहादुर सिंह चौहान, निरीक्षक एसटीएफ यशपाल बिष्ट, एसओ कनखल नरेश राठौड़, एसआई सीआईयू ऋतुराज सिंह रावत, कांस्टेबल देवी प्रसाद, बलवंत एवं संजू सैनी को रहेंगे। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि एसआईटी हर पहलू पर अपनी जांच करेगी। उन्हें इस संबंध में कुछ दिशा निर्देश भी दिए गए हैं।

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