(एल मोहन लखेड़ा)
देहरादून, राज्य के पहाड़ी जनपदों में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए धामी सरकार ने “यू कोट वी पे“ फार्मूले का प्लान बनाया है। स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए “यू कोट वी पे“ फार्मूले के तहत स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को तैनात करने की कवायद शुरू कर दी है। अगर ये फार्मूला सफल हुआ तो सिर्फ डॉक्टरों की कमी ही पूरी नहीं होगी बल्कि, दूरस्थ क्षेत्रों में भी मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि हिमालय राज्य उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए “यू कोट वी पे“ फार्मूले के तहत “स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों“ की भर्ती आयोजित की जा रही है। इसके लिए तीसरे चक्र के साक्षात्कार आगामी 22 अगस्त 2023 मंगलवार को आयोजित किये जा रहे हैं। संविदा के माध्यम से ही “स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों“ की तैनाती की जाएगी। “यू कोट वी पे“ फार्मूले के तहत पहाड़ों पर तैनाती कराए जाने वाले डॉक्टरों के लिए उच्च मानदेय निर्धारित किया गया है। लिहाजा जो डॉक्टर सहमति जतायेंगे, उसके तय रेट के हिसाब से उन्हें पे किया जायेगा। जिससे पहाड़ जाने वाले डॉक्टर्स को प्रोत्साहन मिलेगा।
डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि हमारा प्रयास है कि हर व्यक्ति को स्थानीय स्तर पर बेहत्तर स्वास्थ्य सेवायें मिले। किसी को इलाज के लिए मैदानी जनपदों के अस्पताल का रूख नहीं करना पड़ेगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा डॉक्टरों की भर्ती के लिए अब तक का सबसे बड़ा पैकेज रखा गया है। जिसके तहत स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को 4 लाख रूपये प्रति माह और हृदय रोगों से जुड़े सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को 6 लाख रूपये प्रति माह का पैकेज दिया जायेगा। हृदय रोग से जुड़े स्पेशलिस्ट डॉक्टर मिलने पर इनकी तैनाती पौड़ी जनपद के श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में स्थापित की गई कैथ लैब में की जायेगी। जिसका लाभ पर्वतीय जनपद के मरीजों को मिलेगा। हमारा प्रयास है कि जल्द से जल्द राज्य के सभी जनपदों के जिला अस्पतालों के साथ ही मेडिकल कॉलेजों में “स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों“ की तैनाती हो जाये।
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर. राजेश कुमार ने बताया कि ये सारी भर्तियां राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संविदा पर होंगी। अधिक जानकारी और आवेदन प्रक्रिया के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की बेवसाइट पर www.nhm.uk.gov.in संपर्क किया जा सकता है। इसके साथ ही मोबाइल नंबर or contact : 9412080703 से भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
रस्किन बॉन्ड ने दून लिटरेचर फेस्टिवल के 5वें संस्करण के नए लोगो का किया अनावरण
(एल मोहन लखेड़ा)
देहरादून, दून लिटरेचर फेस्टिवल (डीडीएलएफ) ने आज अपना नया लोगो लॉन्च किया, जो की एक तितली और एक किताब का मिश्रण है, और जो दून घाटी में प्रकृति और साहित्यिक विरासत के समृद्ध मिश्रण का प्रतीक है। लोगो का अनावरण प्रसिद्ध लेखक और पद्म भूषण पुरस्कार विजेता रस्किन बॉन्ड द्वारा किया गया, जो विश्व भर में कई महत्वाकांक्षी लेखकों और पाठकों के लिए मार्गदर्शक और प्रेरणा का स्त्रोत माने जाते हैं।
डीडीएलएफ के संस्थापक और निर्माता समरांत विरमानी ने कहा, “हमारे शहर के लिए एक शाश्वत साहित्यिक प्रेरणा, रस्किन बॉन्ड ने एक उद्धरण साझा किया है जो हम सभी के साथ गहराई से गूंजता है – ‘जब सभी युद्ध खत्म हो जाएंगे, तब भी एक तितली सुंदर ही दिखेगी’। देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल के लिए हमारे पुनर्कल्पित लोगो में, इस तितली को साहित्य और प्रकृति के सहज मिश्रण के साथ अपना उचित स्थान मिला है। यह लोगो हमारे शहर को परिभाषित करने वाली शैक्षिक उत्कृष्टता को भी श्रद्धांजलि देता है। मैं लोगो के नए लॉन्च के लिए रस्किन बॉन्ड को धन्यवाद देता हूं; यह हमारे लिए सम्मान की बात है।”
लोगो लॉन्च करते हुए रस्किन बॉन्ड ने कहा, “उत्तराखंड के अपने साहित्य महोत्सव को समुदाय में इतना प्यार पाते देख मुझे बेहद ख़ुशी हो रही है। मैं नए लोगो के लॉन्च पर देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल की पूरी टीम को बधाई देता हूँ और फेस्टिवल के आगामी संस्करण के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूँ।”
अपने 7वें वर्ष में देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल शहर के साहित्यिक परिदृश्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। फेस्टिवल की गूंज और प्रत्याशा ऐसी है कि देहरादून का साहित्य समुदाय इस फेस्टिवल को अपना मानता है।
आगे बताते हुए समरांत ने कहा, “डीडीएलएफ की शुरुआत के दौरान, हमारे पास प्रतिष्ठित आइकन और साहित्यिक उत्साही लोगों को जोड़ने और देहरादून के साहित्यिक समुदाय के लिए कुछ अच्छा करने का एक दृष्टिकोण था। धीरे-धीरे इस समुदाय ने हमारे फेस्टिवल को अपना लिया। पिछले कई वर्षों में मैंने यह महसूस किया है कि देहरादून शहर का साहित्यिक समुदाय डीडीएलएफ को उस क्षितिज की ओर लेकर जा चुका है जिसकी हमने कभी कल्पना भी नहीं की थी।”
इस महोत्सव का 5वां और नवीनतम संस्करण अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में आयोजित किया जाएगा। 2023 डीडीएलएफ साहित्य, कला, सिनेमा और पॉप संस्कृति क्षेत्रों के प्रतिष्ठित वक्ताओं की मेजबानी करेगा, और इसका वेन्यू और स्पीकर लिस्ट जल्द ही घोषित की जाएगी।
देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल ऐतिहासिक शहर देहरादून में साहित्य, संस्कृति और कला का एक वार्षिक उत्सव है, जो अपनी गहरी साहित्यिक, शैक्षिक और प्राकृतिक विरासत से जगमगाता है। यह महोत्सव विभिन्न क्षेत्रों के लेखकों, कवियों, पाठकों, आलोचकों, पत्रकारों, सांस्कृतिक प्रतीक चिन्हों और कलाकारों को एक साथ लाता है। यह दून घाटी के साहित्यिक उत्साही लोगों और साहित्य, कला और संस्कृति के क्षेत्र के उल्लेखनीय दिग्गजों के बीच साहित्यिक और बौद्धिक आदान-प्रदान की कल्पना करता है।
प्रदेश की 13 महिलाओं और किशोरियों को मिलेगा राज्य स्तरीय तीलू रौतेली पुरस्कार
‘आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुरस्कार के लिए 35 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का किया गया चयन’
देहरादून, जनपद के सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी सभागार में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाली महिलाओं और किशोरियों को राज्य सरकार की ओर से तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा |
मंगलवार को आयोजित इस कार्यक्रम में प्रदेश की 13 महिलाओं और किशोरियों को राज्य स्तरीय तीलू रौतेली पुरस्कार और 35 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुरस्कार के लिए चयन किया गया है। उनको मंगलवार को आईआरडीटी सभागार में आयोजित समारोह में सम्मानित किया जाएगा।
महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाली महिलाओं और किशोरियों को राज्य सरकार की ओर से तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है, इस साल 13 महिलाओं को यह पुरस्कार दिया जाएगा। हर जिले से एक महिला या किशोरी का इस पुरस्कार के लिए चयन किया गया है। इसमें दिव्यांग खिलाड़ी मोहिनी कोरंगा एवं नीलिमा राय समेत कई का चयन किया गया है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुरस्कार के लिए अल्मोड़ा जिले से चंद्रा देवी, उमा आर्य, पुष्पा और शीला देवी का चयन किया गया है। वही बागेश्वर जिले से जानकी देवी, लीलावती देवी, अनीता नेगी, शशि कला, चंपावत जिले से उर्मिला बिष्ट, देहरादून से शहनाज व सारो देवी, हरिद्वार से यशोदा शर्मा, शशि, रूबी, रुकय्या का चयन किया गया है, वहीं नैनीताल जिले से धनी मेवाड़ी, तारा भट्ट ,नीतू पौड़ी जिले से संगीता, सावित्री, विमला, सुनीता व ज्योति, पिथौरागढ़ जिले से नीमा, शिवांगी देवी, हन्सा कन्याल, रुद्रप्रयाग जिले से राजेश्वरी देवी, टिहरी जिले से पूजा चमोली, पदमा उनियाल ,राजमती नेगी, उधम सिंह नगर जिले से रंजू , राधा चंद एवं उत्तरकाशी जिले से राजवती देवी का पुरस्कार के लिए चयन किया गया है ।
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