देहरादून, राज्य के बेसिक से एलटी में समायोजित शिक्षकों ने चयन-प्रोन्नत वेतनमान की दोहरी नीति पर सवाल उठाए हैं। शिक्षकों ने गुरुवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात की। संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश फुलेरिया ने कहा कि सभी शिक्षकों पर एक समान शासनादेश लागू होना चाहिए। कहा कि 11 वर्ष पहले बेसिक से एलटी में 7000 से ज्यादा शिक्षकों को समायोजित किया गया था, लेकिन इन शिक्षकों को चयन-प्रोन्नत वेतनमान का लाभ देने में बेसिक की सेवाओं को नहीं जोड़ा गया।
समायोजन के बाद से ही सभी शिक्षक शिक्षा विभाग और राज्य सरकार से चयन-प्रोन्नत वेतनमान का लाभ पूर्व की सेवाओं को जोड़कर देने की मांग कर रहे हैं। विभाग ने अब तक केवल उन्हीं समायोजित शिक्षकों को चयन-प्रोन्नत वेतनमान का लाभ दिया है, जिन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट इन्हीं शिक्षकों की तरह सभी समायोजित शिक्षकों को भी वेतनमान का लाभ देने के आदेश दे चुका है, लेकिन विभाग इसका पालन नहीं कर रहा। मुख्यमंत्री ने कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस दौरान प्रदीप कुमार वर्मा, किशन सिंह, गिरीश बिष्ट, दयाराम आर्य मौजूद रहे।
आश्रितों को 50 लाख की सहायता की मांग
जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद थापा ने मुख्यमंत्री से कोविड ड्यूटी में लगाए गए कार्मिकों की कोविड से मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को 50 लाख देने की मांग की है। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष सतीश घिल्डियाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने इसको लेकर आदेश भी जारी किया है।
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