देहरादून, बस्ती बचाओ आन्दोलन की ओर से संयोजक अनन्त आकाश द्वारा उच्च वर्ग हितैषी एलिवेटेड रोड़ के लिए गरीब परिवारों की उत्पीड़न की शिकायत राज्य मानवाधिकार आयोग से की । इस सन्दर्भ में बस्ती बचाओ आन्दोलन की ओर से राज्य मानवाधिकार आयोग के समक्ष 7 बिन्दुओं को रखा, जो निम्न हैं :
-मानवाधिकार आयो ग को अवगत कराया गया कि एलिवेटेड रोड़ के रिस्पना-बिन्दाल के भूमि अधिग्रहण हेतु 7 मई को एसएलओ द्वारा सार्वजनिक विज्ञप्ति जारी की गई ।
-यह कि बिन्दाल-रिस्पना के आसपास के गरीबों को पिछले दो सालों से उत्पीड़न की कार्यवाही हो रही है ,यह भी संज्ञान में है कि रिस्पना-बिन्दाल के प्रभावित लोग इस योजना गैर जरूरी समझते हैं,और यह योजना उच्च वर्ग हितैषी है ।
-यह कि एलिवेटेड योजना से पूर्व राज्य सरकार सैकड़ों नोटिसों को भेजकर बड़ी संख्या में लोगों बेदखली की तैयारी कर रही है ।
-यह कि लोगों को बेदखल कर सरकार मुआवजे एवं प्रतिकर से बच रही है ।
-यह कि राज्य सरकार नागरिकों के जिने का अधिकार का हनन कर रही है।सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुरूप बिस्थापितों को मुआवजे एवं पुर्नवास का अधिकार है ।
-यह कि एलिवेटेड रोड़ का सर्वे अमीरों एवं सरकारी सम्पत्ति को छोड़कर केवल गरीबों को टारगेट कर किया जा रहा है ।
-यह कि 2016 के अधिनियम का उल्लंघन है तथा बिना मुआवजे एवं पुर्नवास के इन्हें बिस्थापित करने कि साजिश चल रही है ।
बस्ती बचाओ आन्दोलन ने मानवाधिकार आयोग से अनुरोध किया है कि रिस्पना-बिन्दाल के आस पास तभी विस्थापन हो जब सरकार यह सुनिश्चित करे कि प्रभावितों के लिऐ समुचित मुआवजा, पुर्नवास तथा नागरिक सुविधाएं हासिल हो ।
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