Tuesday, November 26, 2024
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महामहिम राज्यपाल गुरमीत सिंह ने डा0 नरेश चौधरी को किया सम्मानित

हरिद्वार (कुलभूषण)  महामहिम राज्यपाल उत्तराखण्ड लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने सम्पूर्ण कोरानाकाल में
उत्कृष्ठ समर्पित कार्यों के लिए डा0 नरेश चौधरी को विशेष रूप से सम्मानित किया लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह महामहिम राज्यपाल उत्तराखण्ड ने ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के रचना शरीर विभागध्यक्ष/इंडियन रेडक्रास सचिव प्रोफेसर (डा0) नरेश चौधरी को अपने मूल दायित्वों के साथ सम्पूर्ण वैश्विक महामारी कोविड-19 अवधि में चुनौतीपूर्ण समय के दौरान अटूट साहस और निस्वार्थ समर्पण भावना से की गयी सामाजिक सेवा एवं उत्कृष्ठ कार्यो के एक सच्चे समर्पित कोरोना वॉरियर्स के रूप में विशेष रूप से सम्मानित किया। महामहिम राज्यपाल गुरमीत सिंह ने डा0 नरेश चौधरी को सम्मानित करते हुए कहा कि उत्कृष्ठ कार्य करने वाले को जब उच्च स्तर पर सम्मान मिलता है तो वह और अधिक उर्जा से उत्साहित होकर भविष्य में भी उत्कृष्ठ और समर्पित सामाजिक सेवा करने के लिए हमेशा तत्परता से अग्रणीय रहता है,

तथा समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत बनकर अधिक कर्मठता से चुनौतीपूर्ण उत्कृष्ठ कार्य कर जनसमाज की सराहना का पात्र बनकर प्रिय हो जाता है। डा0 नरेश चौधरी ने सम्मानित होने पर कहा कि समय-समय पर किये जाने वाले सम्मान से मुझे और अधिक समर्पित होकर कार्य करने की जो प्रेरणा एवं शक्ति मिलती है, वह अतुलनीय है। डा0 नरेश चौधरी ने सभी अपने शुभचिन्तकों को आभार व्यक्त करते हुये कहा कि अपने मूल दायित्वों के साथ-साथ जब भी अतिरिक्त एवं चुनौतीपूर्ण कार्य करने का मौका मिलता है, तो उन सभी कार्यो को कर्मठतापूर्ण सम्पन्न करना मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता होती हैै। और उससे जो आत्मसन्तुष्टि प्राप्त होती है, वह मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान है। ज्ञात हो पूर्व में भी डा0 नरेश चौधरी को राष्ट्रपति पुरस्कार वैक्सीनेशन में प्रधानमन्त्री से प्रशस्ति पत्र, नीति आयोग, मुख्यमन्त्री सम्मान पुरस्कार, राज्यपाल पुरस्कार, विभिन्न केन्द्रीय एवं वरिष्ठ राजकीय केबिनेट मन्त्रियों, जनप्रतिनिधियों, उच्च अधिकारियों, साधु सन्तों एवं विभिन्न सामाजिक तथा स्वयंसेवी संस्थाओं से समय-समय पर सराहनीय उत्कृष्ठ कार्यों के लिए सम्मानित किया गया।

 

संकेतक 7 एवं 16 में उत्तराखण्ड राज्य प्रथम स्थान पर हैMay be an image of 7 people, people smiling, people studying and text

हरिद्वार (कुलभूषण) एसएमजेएन पीजी कॉलेज, हरिद्वार के अर्थशास्त्र विभाग द्वारा आईक्यूएसी के तत्वावधान में राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस मनाने के लिए आज कालेज के सभागार में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का विषय था “सतत विकास लक्ष्यों की निगरानी के लिए राज्य संकेतक ढांचे को राष्ट्रीय संकेतक ढांचे के साथ संरेखित करना” ।
सांख्यिकी और आर्थिक नियोजन के  क्षेत्र में प्रोफेसर  प्रशांत चंद्र महालनोबिस द्वारा किए गये उनके उल्लेखनीय योगदान को ध्यान में
रखते  हुए, भारत सरकार ने प्रत्येक वर्ष 29 जून को उनकी जयंती पर,
राष्ट्रीय स्तर पर मनाये जाने वाले दिवस की विशेष श्रेणी में “सांख्यिकी दिवस” ​​​​के रूप में मनाना सुनिश्चित किया है। इस दिवस का उद्देश्य सामाजिक
आर्थिक योजना और नीति निर्माण में सांख्यिकी की भूमिका और महत्व के बारे में प्रोफेसर महालनोबिस से प्रेरणा लेने के लिए
विशेष रूप से युवा पीढ़ी में  सार्वजनिक जागरूकता पैदा करना है।
इस वर्ष सांख्यिकी दिवस की मुख्य थीम “सतत विकास लक्ष्यों की निगरानी के लिए राष्ट्रीय संकेतक ढांचे के
साथराज्य संकेतक ढांचे का संमिश्रण करना ” है।
इस वर्ष ईद का त्यौहार होने के कारण महाविद्यालय में इसे 1 जुलाई को मनाया गया।यह जानकारी देते हुए कालेज के प्राचार्य डॉ सुनील कुमार बत्रा ने सभी को सांख्यिकी दिवस की बधाई दी एवं सांख्यिकीय टूल्स के सही प्रयोग करने के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि सतत् विकास के लिए सांख्यिकीय टूल्स एवं उसका विश्लेषण प्रमुख है। इनका प्रयोग बहुत ही सावधानी से करना चाहिए अन्यथा इसके दुष्परिणाम भी हो सकतें है। उन्होंने अपनी बात को एक कहानी के माध्यम से प्रतिभागियों को स्पष्ट किया।
इस अवसर पर इनरव्हील हरिद्वार की अध्यक्षा विनिता गोनियाल, मोनिका अरोड़ा, रूचिता सक्सेना,कनुप्रिया मिश्रा, मन्जू वत्स, डॉ विनीता कुमार, प्रियंका ,एवं रमन सैनी एडवोकेट मंचासीन रहे।
आज के कार्यक्रम में कीनोट स्पीकर डॉ रूचिता सक्सेना अर्थशास्त्र विभाग ने सतत विकास लक्ष्यों की निगरानी के लिए राष्ट्रीय और राज्य संकेतक ढांचे के विकास में नीति आयोग और सांख्यिकी और योजना कार्यान्वयन मंत्रालय की भूमिका पर चर्चा के द्वारा संगोष्ठी को प्रारम्भ किया । उन्होंने
संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए इस बात पर बहुत गर्व महसूस किया कि भारत के एसडीजी सूचकांक में एसडीजी प्राप्त करने के मामले में भारत के सभी राज्यों के बीच, उत्तराखंड 2022 में तीसरे स्थान पर है। इसके अतिरिक्त उत्तराखण्ड राज्य एसडीजी 7 के अन्तर्गत
किफायती और स्वच्छ ऊर्जा और एसडीजी 16 के अन्तर्गत शांति न्याय और मजबूत संस्थान में प्रथम स्थान पर काबिज है।
संगोष्ठी एक सकारात्मक नोट पर संपन्न हुई। यह शिक्षा जगत और नागरिक समाज की भागीदारी से एसडीजी और उनके स्थानीयकरण के बारे में जागरूकता पैदा करने में सक्षम हैं। इसमें प्रतिभागी अंतिम त्यागी, डॉ. लता शर्मा, डॉ. आशा शर्मा, सुश्री रश्मि डोभाल, डॉ. विजय शर्मा, डॉ. मोना शर्मा, रिकंल गोयल, अनन्या भटनागर, डॉ. अमिता मल्होत्रा ​​ डॉ लता शर्मा, डॉ विजय शर्मा, प्रियंका, डॉ डी एम त्रिपाठी, एडवोकेट रमन सैनी, अर्शिका वर्मा, सिमरन,गौरी अरोड़ा, अंशिका,अर्शिया नकुल आदि छात्र छात्राऐं उपस्थित रहें।

 

छात्र छात्राओं को ई ब्रिक एवं सीड बम बनाने की विधि समझायी गयीMay be an image of 7 people, people standing and tree

हरिद्वार (कुलभूषण) एस एम जे एन पी जी कालेज में आज इनरव्हील क्लब एवं पर्यावरण प्रकोष्ठ तथा आई क्यू ए सी के तत्वावधान में पौधारोपण कार्यक्रम का शुभारंभ करके हरेला पर्व की विधिवत शुरूआत की गयी।
कालेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि प्रकृति हमारी माँ है और उसके बिना हमारा अस्तित्व सम्भव नहीं है। यदि हम उसके विरूद्ध जायेंगे और अपने लालच की पूर्ति के लिए उसके ससांधनों का अंधाधुंध दोहन करेंगे तो हम अपने विनाश को निमंत्रण देंगे। अत: हमें अपनी मातृभूमि का श्रंगार पौधारोपण के द्वारा करना चाहिए। उन्होंने छात्र छात्राओं का आह्वान किया कि इस समय बहुत से फल जैसे आम, जामुन, लीची, आडू़,चीकू, मौसमी, आदि जिनके अन्तर्गत बीज होता है उन के बीज को मिटटी के साथ मिलाकर सीड बम बनाया जा सकता है तथा इस सीड बम को पौधारोपण करने के लिए ऐसे स्थानों पर डाला जा सकता है जो दुर्गम है। तथा इस माध्यम से हम प्रकृति का श्रंगार करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकतें है। इस अवसर पर इनरव्हील क्लब की अध्यक्षा विनिता गोनियाल ने
पर्यावरण के साथ सतत् विकास की अवधारणा को अपनाने का संदेश दिया उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में हरेला पर्व का संदेश पर्यावरण के संरक्षण का संदेश है। वृक्षों का मानव जाति के जीवन में बहुत अधिक महत्व है। वृक्षों का अस्तित्व हमारे जीवन और जीवनशैली दोनों से जुड़ा है। प्रकृति ने हमें अनेक प्रकार के वृक्ष और जड़ी बूटियाँ दी हैं, जो हमें प्राण वायु के रूप में आक्सीजन देते हैं। आज के पौधारोपण कार्यक्रम से हम कालेज में हरेला पर्व का शुभारंभ करके एक सार्थक सन्देश दे रहे हैं।
इस अवसर पर श्रीमती रूचिता सक्सेना ने छात्र छात्राओं को ई ब्रिक बनाने की विधि बताते हुए कहा कि इससे तितर बितर फैलीं हुईं पोलीथीन उत्पादों को सुव्यवस्थित तरीके से संकलन में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर विनिता गोनियाल, मोनिका अरोड़ा, रूचिता सक्सेना,कनु प्रिया, मन्जू वत्स,डॉ विनिता कुमार, प्रियंका, रमन सैनी एडवोकेट,डॉ लता शर्मा, डॉ मोना शर्मा, डॉ अमिता, डॉ अमिता मल्होत्रा, रश्मि डोभाल, डॉ आशा शर्मा, डॉ विजय शर्मा, अनन्या भटनागर, प्रियंका, एम सी पान्डेय, मधुर अनेजा, रवि यादव, आदि ने इस अवसर पर कालेज में एक एक पौधा रोपित किया।

 

एचईसी कॉलेज एवं सिडकुल मैन्यूफैक्चरर एसोशिएसन उत्तराखण्ड के बीच अनुबन्ध

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हरिद्वार (कुलभूषण) एचईसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स, जगजीतपुर एवं सिडकुल मैन्यूफैक्चरर एसोशिएसन उत्तराखण्ड के मध्य एक अनुबन्ध (एमओयू) संस्थान कैप्पस में किया गया जिसमें एचईसी कालेज के चेयरमैन संदीप चौधरी एवं सिडकुल मैन्यूफैक्चरर एसोशिएसन उत्तराखण्ड के चेयरमैन डा0 हरेन्द्र कुमार गर्ग ने अनुबन्ध-पत्र पर हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर संस्थान के चेयरमैन श्री संदीप चौधरी ने कहा कि यह अनुबन्ध उत्कृष्टता की दिशा में हमारी यात्रा का मील का पत्थर साबित होगा, इस साझेदारी के माध्यम से छात्रों को उद्योग विशिष्ट कार्यशालाओं सेमीनारों और प्रशिक्षण कायक्रमों की एक विस्तृत श्रृखंला का लाभ मिलेगा। यह सहयोग शैक्षणिक संस्थान और उद्योग के पेशेवरों के बीच संबंध को मजबूत करेगा एवं छात्रों के कौशल विकास, इंर्टनशिप, सहकारी शिक्षा कार्यक्रमों और नौकरी प्लेसमेंट के अवसरों को बढायेगा।
डा0 हरेन्द्र गर्ग ने कहा कि इस अभूतपूर्व साझेदारी का उद्देश्य शिक्षा और उद्योग की बीच की खाई का पाटना एवं एक सहयोगी परिस्थितकी तंत्र का बढावा देना है। यह सहयोग शैक्षणिक संस्थान और उद्योग के पेशेवरों के बीच संबंधो को मजबूत करेगा।
इस अवसर पर सिडकुल कोटद्वार चैप्टर के सीनियर वाईस चेयरमैन श्री रंजीत टिबरीवाल, सिडकुल मैन्यूफैक्चरर एसोशिएसन उत्तराखण्ड की आफिस डायरेक्टर अंशिका शर्मा, एचईसी कॉलेज के डायरेक्टर डा0 प्रशान्त गौरव व डायरेक्टर (ट्र्ेनिंग एवं प्लेसमैन्ट) श्री विकास गुप्ता उपस्थित रहे।

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