देहरादून, सिटी कंट्रोल रूम के माध्यम से शनिवार को सूचना प्राप्त हुई कि अजबपुर फ्लाईओवर पर स्कूटी सवार पुलिसकर्मियों का एक्सीडेंट हो गया है। सूचना पर थाना नेहरू कॉलोनी पुलिस मौके पर पहुंची। मौके पर घटना के संबंध में जानकारी करने पर जानकारी मिली कि बड़कोट उत्तरकाशी थाने में तैनात महिला एएसआई कांता थापा तथा देहरादून के कैण्ट थाने में नियुक्त महिला कांस्टेबल शकुंतला, जिनकी कावड़ मेला ड्यूटी हरिद्वार लगी थी।
दोनों महिला कर्मचारी शकुंतला की स्कूटी से ड्यूटी हेतु हरिद्वार जा रहे थे, इस दौरान अजबपुर फ्लाईओवर पर पीछे से आ रही प्राइवेट वोल्वो बस नंबर यूके07 पीए 6999 के चालक ने बस को तेजी व लापरवाही से चलाते हुए उनकी स्कूटी को टक्कर मार दी। जिससे स्कूटी सवार दोनो महिला पुलिस कर्मी सड़क पर गिर गए तथा एएसआई कांता थापा का सिर बस के पिछले टायर की चपेट में आ गया, जिससे उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई।
दुर्घटना में महिला कांस्टेबल शकुंतला को भी चोटे आई है। जिन्हें उपचार हेतु कनिष्क अस्पताल भिजवाया गया। मृतका कांता थापा के शव को पोस्टमार्टम हेतु कोरोनेसन अस्पताल भिजवा गया है। घायल महिला कांस्टेबल शकुंतला का कनिष्क अस्पताल में उपचार चल रहा है। डॉक्टरों द्वारा उनके दाहिने हाथ में फैक्चर होने की संभावना व्यक्त की गई है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा कनिष्क अस्पताल में जाकर महिला आरक्षी का उपचार कर रहे डाक्टरों से वार्ता कर उनसे उसके स्वास्थ के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गयी। साथ ही उसे बेहतर से बेहतर उपचार उपलब्ध कराये जाने हेतु उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिये गये। इस दौरान एसएसपी देहरादून द्वारा घायल महिला आरक्षी से मुलाकात कर उनकी कुशलक्षेम पूछी तथा उन्हें व उनके परिजनों को बेहतर उपचार के लिये हर सम्भव सहायता प्रदान किये जाने का भरोसा दिलाया।
कथियान- डांगुठा मार्ग पर अनियंत्रित होकर बोलेरो खाई में गिरी, दो लोगों की मौत
विकासनगर(दे.दून), त्यूणी में कथियान- डांगुठा मोटर मार्ग पर एक बोलरो वाहन अनियंत्रित होकर खाई में गिर गया। हादसे में दो लोगों की मौत हो गई। मृतकों के पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया।
बोलरो वाहन कथियान से ऐठान की ओर जा रहा था। वाहन में चालक सहित दो लोग सवार थे। ऐठान गांव से कुछ दूरी पर चालक ने वाहन से नियंत्रण खो दिया। वाहन में खाई में जा गिरा। स्थानीय ग्रामीण दोनों व्यक्तियों को बाहर निकालने के लिए खाई में उतरे। लेकिन, दोनों की मौत हो चुकी थी।
राजस्व उपनिरीक्षक भीमदत्त जोशी ने बताया कि मृतकों की पहचान त्यूणी तहसील क्षेत्र के ऐठान गांव निवासी जयेंद्र सिंह पुत्र चंदराम (48) और हुकम सिंह (46) पुत्र प्रताप सिंह के रूप में हुई है। राजस्व पुलिस ने मृतक का पंचनामा भरने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र त्यूणी भेजा, पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया।
पीड़ित ग्राम प्रधान से मिलने 24 को जायेगा प्रतिनिधिमंडल , पुलिस प्रशासन से भी करेंगे बात
-खटीमा तथा बाजपुर में करेंगे जनजाति समुदाय के साथ बैठक
-न्याय के लिए होगा नियमित आंदोलन
देहरादून, उत्तराखंड़ एसटी, एससी, ओबीसी त्रिस्तरीय पंचायत संगठन ने 24 जुलाई को पीड़ित अनुसूचित जनजाति की ग्राम प्रधान विनिता राणा से मिलने के लिए एक चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मंडल भेजने का निर्णय लिया है। प्रतिनिधिमंडल को पुलिस तथा प्रशासन का सहयोग प्राप्त हो इसके लिए मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक को आज ईमेल के द्वारा पत्र भेज दिया गया है।
संगठन ने कहा कि वह ग्राम प्रधान से मिलने के बाद घटना तथा आज तक की कार्रवाई पर धरातलीय रिपोर्ट लेकर आएगी। उसके बाद उत्तराखंड के साथ-साथ पूरे भारत मे आंदोलन को तेज किया जाएगा।
10 जुलाई को विकासखंड चंपावत की ग्राम पंचायत गुदमी में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की सूचना पर आपदा प्रभावितों को राशन आदि आवश्यक सामग्री दिए जाने की सूचना पर ग्राम प्रधान सूचना देने तथा सामान वितरण करने के लिए जैसे ही जा रही थी कि पूर्व से घात लगाकर इंतजार कर रहे सैकड़ो महिला तथा पुरुषों के झुंड ने ग्राम प्रधान को घेर लिया।
ग्राम प्रधान की जाति को गाली देते हुए थूकने काम भी किया।
ग्राम प्रधान को भीड़तंत्र ने ऐसे घेर लिया कि जैसे उसकी जान ले लेगी।जब ग्राम प्रधान भीड़तंत्र से अपनी जान को बचाते हुए सुरक्षित स्थान को जाती रही थी तो पूर्व से बनी जूते की माला ग्राम प्रधान के गले में डाल दी गई।
उसे घटना के वायरल होने तथा कोतवाली में ग्राम प्रधान द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की।
उस तिथि से आज तक पीड़ित ग्राम प्रधान को कोई न्याय नहीं मिला है। संगठन के प्रदेश संयोजक तथा पिथौरागढ़ के जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने बताया कि घटना की जांच सही से नहीं की जा रही है। गंभीर धाराओं को नहीं लगाया जा रहा है। अभी तक ग्राम प्रधान को पुलिस सुरक्षा नहीं दी गई है।
तहसीलदार तथा ग्राम पंचायत विकास अधिकारी द्वारा सरकारी तथा आपदा के कार्यो में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से आरोपियों को बचाने तथा मुकदमें को कमजोर करने में लगी है।
उन्होंने कहा कि पीड़ित ग्राम प्रधान से मिलने के बाद प्रतिनिधिमंडल आज तक की कार्रवाई पर उपजिलाधिकारी कार्यालय में एसडीएम की उपस्थिति में संवधित कोतवाल, पुलिस क्षेत्राधिकारी, तहसीलदार तथा ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के साथ उनका पक्ष जानने के लिए वार्ता करेगी।
इस तिथि को बनबसा में स्थानीय पत्रकारों से बातचीत करते हुए खटीमा में थारु जनजाति तथा बाजपुर में बुक्सा जनजाति समुदाय के साथ बैठक भी करेंगे। इन बैठकों में जनजाति की महिला ग्राम प्रधान को न्याय दिलवाने के लिए आंदोलन चलाने पर विचार विमर्श किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार कितनी भी ताकत लगा ले वह इस न्याय के संघर्ष को रोकने में सफल नहीं हो पाएगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के काफिले पर प्लास्टिक का जूता फैंका गया। सांसद को थप्पड़ मारने जैसी ताजी घटनाओं के बाद एक निर्वाचित जन प्रतिनिधि के गले में जूतों की माला डालने की महा शर्मसार करने वाली घटना से उत्तराखंड सरकार सबक नहीं ले पा रही है।
सरकार आरोपियों को बचाने की जगह सख्त कार्रवाई करे।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर निर्वाचित पंचायत सदस्यों को अपनी पीड़ित ग्राम प्रधान से मिलने नहीं दिया गया तो इसके गंभीर परिणाम सरकार को भुगतने होंगे।
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