Sunday, May 18, 2025
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डीएम की दो टूकः युद्धस्तर करना ही है पेयजल समस्या का निस्तारण यह जान लें अधिकारी

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जन मन तक शुद्ध पेयजल आपूर्ति को जिला प्रशासन प्रतिबद्धः 

 

कंट्रोलरूम में 24×7 तैनात हैं कार्मिक अब तक मिली 68 शिकायतें, 55 निस्तारित

 

देहरादून  जिला प्रशासन जनमानस को निर्बाध शुद्ध पेयजल आपूर्ति को लिए प्रतिबद्ध जिलाधिकारी सविन बंसल के स्पष्ट निर्देश हैं कि विभिन्न माध्यमों से प्राप्त होने वाली पेयजल सम्बन्धी समस्या का हरहाल में निस्तारण होना है, यदि समस्या के पूर्ण समाधान में समय लग रहा है तो टैंकर, घोड़े खच्चर या जो भी व्यवस्था है विभाग को हरहाल में जनमानस शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना है। पेयजल सम्बन्धी समस्याओं के निस्तारण को जिलाधिकारी द्वारा समिति का गठन किया गया है। वहीं आपदा कन्ट्रोलरूम को प्राप्त होने वाली पेयजल सम्बन्धी प्रत्येक शिकायत पेेयजल निमग, जलसंस्थान की सम्बन्धित डिविजन को हस्तांरित करते हुए शिकायतों के निस्तारण की मॉनिटिरिंग की जा रही है। जिले में संचालित कंट्रोल को विभिन्न माध्यमों से अब तक पेयजलापूर्ति बाधित होने की 68 शिकायतें मिली, जिसमें से 55 शिकायतों का समाधान कर पेयजल आपूर्ति सुचारू कर दी गई है। जबकि आज अभी तक 06 शिकायतें प्राप्त हुई जिसमें से 01 का निस्तारण कर लिया गया है, शेष पर कार्यवाही गतिमान है।

सुभाषनगर में पेयजल आपूर्ति बाधित होने की शिकायत पर बताया गया कि नलकूप में तकनीकि समस्या आने के कारण पेयजल आपूर्ति बाधित हुई है, जिसमंें जल संस्थान एवं स्मार्ट सिटी द्वारा सुधार कार्य कर दिया गया हैं, प्रभावित क्षेत्रों में टैंकरों से माध्यम से जलापूर्ति की गयी, वर्तमान में जलापूर्ति सुचारू है। इन्दिरापुरम में पेयजल लीकेज की शिकायत पर त्वरित कार्यवाही करते हुए वर्तमान में पेयजल आपूर्ति सुचारू कर दी गई है। हरिद्वार बाईपास रोड पर संत निरंकारी भवन के सामने पानी का पाईप क्षतिग्रस्त शिकायत पर पेयजल लाईन मरम्मत कर सुचारू कर दी गई है। टर्नर रोड पेयजल शिकायत एडीबी, यूपीसीएल के कार्य के दौरान पेयजल लाईन क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसे ठीक कर दिया गया है वर्तमान में टर्नर रोड पर पेयजल आपूर्ति सुचारू है।

जिलाधिकारी के निर्देशों पर पेयजल संकट वाले क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति की नियमित निगरानी करते हुए सभी ट्यूबवेल व नलकूपों पर निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। जल संस्थान एवं जल निगम के सभी डिविजनों को समस्याओं के निस्तारण के लिए टोल फ्री नंबर भी प्रचारित किए गए है। इसके अलावा कंट्रोल रूम के टोल फ्री नंबर 0135-2726066 व 1077 पर भी शिकायत दर्ज की जा सकती है।

 

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कार्यालय जिला सूचना अधिकारी देहरादून

जल संवाद के माध्यम से छात्रों को ‘जाड़ी’ सिखा रहा जलस्रोतों का महत्व

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टिहरी, जल वर्ष 2025 के अवसर पर राजकीय इंटर कॉलेज गालुड़धार टिहरी गढ़वाल के छात्रों के साथ विद्यालय द्वारा गोद लिए गए प्राकृतिक जल स्रोत ‘पथियाना’ में हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान जाड़ी के द्वारा जल संवाद आयोजित किया गया। जाड़ी संस्थान के द्वारा वर्ष 2025 को जल संकट के समाधान के लिए जल वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। संस्थान के द्वारा विद्यालयों में जल संवाद आयोजित किया जा रहा है।

जाड़ी संस्थान के सचिव एवं कल के लिए जल अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा कि जल संकट की चुनौती के समाधान के लिए छात्रों को प्रेरित करने के लिए विद्यालयों में जल संवाद आयोजित किया जा रहा है। वर्षा जल को संजोने एवं मिट्टी को बहने से रोकने के लिए छात्रों को प्रियजनों की याद में एवं अपने जन्मदिन पर कच्चे जल कुंड, कच्चे तालाब बनाने के लिए तैयार किया जा रहा है।

कल के लिए जल अभियान से जुड़े विद्यालय के शिक्षक श्री नरेश बिजलवान ने कहा कि अभियान से प्रेरित होकर हमने विद्यालय के समीप पथियाना जल स्रोत को पुनर्जीवित एवं संरक्षित करने के लिए गोद लिया गया। छात्रों को जल स्रोत का डिसचार्ज लेना, सिखाया गया, धारे का हर महीने डिशचार्ज लिया जा रहा है, मासिक सफाई के साथ धारे के कैचमेंट एरिया में जिन लोगों के बंजर जमीन है उनसे उन पर जल कुंड बनाने के लिए बातचीत की जा रही है, जैसे उनसे सहमति बनती है फिर जल कुंड एवं कच्चे तालाब का निर्माण किया जाएगा।

स्कूल के प्रधानाचार्य श्री रमाकांत शर्मा ने कहा कि यह एक बेहतरीन कार्यक्रम है, इसके सुखद परिणाम भविष्य में देखने को मिलेगा।

इस अवसर पर श्री दीपक कुमार (प्रवक्ता रसायन विज्ञान), श्री महावीर नेगी (प्रवक्ता जीव विज्ञान) , व्यायाम शिक्षक जेपी जुयाल आदि शिक्षक के साथ-साथ छात्र-छात्रा जिसमें तनिषा ,दिव्यांशी, सुमित, आदेश,सूरज, लक्ष्य आदि मौजूद रहे l

लोक से कला को छीन बनाया गया शास्त्रीय : रणेंद्र

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-दून लाइब्रेरी में प्रो. लाल बहादुर वर्मा स्मृति व्याख्यान

 

-लोक-शास्त्र का द्वंद्व और वर्चस्ववादी संस्कृति विषय पर व्याख्यान

 

देहरादून (एल मोहन लखेड़ा), लोक से कलारूपों को छीन शास्त्रीय बना दिया गया । फिर उसे लोगों से दूर कर दिया गया। रविवार को दून लाइब्रेरी एवं रिसर्च सेंटर में आयोजित प्रो. लाल बहादुर वर्मा स्मृति व्याख्यान की तीसरी श्रृखंला के तहत मुख्य वक्ता कथाकार व उपन्यासकार रणेंद्र ने ‘लोक-शास्त्र का द्वंद्व और वर्चस्ववादी संस्कृति’ विषय पर व्याख्यान दिया।

रणेंद्र ने कहा कि शास्त्रीय शब्दावली को खारिज करने की जरूरत है क्योंकि यह द्वैध पैदा करती है। कुलीन व आम का विभाजन पैदा करती है। श्रमजीवियों की लोक कलाओं पर ही अभिजात कब्जा कर उन्हें शास्त्रीय रूप देता है और लोक से अलग कर देता है। शास्त्रीयता को आधुनिकता से चिढ़ है ऐसे में वह नाट्यशास्र्् या फिर वेद में अपना मूल खोजती है जबकि उसका मूल लोक जीवन है। वह यह भी नहीं मानती कि उसमें बदलाव हो रहा है जैसे अलाउद्दीन खिलजी गोपाल राय को लाया अमीर खुसरो से मुलाकात कराई तो पारसी प्रभाव से ध्रुपद से खय़ाल पैदा हुआ। लोक को दरबार पहुंचाकर शास्त्रीय बना दिया जाता है। हमें कला के आम जन के बीच ही मूल स्रोतों को पहचानने की जरूरत है।

इतिहास बोध की ओर से आयोजित इस कार्य़क्रम में प्रो. लाल बहादुर वर्मा के डॉ. चंद्र भूषण अंकुर द्वारा संपादित गोरखपुर के समय के संस्मरणों के संकलन का लोकार्पण भी किया गया। प्रवाह सांस्कृतिक टीम के सदस्यों ने शैलेंद्र का जनगीत कवि किसका है कविता किसकी और दिनेश कुमार शुक्ल का गीत जाग मेरे मन मछंदर की संगीतमय प्रस्तुति की।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्व प्रोफेसर सदानंद शाही ने प्रोफेसर लाल बहादुर वर्मा से जुड़े अपने संस्मरण सुनाए और कहा कि वह इतिहास बोध ही नहीं इतिहास विवेक को जागृत करने वाले व्यक्ति थे।

विषमता के प्रति आलोचनात्मक रवैया ही इतिहास का विवेक जगाता है। कार्यक्रम का संचालन दिगंबर और कैलाश नौडियाल ने किया। इसके पहले कथाकार अरुण असफल ने मुख्य वक्ता उपन्यासकार रणेंद्र व कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो. सदानंद शाही का विस्तृत परिचय दिया। कायर्क्रम मेंहाल में दिवंगत साहित्यकार सुभाष पंत, विजय गौड़ और विज्ञान कार्यकर्ता गजेंद्र बहुगुणा को भी श्रद्धांजलि दी गई।

इस मौके कवि राजेश सकलानी, कथाकार नवीन नैथानी, डॉ. जितेंद्र भारती, आशु वर्मा डॉ. आरपी सिंह, नरेश नौडियाल, प्रवीन समेत अनेक लोग मौजूद रहे।

यूनेस्को क्लब दून वैली ने 51 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को प्रदान की छात्रवृत्ति

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देहरादून, यूनेस्को क्लब दून वैली ईस्ट ने रविवार को होटल एमजे रेजीडेंसी में अपना वार्षिक समारोह 2025 मनाया। वन मंत्री सुबोध उनियाल समारोह के मुख्य अतिथि थे। देहरादून कैंट की विधायक श्रीमती सविता कपूर और स्वतंत्र राज्य मंत्री श्री देवेन्द्र भसीन विशिष्ट अतिथि थे।

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण, मुख्य अतिथि द्वारा 51 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान करना था। छात्रवृत्ति के साथ-साथ सभी छात्रवृत्ति धारकों को स्कूल बैग, स्टेशनरी और भोजन पैकेट भी दिए गए।

बैठक की अध्यक्षता, अध्यक्ष श्री राहुल अग्रवाल, संस्थापक अध्यक्ष डॉ. सुरेश गोयल एवं सचिव श्री अंकित अग्रवाल ने की। अध्यक्ष ने पिछले वर्ष के बारे में विस्तृत जानकारी दी, जिसमें सभी परियोजनाओं को पूरा किया गया। डॉ. सुरेश गोयल ने हमारे क्लब के इतिहास और की गई गतिविधियों के बारे में बताया। कार्यक्रम में 80 से अधिक सदस्य एवं अतिथि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री के हाथों ई-रूपी प्रणाली एवं चार नई कृषि नीतियों का शुभारंभ

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– जल्द तैयार होगी प्रदेश की फ्लावर और हनी पॉलिसी
देहरादून(आरएनएस)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सचिवालय में आधुनिक तकनीक पर आधारित “ई-रूपी” प्रणाली का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने राज्य की कृषि व्यवस्था को नई दिशा देने के लिए चार महत्वाकांक्षी कृषि नीतियों (कीवी नीति, ड्रैगन फ्रूट, सेब तुड़ाई उपरांत तुड़ाई योजना और मिलट मिशन) का शुभारंभ करते हुए कहा कि सरकार जल्द ही प्रदेश में फ्लावर और हनी पॉलिसी भी तैयार करेगी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-रूपी प्रणाली राज्य के अन्नदाताओं के लिए एक नई पहल है। “ई-रूपी प्रणाली” किसानों के लिए पारदर्शी, तेज और बिचौलिया-मुक्त डिजिटल भुगतान का नया माध्यम बनेगी। इस प्रणाली के अंतर्गत पायलट परियोजनाओं में किसानों को मिलने वाली अनुदान राशि ई-वाउचर (SMS या QR code) के माध्यम से सीधे उनके मोबाइल पर भेजी जाएगी, जिसे वे अधिकृत केंद्रों या विक्रेताओं से खाद, बीज, दवाएं आदि खरीदने में उपयोग कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने ई-रूपी प्रणाली के सफल क्रियान्वयन हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए कि गांव-गांव में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर किसानों को जागरूक किया जाए, ताकि वे इस तकनीक का समुचित लाभ उठा सकें। इन सभी पहलों का उद्देश्य राज्य के पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में कृषि एवं रोजगार को सुदृढ़ करना है, जिससे पलायन जैसी समस्या पर भी प्रभावी नियंत्रण पाया जा सके। ये योजनाएं उत्तराखंड को आत्मनिर्भर, सशक्त एवं अग्रणी कृषि राज्य बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी।

मुख्यमंत्री ने चार नई कृषि नीतियों का शुभारंभ करते हुए कहा कि ये सभी योजनाएं राज्य की कृषि विविधता को बढ़ावा देंगी और कृषकों की आय में वृद्धि का आधार बनेंगी।

इस अवसर पर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सेब उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 2030-31 तक 5,000 हैक्टेयर में अति सघन बागवानी का लक्ष्य तय किया गया है। सेब भंडारण व ग्रेडिंग हेतु ₹144.55 करोड़ की योजना लॉन्च की गई है, जिसमें सी.ए. स्टोरेज व सोर्टिंग-ग्रेडिंग इकाइयों को 50-70% तक राजसहायता दी जाएगी। कृषि मंत्री जोशी ने कहा कि मिलेट नीति के अंतर्गत 2030-31 तक 70,000 हैक्टेयर क्षेत्र आच्छादित करने के लिए ₹134.893 करोड़ का लॉन्च की गई है। इसमें किसानों को बीज बोआई और उपज खरीद पर प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। साथ ही ये नीतियाँ राज्य के कृषकों की आर्थिकी को सशक्त बनाएंगी और उत्तराखंड के उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएंगी।

इस अवसर पर उपाध्यक्ष चाय विकास सलाहकार परिषद महेश्वर सिंह मेहरा, उपाध्यक्ष उत्तराखंड जैविक कृषि भूपेश उपाध्याय, जड़ी बूटी सलाहकार समिति के उपाध्याक्ष बलबीर धुनियाल, राज्य औषधीय पादप बोर्ड के उपाध्यक्ष प्रताप सिंह पंवार, जड़ी बूटी समिति के उपाध्यक्ष भुवन विक्रम डबराल, सचिव डॉ. एसएन पांडेय, महानिदेशक कृषि रणवीर सिंह चौहान, निदेशक आईटीडीए गौरव कुमार सहित विभिन्न जिलों के काश्तकार मौजूद रहे।

कीवी नीति की खास बातें
कुल लागत 894 करोड़ रुपये
6 वर्षों में 3500 हेक्टेयर भूमि पर कीवी उत्पादन का लक्ष्य
लगभग 14 हजार मीट्रिक टन वार्षिक कीवी उत्पादन का लक्ष्य
9 हजार किसानों को होगा प्रत्यक्ष लाभ

ड्रैगन फ्रूट नीति की खास बातें
कुल लागत 15 करोड़ रुपये
228 एकड़ भूमि पर ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन
350 मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य
छोटे और मध्यम किसानों को लाभ

सेब तुड़ाई उपरांत प्रबंधन योजना
144.55 करोड़ रुपये की लागत
5,000 हेक्टेयर क्षेत्र को अति सघन बागवानी से आच्छादित करना
22 सी ए स्टोरेज इकाइयों एवं सॉर्टिंग-ग्रेडिंग इकाइयों की स्थापना
व्यक्तिगत कृषकों को 50 प्रतिशत और कृषक समूहों को 70 प्रतिशत तक अनुदान।
मिलेट नीति
135 करोड़ रुपये की लागत
दो चरणों में 68 विकासखंडों में 70 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को मिलेट उत्पादन के अंतर्गत लाना निवेश पर 80 प्रतिशत तक अनुदान।
प्रति हेक्टेयर पंक्ति बुआई पर 4000 रुपये और अन्य विधियों पर 2000 रुपये प्रोत्साहन।
किसानों को खरीद पर 300 रुपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त प्रोत्साहन।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में “तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा” का  किया गया भव्य आयोजन

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देहरादून(आरएनएस)।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को  हल्द्वानी में आयोजित भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा सफलतापूर्वक चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की ऐतिहासिक विजय को समर्पित रही तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा में प्रतिभाग किया।
तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा मिनी स्टेडियम, हल्द्वानी से शहीद पार्क तक आयोजित की गई । जिसमें हजारों की संख्या में स्थानीय नागरिकों, पूर्व सैनिकों सहित युवाओं एवं मातृशक्ति ने तिरंगे के साथ पद यात्रा में भाग लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने शहीद स्थल में पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि भी दी।
मुख्यमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर में भाग लेने वाले वीर सैनिकों को नमन करते हुए कहा कि भारत ने फिर से यह सिद्ध किया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने में पूरी तरह सक्षम है। ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारत ने अपने वीर सपूतों की बहादुरी का प्रदर्शन किया। भारत ने आतंकवाद और उसके समर्थकों को यह स्पष्ट संदेश भी दिया है कि नया भारत अब हर आतंकी कार्रवाई का जवाब उसी की भाषा में देगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड वीर भूमि है, जहाँ का लगभग हर परिवार देश सेवा से जुड़ा है। उन्होंने प्रदेश के युवाओं से आह्वान किया कि वे सेना और सुरक्षा बलों के अनुशासन, शौर्य और राष्ट्रसेवा की प्रेरणा लेकर आगे बढ़ें। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि आज भारत किसी भी आतंकी चुनौती का मुँहतोड़ जवाब देने में सक्षम है और अब देश की सीमाओं की रक्षा अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीक से की जा रही है। आज भारत की सेना गोली का जवाब गोलों से दे रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के वीर जवानों ने  दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के मुख्य सेवक के रूप में, वो सभी वीर जवानों का अभिनंदन करते हैं। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ने पहले ही कहा था कि भारत के खिलाफ उठी दुश्मनों की आंख को हम मिट्टी में मिला देंगे। और यही हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत ने आतंकियों को ऐसा मुंहतोड़ जवाब दिया है कि कोई भी दुश्मन भारत की तरफ आंख उठाकर देखने की हिम्मत भी नहीं करेगा। प्रधानमंत्री की स्पष्ट नीति और मजबूत नेतृत्व के कारण आज आतंकवाद के खिलाफ हम निर्णायक वार करने में सफल रहे हैं। उन्होंने शौर्य सम्मान यात्रा को भारतीय सेना के अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम को नमन करने, उनको प्रोत्साहित करने की यात्रा बताया। उन्होंने कहा तिरंगा यात्रा इस बात का प्रतीक है कि आज हमारा देश प्रधानमंत्री के नेतृत्व में गोली का जवाब गोलों से देना जानता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत अब सीधा एक्शन लेता है। भारत के सैनिकों की गोलियां अब आतंक, आतंकवाद और उनके आकाओं को नष्ट करने का कार्य करती है। हमारी सेनाएं किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए हरदम तैयार रहती हैं। उन्होंने कहा जिस तरह से भारत के नागरिग जन-गण-मन यात्रा में शामिल हो रहे हैं वह  इस बात का प्रतीक है कि पूरा भारत एकता के साथ आतंकवाद को जवाब देने के लिए हर समय तैयार है। उन्होंने कहा 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद देश में जो गुस्सा आतंकियों को लेकर था उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महसूस किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि  प्रधानमंत्री ने सीधे आतंक की जड़ पर वार करने का फैसला लिया। जिसके लिए भारत की सेना को खुली छूट दी गई। भारतीय सेना ने बिना पाकिस्तान की सीमा में घुसे ही पाकिस्तान परस्त आतंकवाद को ऐसा सबक सिखाया जिसे देख पाकिस्तान भी सहम गया। भारत की सेना ने पाकिस्तान में पल रहे आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के साथ ही, आतंकियों को पालने-पोसने वाली पाकिस्तान सेना के सैन्य ठिकानों को भी भारत के ड्रोन और मिसाइलों ने सीधा निशाना बनाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश मजबूत हाथों में है। साल 2014 के बाद से  भारतीय सेना को और मजबूत किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने सेना की मजबूती के लिए जो मेड इन इंडिया हथियार बनाने पर जोर दिया है उसी का परिणाम आज दुनिया देख रही है। आतंकियों पर मेड इन इंडिया हथियारों ने जो कहर बरपाया है उससे दुनिया भारत की सैन्य ताकत को समझ चुकी है। भारत के सैन्य अभियान ने साबित कर दिया कि रक्षा के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बन रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि  भारत में निर्मित नवीनतम तकनीकी से युक्त स्वदेशी हथियार और अन्य संसाधन अन्य किसी भी देश के हथियारों और संसाधनों से कई हजार गुना अधिक कारगर है। उन्होंने कहा कि हमारे जवानों में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान विश्व को यह बताया कि हम किसी से कम नहीं है। भारतीय सेना ने मात्र चार दिनों के अंदर ऐसा पराक्रम दिखाया कि पाकिस्तान को घुटनों के बल आकर संघर्ष विराम के लिए झुकना पड़ा। पाकिस्तान के डीजीएमओ को भारत से विनती करनी पड़ी।
तिरंगा सम्मान यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बेहद भावुक नज़र आए। उन्होंने देवभूमि के वीर शहीदों और सैनिकों को याद करते हुए कहा कि सीमाओं पर देश की रक्षा कर रहे जवानों में हर पांचवे जवान का संबंध वीरभूमि उत्तराखंड से है। हमारे वीर सैनिकों ने देश की आन-बान-शान के लिए खुद को न्यौछावर किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका संबंध भी सैन्य परिवार से है। उन्होंने कहा वो एक सैनिक पुत्र होने पर गर्व महसूस करते हैं। उन्होंने कहा जब भी वो शहीदों के बारे में सोचते हैं तो उनकी आंखें नम हो जाती हैं।
इस दौरान सांसद अजय भट्ट, विधायक  बंशीधर भगत, दिवान सिंह बिष्ट,  सरिता आर्या, राम सिंह कैड़ा, मोहन सिंह बिष्ट, मेयर गजराज बिष्ट, जिला पंचायत की प्रशासक बेला तोलिया, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, रुद्रपुर के मेयर विकास शर्मा, दर्जाधारी अनिल कपूर डब्बू, दीपक मेहरा, दिनेश आर्या,  शंकर कोरंगा,  रेनू अधिकारी, आयुक्त कुमाऊं दीपक रावत, आईजी रिद्धिम अग्रवाल, जिलाधिकारी वंदना,  वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

बचा सको तो बचा लो उत्तराखंड को अभियान के तहत नुक्कड़ सभा

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जन संगठनों ने आम नागरिकों को नफरत के खिलाफ एकजुट होने को कहा

देहरादून, उत्तराखंड़ इंसानियत मंच के बैनर तले 20 से अधिक जन संगठनों ने ‘बचा सको तो बचा लो उत्तराखंड को‘ अभियान की शुरूआत शनिवार को सरस्वती विहार चौक से की। यहां एक नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया और मार्च निकाला गया। मार्च में शामिल लोगों ने नफरत नहीं रोजगार दो, जीने का अधिकार दो, अवामी एकता जिन्दाबाद और नफरत नहीं सद्भाव चाहिए जैसे नारे लगाये।
नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए स्त्री मुक्ति लीग की कविता कृष्णपल्लवी ने कहा कि उत्तराखंड जैसे शांत राज्य में नफरत बोई जा रही है। जिस राज्य में महिलाएं पूरी तरह सुरक्षित थी। कहीं भी आ-जा सकती थी, वहां अब महिलाएं और बच्चियां असुरक्षित हैं। उत्तराखंड महिला मंच की कमला पंत ने कहा कि राज्य में बलात्कार की घटनाएं लगातार हो रही हैं, लेकिन सरकार की शह पर हिन्दू-मुस्लिम और देशी-पहाड़ी का खेल खेला जा रहा है। उन्होंने आम नागरिकों से इस मुहिम में शामिल होने की अपील की और कहा कि यदि हम नफरत के खिलाफ एकजुट नहीं हुए तो नफरत आने वाली कई पीढ़ियों को अपनी चपेट में ले लेगी।

उत्तराखंड इंसानियत मंच के त्रिलोचन भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड में पिछले तीन सालों में 2,583 बलात्कार की घटनाएं हुई हैं। इन दरिंदों में हिन्दू भी शामिल थे, और मुसलमान भी। लेकिन, नफरत की राजनीति करने वालों ने नैनीताल की घटना को लेकर समुदाय विशेष के लोगों की पिटाई की, उनकी दुकानें तोड़ी। इसी दौरान नैनीताल जिले के ही हल्द्वानी में गणेश नामक व्यक्ति ने भी 7 साल की बच्ची से बलात्कार किया, लेकिन कोई विरोध नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि बलात्कार के मामले में भी दरिंदे का धर्म देखा जा रहा है, यह बेहद घिनौना है। उस्मान हो या गणेश दरिंदों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
इप्टा के हरिओम पाली ने कहा कि उत्तराखंड में जो कुछ हो रहा है, वह सरकार की शह पर हो रहा है। नफरत फैलाने वाले एक-एक व्यक्ति को पुलिस जानती है, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती। जन नाट्यकर्मी सतीश धौलाखंडी ने ‘एकता, समानता शांति के लिए, विश्व शांति के लिए, साथ जुड़ो, मिलके चलो, मिलके चलो रे‘ जनगीत गाया। नुक्कड़ सभा के दौरान बड़ी संख्या में लोग जमा हुए। इसके बाद सरस्वती विहार सब्जी मंडी में एक मार्च भी निकाला गया। साथ ही एक एक पर्चा भी बांटा गया, जिसमें नफरत के बजाय पर्यावरण के अनुकूल विकास, रोजगार, नशा और भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड राज्य की जरूरत पर जोर दिया गया।
नुक्कड़ सभा में जाने-माने पर्यावरणविद् डॉ. रवि चोपड़ा, सुविख्यात गणितज्ञ प्रो. राघवेन्द्र, पूर्व शिक्षा निदेशक नन्द नन्दन पांडेय, तुषार रावत, स्त्री मुक्ति लीग की गीतिका व शिवा, उत्तराखंड महिला मंच की हेमलता नेगी, विजय नैथानी, भगवानी रावत, बिला कलूड़ा, सीमा नेगी, कांति रावत, राजेश्वरी नेगी सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और सब्जी मंडी के व्यापारी मौजूद थे। सभी ने इस अभियान में साथ देने का आश्वासन दिया।

उत्तराखण्ड में दवा नियंत्रण प्रणाली को तकनीक और गुणवत्ता से जोड़ने की पहल

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राज्यस्तरीय कार्यशाला में नियामक सुधार, तकनीकी नवाचार और क्षमता निर्माण पर हुआ मंथन

हमें सुनिश्चित करना होगा कि बाजार में उपलब्ध हर दवा सुरक्षित, प्रभावी और वैज्ञानिक मानकों पर खरी उतरे- डॉ आर राजेश कुमार

देहरादून, राजधानी देहरादून स्थित खाद्य संरक्षा व औषधि प्रशासन (FDA) के कार्यालय में शनिवार को औषधि नियमन प्रणाली को तकनीकी रूप से सुदृढ़ करने और अधिकारियों के क्षमता निर्माण हेतु एक दिवसीय राज्यस्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला का आयोजन ड्रग कंट्रोल ऑफिसर्स (आई) वेलफेयर एसोसिएशन और डीसीजीआई डब्ल्यूयू उत्तराखंड चैप्टर द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम में औषधि नियमन से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों, विशेषज्ञों एवं औद्योगिक प्रतिनिधियों ने सक्रिय सहभागिता की।

कार्यक्रम का उद्घाटन उत्तराखंड शासन के सचिव (चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) व आयुक्त एफडीए डॉ. आर. राजेश कुमार ने दीप प्रज्वलन के साथ किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “आज के समय में दवाओं की गुणवत्ता केवल स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि सामाजिक विश्वास से भी जुड़ी है। यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि बाजार में उपलब्ध हर दवा सुरक्षित, प्रभावी और वैज्ञानिक मानकों पर खरी उतरे। नियामक अधिकारियों को निरंतर प्रशिक्षित करना और तकनीकी दृष्टि से सशक्त करना इस दिशा में अत्यंत आवश्यक कदम है।”

कार्यशाला में अतिरिक्त आयुक्त (खाद्य एवं औषधि) ताजदार सिंह जग्गी, पूर्व एफडीए नियंत्रक (हरियाणा) एन.के. आहूजा, डीसीजीआई (आईडब्ल्यूयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कोठेवर राव, महासचिव बलेन्द्र चौधरी और अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।

अधिकारियों को तकनीकी अपडेट रहना अनिवार्य – कोठेवर राव

मुख्य वक्ता कोठेवर राव ने औषधि नियमन की मौजूदा चुनौतियों और डीसीजीआई (आईडब्ल्यूयू) की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा, “दवा नियंत्रण अधिकारियों को विधिक प्रावधानों के साथ-साथ तकनीकी नवाचारों से भी अपडेट रहना चाहिए, ताकि वे प्रभावी नियमन सुनिश्चित कर सकें।”

जीएमपी विश्लेषण और लेबलिंग पर व्यावहारिक सत्र – एन.के. आहूजा

पूर्व एफडीए नियंत्रक एन.के. आहूजा ने दवाओं के नमूना विश्लेषण, जीएमपी (गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस) और लेबलिंग मानकों पर विस्तृत व्याख्यान दिया। उन्होंने अधिकारियों को लेबलिंग से जुड़े व्यावहारिक पहलुओं से अवगत कराया।

“उत्तराखंड में नियामन प्रणाली को पारदर्शी और परिणाममुखी बनाएंगे” – ताजबर सिंह जग्गी

अपर आयुक्त (खाद्य एवं औषधि) ताजदार सिंह जग्गी ने कहा, “हमारा प्रयास है कि उत्तराखंड में औषधि नियंत्रण व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाया जाए। इस दिशा में विभाग, उद्योग और विशेषज्ञों के बीच निरंतर संवाद और सहयोग अत्यंत आवश्यक है।”

कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नीरज कुमार ने किया। कार्यशाला का समापन आभार ज्ञापन के साथ हुआ।

उत्तराखंड पावर जूनियर ई० एसोसिएशन की देहरादून जिला कार्यकारिणी गठित

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हरिद्वार 17 मई (कुलभूषण)शनिवार को संगठन भवन माजरा देहरादून मे देहरादून जिले की कार्यकारणीय गठित किया गया.
जिला अध्यक्ष ई० नवनीत चौहान को चुना गया, उपाध्यक्ष अनु चौहान, सचीव-श्याम सुन्दर तथा प्रचार सचीव ई० नितिन बुडाकोटी को चुना गया.
प्रचार सचीव नितिन बुडाकोटी ने कहा कि नयी कार्यकारणीय संगठन के हितो के लिए कार्य करती रहेगी ,
जबकि प्रांतीय उपाध्यक्ष ई० श्री देवेश अवस्थी ने समस्त नवीन कार्यकारणीय के सदस्यो को शुभकामनाये देते हुए कहा कि:- उनकी प्राथमिकता संगठन के हितो को संरक्षरित रखना तथा सहायक अभियंता से अधिशासी अभियंता के पदो पर होने वाले पदोन्नति पर प्रयास करेंगे.
मनोनीत पदाधिकारियो को केंद्रीय महासचीव ई० पवन रावत और प्रांतीय अध्यक्ष ई० सुनिल उनियाल जी और ई० के़०डी जोशी और ई० संदीप शर्मा ने पद और गोपनियता की शपथ दिलाई.

लैंडिंग के दौरान हेली एंबुलेंस क्षतिग्रस्त, हेलिकॉप्टर की टेल बॉन को पहुँचा नुकसान

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रुद्रप्रयाग, केदारनाथ धाम में शनिवार को एक बड़ा हादसा होने से बच गया, एम्स ॠषिकेश की हेली एंबुलेंस लैंडिंग के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह हेली एंबुलेंस एमरजेंसी मेडिकल सेवा के तहत ऋषिकेश से केदारनाथ के लिए रवाना हुई थी। एम्स ऋषिकेश के जनसंपर्क अधिकारी संदीप कुमार ने हादसे की पुष्टि करते हुए बताया कि दुर्घटना हार्ड लैंडिंग के कारण हुई। हेलिकॉप्टर की टेल बॉन को नुकसान पहुंचा है। राहत की बात यह रही कि उस समय हेलिकॉप्टर में केवल पायलट मौजूद था, जो पूरी तरह सुरक्षित है। प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। हवाई दुर्घटना के बावजूद तीर्थयात्रियों की आवाजाही पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है और यात्रा सुचारु रूप से जारी है।