देहरादून, उत्तरकाशी की दयारा पर्यटन उत्सव समिति हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी दयारा में ‘अण्डूड़ी उत्सव’ (बटर फेस्टिवल) का 17 अगस्त को आयोजन कर रही है।
दयारा पर्यटन उत्सव समिति के अध्यक्ष मनोज राणा ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि इस उत्सव में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बतौर मुख्य अतिथि आने की सहमति दी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी का पिछले वर्ष भी दयारा बुग्याल में आयोजित ‘बटर फेस्टिवल’ में शामिल होने का कार्यक्रम था लेकिन मौसम खराब हो जाने के कारण वह शामिल नहीं हो सके थे और इसके लिए उन्होंने वीडियो जारी कर बटर फेस्टिवल के आयोजन में शामिल न होने पर दुख जताते हुए आयोजन के लिए शुभकामनाएं प्रेषित की थी।
श्री राणा ने कहा कि दयारा बुग्याल में आयोजित होने वाले बटर फेस्टिवल में मक्खन मड्डा की होली के साथ ही विभिन्न सांस्कृतिक दल सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी प्रस्तुति देंगे साथ ही ग्रामीण भी पारंपरिक रूप से होने वाले नृत्यों रासो का आयोजन करेंगे। इसके बाद सुबह बजे दयारा में दूध मक्खन मट्ठा की होली का आयोजन किया जाएगा।
पत्रकार वार्ता में मनोज राणा ने बताया कि दयारा दुग्यात में आयोजित होने वाले अण्डूड़ी उत्सव याने बटर फेस्टिवल में शामिल होकर इस अनूठे व अनोखे उत्सव का गवाह बनने, दयारा बुग्याल के नजारों का लुत्फ उठाने और रेल से दयारा बुग्याल तक के सात किमी खूबसूरत ट्रैक पर ट्रैकिंग करने के इच्छुक लोगों को 15 अगस्त को रैथल गांव पहुंचना होगा। रेचल गांव में 20 से अधिक होमस्टे और कुछ होटल भी हैं, वहां रात्रि विश्राम कर इस ऐतिहासिक गांव की खूबसूरती का अहसास लेने के साथ ही गांव को जानने का मौका मिलेगा, 16 अगस्त को रेथल से दयारा बुग्याल के लिए ट्रैकिंग शुरू कर दयारा बुग्याल, गोई बुग्याल, चिलापड़ा बुग्याल में रात्रि विश्राम कर सकते हैं, रात्रि विश्राम करने के ईच्छुक पर्यटकों से दयारा पर्यटन उत्सव समिति अनुरोध करती है कि जिस होमस्टे में वह रथल में विश्राम करें वहां से दयारा बुग्याल में अपने रात्रि विश्राम की व्यवस्था करते हुए चले, क्योंकि बुग्याल में रात्रि व्यवस्था के सीमित संसाधन है लिहाजा स्थानीय लोगों से अपनी रात्रि विश्राम की पूर्व व्यवस्था करवाना ज्यादा बेहतर रहेगा। 17 अगस्त को सुबह दयारा बुग्याल भ्रमण के साथ ही बटर फेस्टिवल के अनूठे उत्सव का हिस्सा बनने के बाद पर्यटक वापिस रैथल लौट कर अपने अपने गंतव्य को रवाना हो सकते हैं।
उन्होंने पूर्व के वर्षों की भांति इस वर्ष भी बटर फेस्टिवल को भव्य स्तर पर आयोजित करने के लिए दयारा पर्यटन उत्सव समिति रैथल व पांचगाई पर्यटन विभाग, उत्तराखंड सरकार का आभार व्यक्त किया।
पत्रकार वार्ता में गंगोत्री विधायक श्री सुरेश चौहान, दयारा पर्यटन उत्सव समिति के अध्यक्ष मनोज राणा, रेथल गांव के प्रधान प्रतिनिधि महेंद्र राणा, नटीण ग्राम प्रधान महेंद्र पोखरियाल, बंद्राणी गांव से प्रतिनिधि सुदर्शन चौहान, क्यार्क गांव से प्रतिनिधि पदम रावत समेत अन्य मौजूद रहे।
प्रकृति मां का आभार जताने का उत्सव है ‘अण्डूड़ी उत्सव’ याने ‘बटर फेस्टिवल’
(एल मोहन लखेड़ा)
जनपद उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर समुद्रतल से 1 हजार फीट की उंचाई पर स्थित 28 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले दयारा बुग्याल में ग्रामीण पारंपरिक रूप से सदियों से ही भाद्रपद महीने की संक्राति को दूध मक्खन मट्ठा की होली खेलते रहे हैं। प्रकृति का आभार जताने वाले यह उत्सव ग्रामीणों और प्रकृति के बीच के मधुर संबंध का भी प्रतीक है। रेचल और रैथल, नटीण, भटवाड़ी, क्यार्क, बंद्राणी पांच गांव की समिति के आह्वान पर ग्रामीण हर वर्ष की भांति इस वर्ष. भी अपने मवेशियों के साथ गर्मियों की दस्तक के साथ ही रेथल गांव से 7 किमी की पैदल दूरी पर स्थित दयारा बुग्याल स्थित छानियों में चले जाते हैं। बुग्याल में कई किमी तक फैले बुग्याल मवेशियों के आदर्श चारागाह होते हैं और यहां उगने वाले औषधीय गुणों से भरपूर पौधों से दुधारू मवेशियों के दुग्ध उत्पादन में गांव के मुकाबले अप्रत्याशित वृद्धि होती है। मानसून बीतने के साथ ही जब बुग्याल में सर्दियां दस्तक देने लगती है तो ग्रामीण अपने मवेशियों के साथ वापिस गांव लौटने की तैयारियों में जुट जाते हैं लेकिन इससे पूर्व ग्रामीण दयारा बुग्याल में मवेशियों और उन्हें सुरक्षित रखने एवं दुधारू पशुओं के दूध में वृद्धि के लिए प्रकृति व स्थानीय देवताओं का आभार जताना नहीं भूलते। प्रकृति का आभार जताने के लिए ही ग्रामीण सदियों से इस परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं। वर्ष 2006 में रैथल के ग्रामीणों की दयारा पर्यटन उत्सव समिति ने इस दूध मट्ठा मक्खन की ‘अनोखी होली’ को देश विदेश के पर्यटकों से जोड़ने के लिए इसके आयोजन को बड़े स्तर पर करने का फैसला लिया। 2006 से लेकर अब तक दयारा पर्यटन उत्सव समिति हर वर्ष भाद्रपद माह की संक्राति यानि अगस्त महीने के मध्य में दयारा बुग्याल में ‘अण्डूड़ी उत्सव’ का भव्य आयोजन करती आ रही है। पूरी दुनिया में मक्खन मट्ठा दूध की यह अनोखी व अनूठी होली का आयोजन सिर्फ दयारा बुग्याल में ही होता है। दयारा पर्यटन उत्सव समिति बिगत डेढ़ दशकों से दयारा बुग्याल में इसे भव्य रूप से ग्रामीणों के साथ मिलकर मना रही है जिस कारण इस ‘अढूडी उत्सव’ को अपने अनाखे रूप के कारण बटर फेस्टिवल का नाम मिला | देश विदेश से हजारों पर्यटक भी हर साल इस अनोखे उत्सव में हिस्सा लेने के लिए रेथल व दयारा बुग्याल पहुंचते हैं। अब तक रैथल के ग्रामीणों की ओर से इस मेले का आयोजन किया जा रहा था लेकिन इस साल दयारा सर्किट में स्थित रैथल समेत पांच गांव इसका संयुक्त रूप से आयोजन कर रहे हैं। रैथल, नटीण, बंद्राणी, क्यार्क, भटवाड़ी पारंपरिक रूप से पंचगाई के रूप में संबोधित होते हैं और इन पांचों गांव में धार्मिक, सांस्कृतिक, पारंपरिक कार्यक्रम संयुक्त रूप से आयोजित होते रहे हैं |
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