Thursday, June 19, 2025
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निर्वाचन आयोग वोटर आईडी कार्ड  वितरण में लाएगा तेजी  

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 -मतदाताओं को मतदाता सूची में अपडेट के 15 दिनों के भीतर मिल सकेगा वोटर कार्ड
 -निर्वाचन आयोग ने जारी की नई एसओपी
देहरादून(आरएनएस)।  मतदाताओं को मतदाता फोटो पहचान पत्र  की तेजी से डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए, भारत के निर्वाचन आयोग ने एक एसओपी जारी की है।
नई एसओपी के तहत वोटर लिस्ट में अपडेट के 15 दिनों के भीतर वोटर आईडी कार्ड की डिलीवरी सुनिश्चित की जाएगी। इस पहल  में किसी मतदाता का नया नामांकन या मौजूदा मतदाता के किसी भी विवरण में बदलाव जैसी सुविधा  शामिल हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार द्वारा चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी के साथ मतदाताओं की सुविधा के लिए उठाया गया कारगर कदम है।
आयोग द्वारा नई प्रणाली निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) द्वारा वोटर कार्ड  बनाने से लेकर डाक विभाग (डीओपी) के माध्यम से मतदाता को वोटर कार्ड  की डिलीवरी तक प्रत्येक चरण की वास्तविक समय पर ट्रैकिंग सुनिश्चित करेगी। मतदाताओं को प्रत्येक चरण पर एसएमएस  के माध्यम से सूचनाएं भी प्राप्त होंगी, जिससे उन्हें उनके वोटर आईडी कार्ड की स्थिति के बारे में जानकारी मिलती रहेगी। इस उद्देश्य के लिए, चुनाव आयोग ने अपने हाल ही में लॉन्च किए गए ईसीआईनेट प्लेटफॉर्म पर एक समर्पित आईटी मॉड्यूल पेश किया है। नया आईटी प्लेटफॉर्म मौजूदा सिस्टम को फिर से तैयार करके और वर्कफ़्लो को सुव्यवस्थित करके मौजूदा प्रक्रिया को बदल देगा। डीओपी के एप्लिकेशन प्रोग्राम इंटरफेस (एपीआई) को निर्बाध वितरण के लिए ईसीआईनेट के साथ एकीकृत किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य डेटा सुरक्षा बनाए रखते हुए सेवा वितरण को बढ़ाना है। अपने सभी मतदाताओं को त्वरित और कुशल चुनावी सेवाएं प्रदान करना चुनाव आयोग की प्राथमिकता में है।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों में, आयोग ने मतदाताओं और अन्य हितधारकों के लाभ के लिए कई पहल की हैं।

राज्यपाल ने राष्ट्रपति निकेतन के सौंदर्यीकरण कार्यों का किया स्थलीय निरीक्षण

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 – 20 जून को राष्ट्रपति रखेंगी सार्वजनिक पार्क की आधारशिला, आम जनता के लिए 24 जून से खुलेगा राष्ट्रपति निकेतन और राष्ट्रपति तपोवन।
देहरादून(आरएनएस)। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने मंगलवार को राजपुर रोड़ स्थित राष्ट्रपति निकेतन में चल रहे सौंदर्यीकरण एवं विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। यह निरीक्षण आगामी 19 से 21 जून को माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के प्रस्तावित भ्रमण के दृष्टिगत किया गया।
गौरतलब है कि 132 एकड़ भूमि में विकसित किए जा रहे इस अत्याधुनिक सार्वजनिक पार्क की आधारशिला माननीय राष्ट्रपति जी द्वारा रखी जाएगी। यह पार्क एक वर्ष की अवधि में पूर्ण कर जनता को समर्पित किया जाएगा।
राष्ट्रपति निकेतन को 24 जून से आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। 21 एकड़ में फैले राष्ट्रपति निकेतन पहले जिसे राष्ट्रपति आशियाना के नाम से जाना जाता था। इस विरासत भवन में कलाकृतियों के संग्रह के साथ ही आगंतुकों को लिलि तालाब, रॉकरी तालाब, रोज गार्डन आदि देखने को मिलेंगे। इसके अलावा राष्ट्रपति तपोवन को भी आम लोगों के लिए समर्पित किया जाएगा। 19 एकड़ में फैले तपोवन में देशी वृक्षों की कैनोपी, घुमावदार पगडंडियां, लकड़ी के पुल और चिंतन व ध्यान के लिए शांत स्थान मौजूद हैं।
राज्यपाल ने निर्माण एजेंसियों और अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी तैयारियाँ समयबद्ध रूप से पूरी की जाएँ, ताकि माननीय राष्ट्रपति के आगमन पर समस्त व्यवस्थाएँ सुव्यवस्थित रूप से प्रस्तुत की जा सकें। राज्यपाल ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि माननीय राष्ट्रपति उत्तराखण्ड को बड़ी सौगात देने वाली हैं। यह पहल उनके उत्तराखण्ड की जनता के प्रति विशेष स्नेह और जुड़ाव का प्रतीक है। इस दौरान उन्होंने परिसर में चल रहे कार्यों के बारे में भी जानकारी ली।
इस अवसर पर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, डीजीपी दीपम सेठ, अपर पुलिस महानिदेशक वी. मुरुगेशन, ए.पी. अंशुमान, सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, निदेशक राष्ट्रपति सचिवालय स्वाति शाही, जिलाधिकारी सविन बंसल, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, एसएसपी देहरादून अजय सिंह आदि उपस्थित रहे।

ड्राफ्ट्समैन और टीजी-2 भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों ने दिया धरना

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-UKSSSC अध्यक्ष ने दिया एक सप्ताह में नियुक्ति का आश्वासन

देहरादून, उत्तराखंड़ अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) द्वारा आयोजित ड्राफ्ट्समैन और टेक्नीशियन ग्रेड II (टीजी-2) भर्ती प्रक्रिया में देरी होने पर अभ्यर्थियों ने आयोग के कार्यालय गेट पर धरना-प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों की मांगों को उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा ने समर्थन दिया।
इस दौरान मोर्चा के महासचिव मोहित डिमरी ने आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया से मुलाकात की और अभ्यर्थियों की समस्याओं को विस्तार से रखा। इस मुलाकात का सकारात्मक परिणाम सामने आया, क्योंकि आयोग के अध्यक्ष ने एक सप्ताह के भीतर अंतिम चयन प्रक्रिया पूरी करने का ठोस आश्वासन दिया है।
दरअसल, UKSSSC ने 25 सितंबर 2024 को 196 टेक्निकल कैडर पदों के लिए भर्ती शुरू की थी, जिसमें ड्राफ्ट्समैन (140 पद), टेक्नीशियन ग्रेड II 21 पद), टेक्नीशियन ग्रेड II मैकेनिकल (9 पद), और ट्यूबवेल मिस्त्री (16 पद) शामिल हैं। आवेदन प्रक्रिया 28 सितंबर से 18 अक्टूबर 2024 तक चली, और लिखित परीक्षा 20 नवंबर से 14 दिसंबर 2024 तक आयोजित की गई। हालांकि, 9 महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद अंतिम परिणाम और जॉइनिंग प्रक्रिया लंबित है, जिससे अभ्यर्थियों में निराशा और आक्रोश बढ़ रहा था।
धरना प्रदर्शन के दौरान मोहित डिमरी ने कहा, “छात्र वर्षों तक मेहनत और लगन से परीक्षा की तैयारी करते हैं, लेकिन जब भर्ती विज्ञप्ति निकलती है, तो चयन प्रक्रिया में अनावश्यक देरी उनकी मेहनत पर पानी फेर देती है।” उन्होंने बताया कि सिंचाई विभाग में ड्राफ्ट्समैन के कई पद लंबे समय से रिक्त हैं, जिसके कारण विभागीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं। डिमरी ने जोर देकर कहा कि इन अभ्यर्थियों की समयबद्ध नियुक्ति से न केवल विभागीय कार्यों में तेजी आएगी, बल्कि युवाओं को उनका हक भी मिलेगा।
मोर्चा से जुड़े ललित श्रीवास्तव ने कहा कि यदि 30 जून 2025 तक जॉइनिंग प्रक्रिया पूरी नहीं हुई, तो अभ्यर्थियों का चयन 2024 के बजाय 2025-26 में खिसक सकता है, जिससे सभी अभ्यर्थियों को एक वर्ष का नुकसान उठाना पड़ेगा। इसके अलावा, जुलाई 2025 में प्रस्तावित पंचायत चुनाव के कारण नियुक्ति प्रक्रिया में और देरी की आशंका है, जो अभ्यर्थियों के लिए चिंता का विषय है।
मोर्चा ने कहा, “आयोग को इस संवेदनशील मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि अभ्यर्थियों का भविष्य सुरक्षित हो सके।”
चयनआयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने मोहित डिमरी और अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान भर्ती प्रक्रिया को जल्द पूरा करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा, “हम अभ्यर्थियों की चिंताओं को समझते हैं और एक सप्ताह के भीतर अंतिम चयन प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।” इस आश्वासन से अभ्यर्थियों में उम्मीद जगी है, और वे अब आयोग के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं।
एक अभ्यर्थी ने कहा, “हमने दिन-रात मेहनत की है, और अब हमें उम्मीद है कि हमारा इंतजार जल्द खत्म होगा।”

नेता प्रतिपक्ष ने राज्य की भू-प्रबंधन व्यवस्था पर खड़े किये गम्भीर सवाल

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देहरादून, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि देहरादून में खलंगा के जंगल में आरक्षित वन के भीतर 40 बीघा वन भूमि पर अतिक्रमण और निर्माण कार्य ने राज्य की भू-प्रबंधन व्यवस्था पर गम्भीर सवाल खड़े कर दिए है और ये अत्यंत गंभीर भ्रष्टाचार से जुड़ा विषय है ।
उन्होंने कहा कि नालापानी क्षेत्र के इस जंगल पर भूमाफियाओं की गिद्ध दृष्टि टिकी हुई है जो यहां पर कैंपिंग और रिजॉर्ट बनाने की तैयारी में लगे हुए हैं। आश्चर्यजनक यह है कि रिजर्व फॉरेस्ट के भीतर इस जमीन को अपना बता कर एक व्यक्ति ने दूसरे को लीज पर दे दिया और उक्त व्यक्ति इस जमीन पर निर्माण कर रहा था ।
आर्य ने कहा कि अगर यहां कैंप या रिजॉर्ट बनता है तो लगभग 5000 साल के पेड़ों के अस्तित्व पर एक बार फिर से संकट छा जायेगा। खलंगा जंगल, जहाँ यह घटना घटी, ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण और पारिस्थितिक रूप से समृद्ध है। यह खलंगा युद्ध स्मारक के पास स्थित है, जो 1814 के एंग्लो-नेपाली युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना के खिलाफ लड़ने वाले गोरखा सैनिकों की वीरता का स्मरण कराता है। आस-पास का जंगल विविध वनस्पतियों और जीवों का घर है और देहरादून घाटी की हरित पट्टी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि गंभीर बात ये है की वन विभाग के अधिकार क्षेत्र में आने वाली संरक्षित वन भूमि पर अवैध रूप से निर्माण कार्य चल रहा है और वन विभाग, पुलिस और सरकार को खलंगा के जंगलों में हो रही इस गतिविधि की कोई जानकारी नहीं थी । वनों में सैकड़ों साल से बसे हुए वनवासियों, जिनमें वनगूजर भी शामिल हैं, उन्हें आये दिन वन विभाग उत्पीड़ित करता रहता है. लेकिन वन भूमि की इस लूट की खबर तक वन विभाग को नहीं हुई।
यशपाल आर्य ने कहा कि भू-माफिया हो, भ्रष्ट अधिकारी हो या सत्ता पक्ष का कोई प्रभावशाली व्यक्ति उत्तराखंड के जंगल, जमीन और जल को लूटने वालों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए और इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय समय निर्धारित जांच हो और साथ ही ये भी स्पष्ट होना चाहिए कि और कितनी वन भूमि है, जिसे इसी तरह भूमि के लुटेरे खुर्दबुर्द कर रहे हैं।

घोटालेबाज मंत्री को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करे राजभवन : जन संघर्ष मोर्चा

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विकासनगर(दे.दून)। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकार वार्ता कर कहा कि जिस तरह से कृषि मंत्री गणेश जोशी द्वारा लगातार घोटालों को अंजाम दिया जा रहा है, उससे सरकार व प्रदेश की छवि धूमिल होती जा रही है। ऐसे महा भ्रष्ट मंत्री को तत्काल मंत्रिमंडल से निकल बाहर करना चाहिए।
नेगी ने कहा कि उक्त भ्रष्ट मंत्री द्वारा सबसे पहले घोटाले बाज उद्यान निदेशक बवेजा को सीबीआई जांच से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल करवाई तथा इसी क्रम में हाल ही में कृषि मित्र मेला में घोटाले की पटकथा को अंजाम दिया गया व तराई बीज विकास निगम की परिसंपत्तियों/भूमि नीलाम करने में भी घोटाले का आरोप मंत्री के सर पर है! जैविक खेती/बागवानी में भी गड़बड़ी के आरोप इनके सर पर है। इसके साथ-साथ निर्माणाधीन सैन्य धाम में गड़बड़ी तथा विदेशी टूर में लाखोंरुपए की बर्बादी का आरोप भी उक्त भ्रष्ट मंत्री के सर पर है। नेगी ने कहा कि उक्त महा भ्रष्ट मंत्री द्वारा 5-7 साल में सैकड़ों करोड़ की अघोषित संपत्ति अपने गुर्गों/ परिजनों/ रिश्तेदारों के नाम अर्जित कर ली है, जिसकी जांच होनी बहुत जरूरी है। हाल ही में उच्च न्यायालय द्वारा उपरोक्त तमाम गड़बड़ियों के मामले में मंत्री गणेश जोशी को नोटिस जारी किया गया है, इसका संज्ञान लेकर सरकार को उक्त भ्रष्ट मंत्री को मंत्रिमंडल से निकल बाहर करना चाहिए। इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि जो व्यक्ति 15- 20 साल पहले मुफलिसी के दिन गुजर रहा था, एकदम कैसे सैकड़ों करोड़ (अघोषित) का मालिक बन बैठा।
राजभवन इस बात की भी जांच कराये कि जनपद देहरादून व आसपास जितने भी कंपलेक्स/मॉल अपार्टमेंट इमारतें बने हैं, उनमें कितने इनके परिजनों व गुर्गों के नाम धमकाकर हासिल किए गए हैं। भ्रष्ट मंत्री के काले कारनामों के चलते प्रदेश की छवि धूमिल हो रही है। उक्त भ्रष्ट मंत्री के घोटालों/कारनामों की गूंज पूरे देश प्रदेश में सुनाई दे रही है।
मोर्चा राजभवन से मांग करता है कि उक्त भ्रष्ट मंत्री के काले कारोबार का संज्ञान लेकर मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने हेतु सरकार को निर्देशित करे।पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व विजय राम शर्मा मौजूद थे।

पत्नी की हत्या कर पति खुद भी फांसी पर झूला

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हरिद्वार(आरएनएस)।  हरिद्वार से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। कनखल क्षेत्र में एक ई रिक्शा चालक ने सरिया और डंडे से पीट-पीट कर अपनी पत्नी की हत्या कर दी। इसके बाद खुद भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। दोनों के बीच 12 साल का वैवाहिक संबंध था और एक गोद लिया बेटा भी था। हरिद्वार पुलिस ने पति-पत्नी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
हरिद्वार पुलिस के सीओ सीओ शिशुपाल सिंह नेगी ने बताया कनखल थाना क्षेत्र में जमालपुर कलां की वसंत कुंज कॉलोनी में ई रिक्शा चालक ऋषि कुमार अपनी पत्नी वर्षा के साथ रहता था। मंगलवार सुबह पड़ोसियों ने घर की छत पर कपड़े सुखाने के लिए लगाए गए एंगल के सहारे ऋषि कुमार का शव बगल के खाली प्लाट की तरफ फांसी पर लटका देखा तो कॉलोनी में सनसनी फैल गई। पुलिस पड़ोसी की छत के रास्ते ऋषि कुमार के घर पहुंची और शव उतरवाया। पुलिस प्रथम तल पर पहुंची तो एक कमरे में ऋषि कुमार की पत्नी वर्षा का खून से लथपथ शव बेड पर पड़ा हुआ था। उसके सिर पर लोहे की सरिया और डंडे से किए गए गंभीर वार के निशान मिले।  पास में ही सरिया और एक डंडा पड़ा था। प्रथम दृष्टि या पुलिस या मन रही है कि ऋषि कुमार ने पहले डंडे और सरिया से पीट-पीट कर अपनी पत्नी को मौत के घाट उतारा और फिर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
पुलिस को सामने का दरवाजा बंद मिला जिसके बाद सब पीछे के दरवाजे से दाखिल हुए। अंदर पत्नी का शव पड़ा था। यह भी पता चला कि पति ने पड़ोस में हत्या के बाद फोन भी किया था,जिसमें पति ने पूछा कि दीदी क्या मैं आपके यहां आ जाऊं? पुलिस ने आगे बताया कि दोनों के बीच अक्सर झगड़ा होता रहता था। उन्होंने यह भी बताया कि प्रथम दृष्टया लग रहा है कि गुस्से में पति ने पत्नी की जान ली और आत्मग्लानि में खुद की भी जान ले ली।फिलहाल पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की गहराई से जांच की जा रही है।

खलगां रिजर्व फॉरेस्ट के हल्दुआम में अवैध कैंपिंग को लेकर संयुक्त नागरिक संगठन ने जिलाधिकारी को दिया ज्ञापन

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देहरादून, रायपुर विधान सभा क्षेत्र के खलगां रिजर्व फॉरेस्ट के हल्दुआम में अवैध रूप से कैंपिंग साइट बनाने हेतु जिम्मेदार अशोक अग्रवाल अनिल कुमार के भू स्वामित्व से संबंधित अभिलेखों खसरा खतौनी, लीज डीड, विक्रय पत्रों, पूर्व में हुई समस्त रजिस्ट्रियों का पूरा इतिहास खंगाल कर राजस्व विभाग द्वारा विस्तृत जांच कराए जाने की मांग को लेकर संयुक्त नागरिक संगठन के प्रतिनिधि मंडल ने उप जिलाधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया।
ज्ञापन के माध्यम से इन्होंने जांचोपरांत भूखंड में अवैध निर्माण पाए जाने पर कठोर कदम उठाने की मांग की। वहीं जिलाधिकारी द्वारा भूमाफियाओं की 900 बीघा जमीन को सरकार में निहित करने के फैसले को प्रशंसनीय कदम बताया।
प्रतिनिधि मंड़ल का कहना था कि राज्य में दून के अलावा अन्य 12 जनपदों से ऐसी कर कठोर कार्रवाई की सूचना नहीं मिली है। अन्य जिलाधिकारियों को भी ऐसे कदम उठाने के लिए शासन से निर्देश जारी होना जनहित में होगा। इन्होंने आशा व्यक्त की कि जिलाधिकारी प्रकरण में कठोर कदम उठाएंगे, बाद में यह प्रतिनिधिमंडल वन विभाग के मुख्यालय में प्रमुख वन संरक्षक से मिला।
संगठन की ओर से दिए ज्ञापन में खलगां रिजर्व फॉरेस्ट में अवैध रूप से पेड़ों के कटान, निर्माण कार्य के प्रयासों की उच्च स्तर से निष्पक्ष जांच होनी जरूरी है। प्रमुख वन संरक्षक हॉफ डॉक्टर धनंजय मोहन ने कहा की इस प्रकरण की जांच गढ़वाल मंडल के अपर प्रमुख वन संरक्षक को दी जा रही है। आरोपो की जांचोपरांत नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इस आश्वासन पर शिष्टमंडल द्वारा आभार व्यक करते हुए इसे सकारात्मक कदम बताया गया।
शिष्टमंडल में संजीव श्रीवास्तव, नरेश चंद्र कुलाश्री, मुकेश नारायण शर्मा, प्रदीप कुकरेती, प्रकाश नागिया, शक्ति प्रसाद डिमरी आदि उपस्थित थे।

हाईस्कूल और इंटर में टॉप करने वाले विद्यार्थी एक दिन के लिए बनेंगे डीएम और एसपी

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देहरादून, उत्तराखंड़ सरकार प्रदेश के होनहार छात्रों को नई प्रेरणा देने और नदियों के संरक्षण में जनसहभागिता को बढ़ावा देने की दिशा में दो महत्वपूर्ण योजनाएं लागू करने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाओं में टॉप करने वाले विद्यार्थियों को उनके जिले में एक दिन के लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक का कार्यभार सौंपा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए सभी जिलों में संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। उन्होंने कहा कि इस पहल का मकसद विद्यार्थियों में नेतृत्व क्षमता विकसित करना और उन्हें प्रशासनिक जिम्मेदारियों से रूबरू कराना है, ताकि वे बड़े लक्ष्यों के लिए प्रेरित हो सकें।
इसके साथ ही राज्य में ‘नदी उत्सव’ नामक विशेष अभियान शुरू किया जाएगा, जिसके अंतर्गत प्रमुख नदियों के नाम पर जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस आयोजन के जरिए नदियों की स्वच्छता, संरक्षण और पुनर्जीवन को लेकर लोगों को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य की नदियां केवल प्राकृतिक संसाधन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक विरासत का भी अहम हिस्सा हैं। ‘नदी उत्सव’ अभियान से लोगों में जल स्रोतों के प्रति सम्मान और जिम्मेदारी की भावना बढ़ेगी। जानकार मानते हैं कि यह पहल छात्रों को सम्मानित करने के साथ-साथ जल और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी प्रभावी भूमिका निभाएगी।

आयोग ने जारी की आधिकारिक तिथि, 29 जून को आयोजित होगी UKPCS प्रारंभिक परीक्षा

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देहरादून, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (यूकेपीएससी) ने सम्मिलित राज्य सिविल/प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस) प्रारंभिक परीक्षा 2024 की तिथि घोषित कर दी है। यह परीक्षा 29 जून को दो सत्रों में आयोजित की जाएगी।
आयोग के अनुसार, परीक्षा राज्य के 13 जिलों के 24 शहरों में स्थापित विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर होगी। पहला सत्र पूर्वाह्न 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक होगा, जिसमें सामान्य अध्ययन (General Studies) की परीक्षा होगी। दूसरा सत्र दोपहर 2 बजे से शाम 4 बजे तक, सामान्य बुद्धिमत्ता (General Aptitude) के लिए निर्धारित है।

18 जून से डाउनलोड करें एडमिट कार्ड :
आवेदक 18 जून 2024 से आयोग की आधिकारिक वेबसाइट ukpsc.gov.in पर जाकर अपने प्रवेश पत्र (Admit Card) डाउनलोड कर सकते हैं। आयोग ने अभ्यर्थियों को समय पर एडमिट कार्ड डाउनलोड कर परीक्षा केंद्रों पर नियत समय से पहले पहुंचने की सलाह दी है।

इन विभागों के लिए हो रही है भर्ती :
आयोग की ओर से PCS परीक्षा के माध्यम से विभिन्न विभागों में खाली पदों को भरने के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। प्रमुख पदों में शामिल हैं :

डिप्टी कलेक्टर – 3 पद (कार्मिक एवं सतर्कता विभाग)
पुलिस अधीक्षक – 7 पद (गृह विभाग)
वित्तीय अधिकारी/कोषाधिकारी – 10 पद (वित्त विभाग)
सहायक निदेशक / लेखा परीक्षा अधिकारी – 6 पद
उप निबंधक श्रेणी-2 – 12 पद
सहायक आयुक्त (राज्य कर) – 13 पद
राज्य कर अधिकारी – 17 पद

आयोग की तैयारी पूरी, अभ्यर्थियों से सावधानी बरतने की अपील :
उत्तराखंड़ लोक सेवा आयोग ने परीक्षा के सफल संचालन हेतु सभी तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। साथ ही, अभ्यर्थियों से अपील की गई है कि वे एडमिट कार्ड, वैध आईडी प्रूफ और आवश्यक दस्तावेजों के साथ परीक्षा केंद्र पर उपस्थित हों, और किसी भी अफवाह से बचें।

ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी करेंगे अहम बैठक

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देहरादून, चारधाम यात्रा के दौरान बार-बार लगने वाले ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने की दिशा में अब बड़ा कदम उठाया जाएगा। खासकर ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर मुनिकीरेती और तपोवन जैसे इलाकों में ट्रैफिक बाधा बन चुके संकीर्ण मार्गों और भूस्खलन क्षेत्रों की समस्या को लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी जल्द ही उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक करेंगे।
यह जानकारी गढ़वाल सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने दी। सोमवार को उन्होंने नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री से मुलाकात कर चारधाम मार्ग की जमीनी हकीकत साझा की। बलूनी ने बताया कि इस दौरान उन्होंने क्षेत्र में बॉटल नेक, स्लाइड जोन और मानसून के दौरान लगने वाले जाम की समस्या को प्रमुखता से उठाया।

चारधाम यात्रा पर असर डालती हैं संकरी सड़कें :
बलूनी ने कहा कि तीर्थ यात्रा के सीजन में भारी भीड़ के चलते संकीर्ण मार्गों पर लंबा जाम लगना आम बात हो गई है, जिससे श्रद्धालुओं के साथ-साथ स्थानीय निवासियों को भी बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। खासकर बरसात के मौसम में यह स्थिति और गंभीर हो जाती है।

केंद्रीय मंत्री ने दिया भरोसा,जल्द होगी ठोस कार्रवाई :
अनिल बलूनी ने बताया कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उनकी बातों को गंभीरता से लिया है और आश्वासन दिया है कि अगले पखवाड़े के भीतर एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें इन सभी समस्याओं पर विस्तार से चर्चा कर तत्काल समाधान के लिए जरूरी फैसले लिए जाएंगे।

गढ़वाल की सड़क समस्याओं के स्थायी हल की ओर एक कदम :
सांसद बलूनी ने इसे गढ़वाल की सड़क संबंधी चुनौतियों के स्थायी समाधान की दिशा में एक मील का पत्थर बताया है। उन्होंने कहा कि यह बैठक न केवल तीर्थ यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाएगी, बल्कि स्थानीय आवागमन और आपातकालीन सेवाओं की सुगमता के लिहाज़ से भी बेहद जरूरी है। साथ ही उन्होंने इसके लिए केंद्रीय मंत्री गडकरी का आभार भी व्यक्त किया।