Friday, April 26, 2024
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यूक्रेन से रात 2.45 बजे एयर इंडिया की दूसरी फ्लाइट 250 भारतीय नागरिकों को लेकर पहुंची दिल्ली, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने फूलों से किया स्वागत

मुम्बई/नई दिल्ली, भारत ने शनिवार को यूक्रेन में रूसी सैन्य हमले के बीच अपने फंसे हुए नागरिकों को निकालना शुरू किया, पहली निकासी उड़ान के साथ शाम को बुखारेस्ट से 219 लोगों को मुंबई वापस लाया गया। सरकारी अधिकारियों ने कहा कि 250 भारतीय नागरिकों को लेकर दूसरी निकासी उड़ान रविवार सुबह करीब 2:45 बजे दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरी।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को उन 250 भारतीय नागरिकों का गर्मजोशी से स्वागत किया, जो यूक्रेन से स्वदेश लौटे है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट से एयर इंडिया की दूसरी निकासी उड़ान रविवार तड़के दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरी। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्विटर पर लिखा कि, घर वापसी की खुशी! दिल्ली हवाईअड्डे पर एयर इंडिया की फ्लाइट से 250 भारतीयों को यूक्रेन से सुरक्षित वापस लौटते देखकर राहत और खुशी हुई। मेरे सहयोगी श्री वी मुरलीधरन जी के साथ उनका स्वागत और बातचीत की | जानकारी के लिए बता दें कि, भारत ने शनिवार को यूक्रेन में रूसी सैन्य हमले के बीच अपने फंसे हुए नागरिकों को निकालना शुरू किया, पहली निकासी उड़ान के साथ शाम को बुखारेस्ट से 219 लोगों को मुंबई वापस लाया गया।सरकारी अधिकारियों ने कहा कि 250 भारतीय नागरिकों को लेकर दूसरी निकासी उड़ान रविवार सुबह करीब 2:45 बजे दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरी। इस बीच सिंधिया और विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन को यूक्रेन से आने पर भारतीय नागरिकों का फूलों से स्वागत किया।

एयर इंडिया की तीसरी निकासी उड़ान, जो हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट से रवाना होगी, रविवार को दिल्ली लौटने वाली है। एयर इंडिया ने ट्विटर पर सिंधिया की हवाई अड्डे की तस्वीरें भी शेयर की है। शुक्रवार को, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा था कि लगभग 16,000 भारतीय यूक्रेन में फंसे हुए है। रूसी सैन्य आक्रमण के कारण यूक्रेन के हवाई क्षेत्र को 24 फरवरी की सुबह से नागरिक विमान संचालन के लिए बंद कर दिया गया है जिसके कारण भारतीय निकासी उड़ानें बुखारेस्ट और बुडापेस्ट से बाहर चल रही हैं।

अधिकारियों ने कहा कि यूक्रेन-रोमानिया सीमा और यूक्रेन-हंगरी सीमा पर पहुंचने वाले भारतीय नागरिकों को भारत सरकार के अधिकारियों की सहायता से सड़क मार्ग से बुखारेस्ट और बुडापेस्ट ले जाया गया, ताकि उन्हें एयर इंडिया की उड़ानों से निकाला जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार बचाए गए नागरिकों से निकासी उड़ानों के लिए शुल्क नहीं ले रही है। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की से बात की और यूक्रेन में मौजूद छात्रों सहित भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए भारत की गहरी चिंता से अवगत कराया।

 

यूक्रेन से भारतीयों की वापिसी शुरू : दिल्ली पहुंचे उत्तराखण्ड़ के छात्रMay be an image of 6 people, people standing and text that says 'UTTARAKHAND HELP DESK'

नई दिल्ली, रूस का यूक्रेन पर हमले के चौथे दिन खारकीव और कीव में भयंकर गोलाबारी जारी है, इस बीच यूक्रेन से भारतीयों की वापिसी शुरू हो गयी, दिल्ली पहुंचे उत्तराखंड के तीन छात्र आशुतोष पाल, अदनान और खुशी सिंह का नई दिल्ली में उत्तराखण्ड के अधिकारी अजय मिश्रा ने स्वागत किया, छात्रों के अभिभावक और राज्य के सहायक प्रोटोकाल अधिकारी मनोज जोशी व दीपक चमोली भी उपस्थित थे। प्रदेश सरकार यूक्रेन में निवासरत उत्तराखंड के सभी छात्रों की सुरक्षित वापसी के लिये भारत सरकार के लगातार संपर्क में है। विदेश मंत्रालय द्वारा यूक्रेन में रह रहे भारतीयों की सुरक्षित वापसी की व्यवस्था की जा रही है। वहीं दिल्ली एयरपोर्ट से देहरादून के लिए रवाना होती श्रीनगर की आकांक्षा और उसकी साथी ने वीडियो साझा किया। दोनों ने कहा कि वे अपने वतन लौटकर बहुत खुश हैं। दूसरी ओर यूक्रेन में फंसे टिहरी जिले के युवाओं ने अपने परिजनों को चिंता नहीं करने की बात कही है। उनका कहना है कि वहां हालात जरूर खराब हैं, लेकिन वह सभी होटल की बेसमेंट में सुरक्षित हैं। होटल में कार्यरत युवाओं ने बताया कि फिलहाल उनके पास खाने-पीने की कोई समस्या नहीं है। भारत सरकार से वतन वापसी की गुहार लगाई है।

टिहरी के प्रतापनगर के पूर्व विधायक विक्रम सिंह नेगी ने विदेश मंत्री केंद्र सरकार को पत्र भेजकर यूक्रेन में फंसे सभी भारतीय नागरिकों को जल्द सकुशल वापस लाने की मांग की है। प्रतापनगर ब्लॉक के स्यालगी गांव निवासी नरेश कलूड़ा ने बताया कि वह अपने चार अन्य साथियों के साथ यूक्रेन की राजधानी कीव में फंसे हुए हैं। वे वहां होटल में कार्यरत हैं।

बताया कि यहां के हालात खराब जरूर हैं, लेकिन वह अपने उत्तराखंड के साथियों के साथ सुरक्षित हैं। नरेश ने बताया कि रूसी सेना कीव के निकट पहुंच गई है। स्थानीय प्रशासन से उन्हें बाहर न निकलने का सुझाव दिया है। वह बीते तीन दिनों से होटल के बेसमेंट में छिपे हुए हैं। नरेश के साथ नई टिहरी सुरसिंगधार कांडा गांव के प्रवीन पुंडीर पुत्र पूरण सिंह पुंडीर, हरीश पुंडीर, नरेंद्रनगर आर्स गांव के सुरेंद्र रावत पुत्र ज्ञान सिंह रावत, श्यामपुर ऋषिकेश के मनोज सिंह पुत्र वीर सिंह भी कीव स्थित होटल में ही हैं। उत्तराखंड़ के पांच युवाओं ने बताया कि वह करीब एक साल पूर्व यूक्रेन आए थे। एक होटल किराए पर लेकर व्यवसाय चला रहे हैं। होटल भी अच्छा चल रहा था, लेकिन अब अचानक युद्ध ने सब कुछ बदलकर रख दिया है। नरेश कलूड़ा ने अपने पिता राकेश सिंह सहित परिजनों से अपील की है वह घबराएं नहीं है। पूरी तरह से सुरक्षित हैं।

भारतीय दूतावास से बातचीत चल रही है। अन्य युवाओं ने भी अपने परिजनों को संयम रखने की अपील की है। कहा कि धमाकों की गूंज तो सुनाई दे रही है, लेकिन होटल के बेसमेंट में सभी सुरक्षित हैं। खाना और पानी पर्याप्त मात्रा में है। नरेश ने बताया कि उत्तराखंड के कई अन्य युवा कीव सिटी के होटलों, रेस्त्रां में काम करते हैं। वह सभी लोग आपस में ग्रुप चैट, कॉल के माध्यम से जुड़े हुए हैं।

यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सकुशल वापसी के लिए टिहरी के पूर्व विधायक किशोर उपाध्याय ने राज-राजेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना की। पूर्व विधायक उपाध्याय, भाजपा जिलाध्यक्ष विनोद रतूड़ी ने बताया कि टिहरी विधानसभा के गौंसारी गांव के करीब 40 लोग यूक्रेन के बॉर्डर वाले देश पोलैंड में होटल और अन्य इंडस्ट्री में नौकरी करते हैं।

 

मुश्किल में फंसे केंद्रीय मंत्री नारायण राणे और बेटे नितेश राणे, दिशा सालियान मामले में FIR दर्जMay be an image of 2 people and text

मुंबई, बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की मौत के मामले में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे और उनके बेटे व बीजेपी विधायक नितेश राणे दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। महिला आयोग द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद मालवणी थाने में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करने को कहा गया है।

जानकारी के अनुसार दिशा सालियान के माता-पिता की शिकायत के बाद केंद्रीय मंत्री नारायण राणे और उनके विधायक बेटे नितेश राणे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नारायण राणे ने अपने आरोपों को दोहराया था कि सालियान के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की गई थी, लेकिन सालियान के माता-पिता ने इससे इनकार किया था।
महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर ने इस मामले में बयान देते हुए कहा कि ऑटोप्सी रिपोर्ट के अनुसार, दिशा के साथ दुष्कर्म नहीं किया गया था और वह गर्भवती भी नहीं थी। चाकणकर ने कहा कि दिशा सलियन के माता-पिता को केंद्रीय मंत्री नारायण राणे, विधायक नितेश राणे और इस संबंध में दिशा की मौत के बारे में झूठी और मानहानिकारक जानकारी देने के लिए सभी संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। चाकणकर ने ट्विटर के माध्यम से अपील करते हुए कहा कि सालियान की मौत के मामले में सोशल मीडिया पर बनाए गए लाखों फर्जी खातों को बंद किया जाना चाहिए और उसके बारे में गलत जानकारी को तुरंत हटाया जाना चाहिए। रूपाली चाकणकर ने एक और मांग करते हुए कहा कि दिशा के माता-पिता को सुरक्षा प्रदान की जाए क्योंकि उनकी जान को खतरा है।

बता दें कि दिशा सालियान के माता-पिता ने बीते बुधवार को मुंबई में महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग (MSCW) प्रमुख से मुलाकात की और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे, उनके बेटे नीतीश और अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। एक अधिकारी ने कहा कि दिशा के माता-पिता वसंती और सतीश सालियन ने उपनगरीय बांद्रा में आयोग के कार्यालय में महिला आयोग प्रमुख रूपाली चाकणकर से मुलाकात की और अपनी दिवंगत बेटी के बारे में चल रही मानहानि की खबरों पर अपना दुख जताया। दिशा के माता-पिता का कहना है कि दिशा काम के दवाब मे थी इसलिए आत्महत्या कर ली।

28 वर्षीय दिशा सालियान ने आठ जून, 2020 को उपनगरीय मलाड में एक ऊंची इमारत से कूदकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी, इससे छह दिन पहले 34 वर्षीय सुशांत राजपूत उपनगरीय बांद्रा में अपने अपार्टमेंट में लटके पाए गए थे।

 

 

यूक्रेन में भारतीयों की ‘ढाल’ बन रहा तिरंगा, रूसी सेना कर रही सम्मानMay be an image of text that says 'INDIAN STUDENTS ON BOARD'

नई दिल्ली, भारत की आन-बान और शान तिरंगा युद्धग्रस्त यूक्रेन में भारतीय छात्रों की ढाल बन रहा है। यूक्रेन में जहां हर ओर भयावह माहौल है, वहीं बड़ी संख्या में भारतीय छात्र भी वहां फंसे हैं। अब तिरंगे के साये में वह अपने वतन महफूज लौट रहे हैं। यूक्रेन में तिरंगा भारतीयों का सुरक्षा कवच बना है। दूसरे देशों की सीमाओं पर पहुंच रहे छात्रों की बसों और अन्य वाहनों में तिरंगा लगाया गया है, साथ ही भारत सरकार के आदेश की प्रति भी चस्पा दी गई है। तिरंगे को देखकर रूसी सेना के जवान सम्मान कर रहे हैं और छात्रों को हिफाजत के साथ उनकी मंजिल की ओर रवाना कर रहे हैं। भारतीय झंडे वालों को सुरक्षित निकालने में रूसी सेना भी मदद कर रही है। छात्र आशीष नौटियाल ने बताया कि भारतीय झंडा लगा देख बसों को सम्मान और बेरोकटोक जाने दिया जा रहा है।

आशीष ने बताया कि यूक्रेन से रोमानिया पहुंचने के बाद वहां भारतीय दूतावास सपोर्ट कर रहा है। वहां रुकने की भी व्यवस्था है। कोई तत्काल जाना चाहता है तो उसे भेजा भी जा रहा है। रोमानिया में दो दिन तक रुकने की व्यवस्था की गई है। खाने की भी व्यवस्था की गई है।

 

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