वात्सल्य योजना और स्पॉन्सरशिप योजना से लाभान्वित बच्चों की बनाएं शॉर्ट वीडियो, करें प्रचारित प्रसारित : रेखा आर्या
‘महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने ली महिला कल्याण की विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक, दिए जरूरी दिशा निर्देश’
देहरादून, विधानसभा स्थित सभागार में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने विभागीय अधिकारियों के साथ महिला कल्याण विभाग की महत्वपूर्ण विषयों के संबंध में समीक्षा बैठक ली।बैठक में समस्त जनपदों के जिला प्रोबेशन अधिकारी भी वर्चुअल माध्यम से जुड़े। वहीं आज की समीक्षा बैठक में विभागीय मंत्री ने अभी तक के किये गए कार्यों की प्रगति रिपोर्ट जानी साथ ही आगामी प्रस्तावों पर चर्चा की।उन्होंने पूर्व में दिये गये निर्देशों के पालन के संबंध में चर्चा की तथा विभाग द्वारा संचालित महत्वाकांक्षी योजना वात्सल्य योजना का लाभ ले रहे लाभार्थियों की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने वात्सल्य योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा दिये जा रहे पांच प्रतिशत आरक्षण प्राप्त लाभार्थियों के बारे में भी जनपदवार जानकारी प्राप्त की।
विभागीय मंत्री ने कहा कि हाल ही में वात्सल्य योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा दिये जा रहे पांच प्रतिशत आरक्षण प्राप्त करने वाले कुछ लाभार्थी आत्मनिर्भर हुए हैं। उन्होंने कहा कि डीपीओ जनपदवार वात्सल्य योजना से लाभ प्राप्त करने वाले लाभार्थी बच्चों के शार्ट वीडियो बनायें जिसके माध्यम से जनमानस को वात्सल्य योजना के संबंध में जानकारी प्राप्त हो सके। वहीं मंत्री ने आर्थिक रूप से कमजोर अधिक से अधिक बच्चों को विभाग द्वारा संचालित स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़ने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की विज्ञप्ति प्रक्रिया बनाई जाए जिससे आर्थिक रूप से कमजोर अधिक से अधिक बच्चों को योजना का लाभ पहुंचाया जा सके।
कहा कि वात्सल्य और स्पॉन्सरशिप योजनाए सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में शामिल हैं ऐसे में अधिक से अधिक जरूरतमंद इनका लाभ ले सके इसके लिए जरूरी है कि हम इन योजनाओं का प्रचार प्रसार कर सके।कहा कि योजनाओं के प्रचार होने से ही आम व्यक्तियों तक इन योजनाओं की जानकारी पहुंचती है और वह उसका लाभ ले पाते हैं।साथ ही मंत्री रेखा आर्या ने सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को जनपदवार सुरक्षा स्थान का निर्माण, विशेष गृह निर्माण तथा पुराने भवनों के जीर्णाेंद्धार करने हेतु दिनांक 31 अगस्त 2023 तक प्रस्ताव तैयार कर निदेशालय भेजने के निर्देश दिये।
बैठक में महिला सशक्तिकरण व बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि जल्द ही हम प्राकृतिक आपदा से प्रभावित महिलाओं और बच्चों की आर्थिक सुरक्षा के लिए प्रस्ताव लाने जा रहे हैं जिसका लाभ प्राकृतिक आपदा से प्रभावित महिलाओं व बच्चो को मिल सकेगा।उन्होंने कहा कि कई बार देखने मे आया है कि प्राकृतिक आपदाओं में कोई बच्चा अपने माँ-पिता को खो देता है ऐसे में वह समाज की मुख्यधारा से अलग थलग हो जाता है।ऐसे बच्चो व महिलाओं के लिए हम प्रस्ताव बनाने जा रहे हैं कि ताकि ऐसे सभी लोग समाज की मुख्यधारा से जुड़ सके और वह भी अपना जीवन यापन बेहतर ठंग से कर सकें। साथ ही बैठक में मंत्री ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि भविष्य में समीक्षा बैठक में सभी अधिकारी पूर्ण तैयारी के साथ आएं।
इस अवसर पर सचिव श्री हरि चंद सेमवाल जी, डीपीओ श्री मोहित चौधरी जी,डिप्टी सीपीओ श्रीमती अंजना गुप्ता जी,प्रोजेक्ट मैनेजर श्रीमती प्रीति उपाध्याय जी सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र में ‘लोक संग्रहालय’ कक्ष का सुप्रसिद्ध लोक संस्कृतिकर्मी पेटशाली ने किया शुभारम्भ
देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र में स्थापित लोक संग्रहालय कक्ष का सुप्रसिद्ध लोक संस्कृतिकर्मी श्री जुगल किशोर पेटशाली ने शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्हें तिलक लगाकर और शाॅल ओढ़ाकर उनका सम्मान किया गया। लोक संग्रहालय कक्ष के शुभारम्भ के अवसर पर पूर्व मुख्य सचिव ,उत्तराखण्ड, श्री सुरजीत किशोर दास, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के सलाहकार प्रो. बी. के. जोशी, निदेशक एन. रविशंकर, पूर्व मुख्य सचिव ,उत्तराखण्ड एन. एस. नपलच्याल भी मौजूद थे। ज्ञातव्य है कि लोक संस्कृति के क्षेत्र में पेटशाली जी का उल्लेखनीय योगदान है। अपने निजी प्रयासों से संग्रहित लोक से सम्बन्धित अनेक दुर्लभ सामग्री को उन्होनें दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र में स्थापित संग्रहालय को भेंट की हंै। इस संग्रहालय कक्ष को जुगल किशोर पेटशाली संग्रह नाम दिया गया है।
यहां पर यह बात उल्लेखनीय है कि पेटशाली जी ने अपने निजी प्रयासों से वर्ष 2003में चितई, अल्मोड़ा में एक लोक संस्कृति संग्रहालय की स्थापना की थी। स्वास्थ्य सम्बन्धी दिक्कतों की वजह से वे पिछले दो-तीन सालों से अपने संग्रहालय की समुचित देखरेख करने की स्थिति में नहीं थे।इस वजह से उन्होंने संग्रहालय की सामग्री दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र कोे सादर भेंट कर दी। पेटशाली जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के संग्रहालय कक्ष में परिरक्षित यह सामग्री उत्तराखण्ड की संस्कृति व इतिहास पर अध्ययन करने वाले शोधार्थियों व आम नागरिकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होगी। पेटशाली ने कहा कि अपने जीवन काल में उन्होनें पहाड़ के लोक से सम्बन्धित सामग्री को एकत्रित करने का बहुत सारा प्रयास किया, गांव-गांव से दुर्लभ वस्तुएं तलाश करने के बाद ही एक अच्छा संग्रह बन पाया। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने यह कहा कि मैं अब इस बात से बहुत आशान्वित हूं कि इस दुर्लभ व अमूल्य धरोहर को दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र जैसी संस्था समुचित रुप से परिरक्षित कर इसकी उपादेयता को बढ़ाने का सार्थक प्रयास करती रहेगी।
वर्तमान में इस संग्रहालय में पेटशाली जी द्वारा प्रदत्त 40 से अधिक महतवपूर्ण चित्र, 30 के करीब पहाड़ के परम्परागत वाद्य यंत्र, 20 से अधिक प्रकार के परम्परागत बरतन, 100 से अधिक पुरानी पुस्तकें,अखबार,पंचांग और संस्कृत में लिखी पाण्डुलिपियां, ग्रामोफोन, रेडियो, रिकाॅर्ड प्लेयर,कैसेट व कैमरे प्रदर्शित किये गये हैं। इसके अलावा इस संग्रहालय में घरेलू दैनिक उपयोग में काम आने वाली पुरानी सामग्री यथा हुक्का चिलम, ताला, कंघी, शीशा, लैम्प,लालटैन, पैट्रोमैक्स, दरांती, कुल्हाड़ी,रस्सी,सूप व पूजा में प्रयुक्त सामग्री को भी संग्रहित किया गया है। पहाड़ में प्रचलित पुराने काष्ठ विशेष के बरतन दही मथने प्रयुक्त डकौव, ठेकी, हड़पी, चैथेई, फरुवा, आनाज मापने में प्रयुक्त काष्ठ बरतन माणा, पाथा जैसे विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुकी सामग्री को भी इस संग्रहालय में रखा गया है।
इस संग्रहालय में पूर्व मुख्य सचिव उत्तराखण्ड, श्री सुरजीत किशोर दास के व्यक्तिगत संग्रह से प्राप्त मुगल व मध्यकाल के अनेक दुर्लभ व पुराने सिक्कों और विश्व के 144 से अधिक देशों द्वारा महात्मा गांधी के सम्मान में जारी डाक टिकटों के बहुमूल्य संग्रह को भी आम लोगों के लिए रखा गया है। इतिहास व पुरातत्व के अध्येता डाॅ. प्रह्लाद सिंह रावत के सौज्न्य से प्राप्त पुरोला क्षेत्र में पाये गये अनेक मृदभाण्ड, प्रस्तरों के टुकड़ों को भी यहां पर रखा गया है।
संग्रहालय के बाहर दर्शक दीर्घा में बंगाल के प्रसिद्ध चित्रकार रथिन मित्रा के बनाए रेखांकन, विविध समाचार पत्रों व पत्रिकाओं में प्रकाशित गांधीं जी पर आधारित कार्टून्स भी प्रदर्शित किये गये हैं। इतिहासकार डाॅ. योगेश धस्माना के संग्रह से प्राप्त स्वतंत्रता संग्राम आन्दोलन और उत्तराखण्ड आदोंलन को उस समय के समाचार पत्रों ने किस तरह देखा उस पर आधारित अनेक दुर्लभ व जानकारी परक चित्र भी आम लोगों के लिए प्रदर्शित किये गये हैं।
दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के संग्रहालय कक्ष के शुभारम्भ पर इस सादे समारोह में प्रोफे. बी. के. जोशी ने जुगल किशोर पेटशाली का स्वागत किया। सुरजीत किशोर दास, श्री एन. रविशंकर,और श्री एन. एस. नपलच्याल ने पेटशाली जीे के व्यक्तित्व और लोक संस्कृति के क्षेत्र में उनके योगदान पर अपने विचार प्रकट किये। जुगल किशोर पेटशाली के परिचय की जानकारी दून पुस्तकालय के चन्द्रशेखर तिवारी ने दी और कार्यक्रम का संचालन डाॅ. योगेश धस्माना ने किया। इस अवसर पर लता कुंजवाल, मुकेश नौटियाल, संस्कृति कर्मी नवीन बिष्ट, डाॅ. नंदकिशोर हटवाल, सुन्दर सिंह बिष्ट, ज्योतिष घिल्डियाल, डॉ.अतुल शर्मा, जगदीश सिह महर, बिजू नेगी सहित दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र में कार्यरत लोग और साहित्य व संस्कृति प्रेमी उपस्थित रहे।
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