देहरादून, मिस्टर एंड मिस उत्तराखंड प्रतियोगिता से पूर्व देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में टैलेंट राउंड का आयोजन किया गया, जिसमें ग्रैंड फ़िनाले के प्रतिभागियों ने अपने बेहतरीन हुनर का प्रदर्शन किया|
रविवार को देहरादून में हिमालयन बज़ की ओर से मिस्टर एंड मिस उत्तराखंड प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी मुख्य प्रस्तुतकर्ता के तौर पर अपनी भूमिका निभा रहा है | इसी कड़ी में शुक्रवार को यूनिवर्सिटी परिसर में मिस्टर एंड मिस उत्तराखंड के प्रतिभागियों के लिए टैलेंट राउंड का आयोजन किया गया, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने अपने अन्दर छुपे हुनर को बेहतरीन ढंग से पेश किया| इस दौरान नृत्य, संगीत, गायन जैसे राउंड आयोजित हुए, जिसमें प्रतिभागियों ने काफी शानदार प्रस्तुतियां दीं | टैलेंट राउंड में 26 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और रविवार को होने वाले मुख्य आयोजन से पूर्व उन्हें अपनी तैयारियों को परखने का मौक़ा मिला| इस दौरान यूनिवर्सिटी के फैशन डिपार्टमेंट के छात्रों को भी फैशन जगत से रूबरू होने का मौक़ा मिला और काफी कुछ सीखने का अवसर प्राप्त हुआ| दरअसल फैशन डिपार्टमेंट के छात्रों द्वारा तैयार इंडो-वेस्टर्न फ्यूज़न कलेक्शन को पहनकर मॉडल्स रविवार को मिस्टर एंड मिस उत्तराखंड में रैंपवॉक करती नज़र आयेंगी| ये छात्रों के लिए एक बेहतरीन पल होगा और फैशन जगत में अपनी पहचान हासिल करने का एक मौक़ा भी होगा| देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म, लिबरल आर्ट्स एंड फैशन डिज़ाइन की डीन प्रोफ़ेसर दीपा आर्या ने कहा कि इस तरह के मौके छात्रों को इंडस्ट्री में कदम बढ़ाने के लिए नए अवसर और अनुभव प्रदान करते हैं| वहीं, छात्रों के इंडो-वेस्टर्न कलेक्शन का ग्रैंड फ़िनाले में मॉडल्स द्वारा प्रदर्शन करना भी छात्रों के लिए गौरव का पल होगा | टैलेंट राउंड के निर्णायक मंडल में दीपा आर्या, विनायक शर्मा, हिमालयन बज़ के सह- संस्थापक गौरवेश सिंह, मॉडल नेहा भट्ट, लक्ष्य जैन, और सुबोध शामिल थे |
उत्तराखण्ड में इंडस्ट्रियल हैम्प आधारित स्वरोजगार सृजन और रिवर्स माइग्रेशन के नीति बनी
चमोली, उत्तराखण्ड में इंडस्ट्रियल हैम्प आधारित स्वरोजगार सृजन और रिवर्स माइग्रेशन को गति प्रदान करने के लिए वर्ष, 2003-04 से ही इंडस्ट्रियल हैम्प की खेती, प्राकृतिक रेशों, बीज और डंठलों का उपयोग कर लघु कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नीति निर्माता प्रयासरत् रहे हैं। गौरतलब है कि पूर्व में उत्तराखण्ड कैनेबिस चिकित्सीय व वैज्ञानिक प्रयोजन और औद्योगिक हैम्प की खेती को एक साथ रख कर वर्ष 2016 में पहली इंडस्ट्रियल हैम्प पाॅलिसी बनायी गयी थी। इसकी अंतिम बैठक तत्कालीन मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह जी की अध्यक्षता में 20 मार्च 2020 को हुई थी। इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए ‘‘औद्योगिक हैम्प एवं चिकित्सीय कैनाबिस’’ की नियमावली, 2023 पर स्टेक होल्डर्स की परामर्श बैठक का आयोजन सचिव, कृषि एवं कृषक कल्याण, उत्तराखण्ड शासन की अध्यक्षता में होटल अकेता, देहरादून में किया गया । बैठक में राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के स्टेक होल्डर्स, जिनमे उद्यमी एवं कृषकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
बैठक के प्रारम्भ में सगन्ध पौधा केन्द्र के निदेशक, डा0 नृपेन्द्र चैहान द्वारा प्रतिभागियों का स्वागत करते हुये, उनके समक्ष नियमावली के बारे संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करते हुये कहा कि, उत्तराखण्ड राज्य में रोजगारपरक खेती कम होने तथा पारम्परिक खेती को जंगली जानवरों द्वारा पहुंचाये जा रहे नुकसान, पर्वतीय जनपदांे मंे रोजगार की तलाश में पलायन की समस्या के दृष्टिगत रोजगारपरक खेती उपलब्ध कराये जाने की दिशा में ‘‘औद्योगिक हैम्प एवं चिकित्सीय कैनाबिस’’ की खेती के लिए नियामवली तैयार की गई। राज्य के कृषकों एवं इससे सम्बंधित उद्योगों को बढा़वा देने हेतु तैयार नियमावली पर हितधारकों से सुझाव आमंत्रित किये गये। अधिकांश प्रतिभागियों द्वारा हैम्प बीज की उपलब्धता, लाईसेन्स प्राप्त होने में देरी, जिन पौधों में टी.एच.सी. की मात्रा 0.3 प्रतिशत से अधिक है, के बीज एवं तने के उपयोग की अनुमति प्रदान करने, परीक्षण की व्यवस्था जिला स्तर पर उपलब्ध कराने, चिकित्सीय कैनेबिस की खेती इन्डोर अवस्था में ही करने के साथ-साथ राज्य में 700 मीटर से अधिक ऊँचाई वाले क्षेत्रों में इसकी ख्ेाती हेतु अनुज्ञा जारी करने का सुझाव दिया गया।
बैठक में बाॅम्बे हैम्प कम्पनी के प्रतिनिधि दिलजाद देवलीवाला ने अपने सुझाव रखते हुए कहा कि वर्तमान पाॅलिसी के भाग 3 में यह कहा गया है कि औद्योगिक हैम्प टी0एच0सी0 की निर्धारित मानक से अधिक पाये जाने पर फसल के तने व शाखा से फाइबर बनाने की अनुमति प्रदान की जाएगी व शेष भाग- फूल, पत्ती व बीज आदि को जिला आबकारी अधिकारी की उपस्थिति में नष्ट कर दिया जाए। यह अनुचित होगा बल्कि ऐसी फसल से उत्पादित बीज का उपयोग किये जाने की अनुमति दी जानी चाहिए। ताकि बीज और बीज से बनने वाले तेल, आटा और प्रोटीन पाउडर आधारित स्वरोजगार विकसित किये जा सकें।
लाइसेंस धारक सर्व हैम्प कम्पनी के सचित अवस्थी ने सुझाव रखा कि मेडिसनल कैनेबिस और औद्योगिक हैम्प दोनों को अलग-अलग पाॅलिसी में नहीं रखना चाहिए था। बल्कि दोनों को एक साथ रखा जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि हमारे राज्य की पाॅलिसी से पूरे एशिया में औद्योगिक हैम्प की खेती को बढ़ावा मिलेगा और स्वरोजगार विकसित होगा।
ज्ञ3ै प्रोजेक्ट्स इंडिया लि0/भंगोला डाॅट काॅम के अखिलेश सिंह ने सुझाव दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों को लाइसेंस बनाने की कठिन प्रक्रिया से ना गुजरना पड़े इसके लिए जिला स्तर पर समन्वय समिति में समाजसेवी संगठन और किसानों को अवश्य शामिल किया जाए।
धर्मशाला के सृजन शर्मा ने भी इस बात को दोहराया कि औद्योगिक भांग की खेती में मानक से अधिक टी0एच0सी0 के बीजों के उपयोग की अनुमति दी जानी चाहिए। लाइसेंस धारक संकेत जैन ने सुझाव दिया कि लाइसेंस के आवेदन और लाइसेंस मिलने तक की अवधि को तीन माह की बजाय दो माह किया जाना उचित होगा।
काशीपुर से आए रघुवेन्द्र सिंह ने कहा कि अभी तक इंडस्ट्रियल हैम्प के बीज को बीज प्रमाणिकरण नहीं मिला है। जिसकी वजह से औद्योगिक भांग की फसल का उपयोग नहीं हो पाता है। इसलिए भांग के बीज को बीज प्रमाणिकरण सम्बन्धित एक्ट में शामिल किया जाना चाहिए।
पिछले लगभग डेढ़ दशक से प्राकृतिक रेशा, इंडस्ट्रियल हैम्प आधारित स्वरोजगार एवं औद्योगिक भांग पर शोध कार्य कर रहे आगाज फैडरेशन पीपलकोटी चमोली के अध्यक्ष एवं हैम्प शोधार्थी जे.पी. मैठाणी ने कहा कि यह पाॅलिसी राज्य के हित में है। उन्होंने मांग की कि औद्योगिक भांग की खेती से सम्बन्धित नीति बनाने की राज्य सरकार की फिलाॅसफी यह थी कि उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार की कमी, जंगली जानवरों द्वारा परम्परागत फसलों और फल उद्याानों को नुकसान पहुंचाने की वजह से कृषि भूमि बंजर हो रही है। अतः ऐसे और प्रमुखतः भौगोलिक दृष्टि से पहाड़ी क्षेत्रों में ही औद्योगिक भांग की खेती के लाइसेंस दिये जाएं। इसके लिए समुद्र तल से 600 मीटर या उससे ऊपर के क्षेत्रों में स्थित गाँवों की कृषि योग्य भूमि को ही शामिल किया जाए। ताकि उत्तराखण्ड में रोजगार के लिए पलायन, घोस्ट विलेज की संख्या में कमी के साथ-साथ कृषि योग्य भूमि का सदुपयोग उत्तराखण्ड राज्य के निवासियों के लिए हो सके। मैदानी क्षेत्रों में सुगमता से उत्तराखण्ड कैनेबिस (चिकित्सीय व वैज्ञानिक प्रयोजन) एवं औद्योगिक हैम्प की खेती, प्रसंस्करण व उत्पाद निर्माण के लाइसेंस देने से सिर्फ औद्योगिक घरानों या पूंजीपतियों को ही लाभ मिलेगा ना कि ग्रामीण क्षेत्र के गरीब किसानों को। जिनके लिए यह मुहिम शुरू की गयी थी।
श्री मैठाणी ने सचिव, कृषि एवं कृषक कल्याण, उत्तराखण्ड शासन और निदेशक सगंध पादप केन्द्र को दिये गये अपने 11 बिन्दुओं के सुझाव पत्र में यह भी मांग की कि अगर औद्योगिक भांग की खेती आबादी वाले क्षेत्र या मैदानी क्षेत्र जैसे तराई, हरिद्वार, उधमसिंह नगर और देहरादून के अलावा नैनीताल के कुछ हिस्सों में औद्योगिक भांग की खेती के अधिकतर लाइसेंस दिये जाते हैं तो इससे उत्तराखण्ड के उन पर्वतीय क्षेत्रों के किसानों या भूमिधारकों को स्वरोजगार के लाभ नहीं मिलेंगे जिनके लिए शुरू से ही उत्तराखण्ड सरकार स्वरोजगार हेतु औद्योगिक भांग खेती की नीति बना रही थी।
उन्होंने कहा कि, ऐसे क्षेत्र जहाँ औद्योगिक भांग की खेती की जानी प्रस्तावित हुई हो या उसका लाइसेंस लेना वांछित हो वे पूर्णतः गैर आबादी क्षेत्र होने चाहिए। इससे दुरूपयोग, फसल नुकसान, चोरी आदि को रोका जा सकेगा।
हर जनपद जहाँ के लिए औद्योगिक भांग की खेती को उपयुक्त माना गया हो वहाँ लाइसेंस आदि प्रक्रियाओं के लिए सिंगल विंडो सिस्टम स्थापित किया जाए।
चिकित्सीय एवं वैज्ञानिक प्रयोजन के लिए औद्योगिक भांग की खेती किसी भी प्रकार से खुले स्थान पर न हो बल्कि यह खेती इंडोर या प्रोटेक्टेड कल्टिवेशन ही होना चाहिए। जैसा कि प्रस्तावित नियमावली के पृष्ठ 6 में वर्णित है।
प्रस्तावित नियमावली के पृष्ठ 7 बिन्दु 14 में पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट के बिन्दु 2 के अनुसार फसल की कटाई के बाद पौधों के अवशेषों को जिला स्तर पर नामित नोडल अधिकारी की उपस्थिति में नष्ट किया जाना लिखा है- यहाँ यह वर्णित नहीं है कि ये जला कर या कम्पोस्ट बनाकर नष्ट किये जाएंगे। जलाने से वायु प्रदूषण होगा। इसलिए अगर डंठल या रेशे के साथ-साथ बीजों का उपयोग किया जा सके तो नियमावली में इसका प्रावधान होना चाहिए।
राज्य स्तर की इस बैठक में कैनरमा, आईटीएस हैम्प, हिमाचल प्र्रदेश, नेनो टेक कम्पनी, दी जैन्स एण्ड सन्स कम्पनी, रूडकी, इस्टोएग्रोटेक, चण्डीगढ, केनाजो इण्डिया, मुम्बई, भंगोला, रूडकी, बोईको कम्पनी, मुम्बई, जिन्दल ग्लोबल आगाज़ फैडरेशन, हैम्प फाउण्डेशन, घाट चमोली के किसान दिलबर सिंह, बागेश्वर से बिपिन जोशी, राजेश चैबे, जसप्रीत सिंह, संकेत जैन, आर्किटेक्ट इशानी कंडवाल आदि सहित लगभग 55 स्टेक होल्डर्स द्वारा आॅफलाईन एवं लगभग 40 स्टेक होल्डर्स द्वारा आॅनलाईन प्रतिभाग किया गया।
कार्यक्रम मे उपस्थित सचिव, कृषि एवं कृषक कल्याण, उत्तराखण्ड शासन, डा. वीबीआरसी पुरूषोत्तम द्वारा सभी हितधारकों के विचार सुनने के उपरान्त उनको यथाआवश्यक नियमावली में समाहित करने का आश्वासन दिया।
बैठक में विजय कुमार जोगदण्डे, अपर सचिव, आयुष, राजू श्रीवास्तव, अपर सचिव, न्याय, ए.आर. सेमवाल, अपर आयुक्त, आबकारी, देवानन्द, सहायक निदेशक, नारकोटिक कन्ट्रोल ब्यूरो, सहित अपर ड्रग कन्ट्रोलर, सयुक्त सचिव, कृषि एवं कृषक कल्याण, विधायी तथा आबकारी, अखिलेश रावत, सलाहकार, मंत्री, कृषि एवं कृषक कल्याण, उत्तराखण्ड सरकार आदि विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।
अंत में डा. सुनील साह, वैज्ञानिक डी, द्वारा प्रतिभागियों का धन्यवाद् ज्ञापित करते हुये, बैठक का समापन किया गया। कार्यक्रम के दौरान श्री आरके यादव, वैज्ञानिक सी, डा. ललित अग्रवाल, वैज्ञानिक बी, डा. सरकार, डा. अनिल चैहान आदि प्रतिभाग किया गया।
स्वच्छता मशाल एवं स्वच्छता शपथ में दिया मातृशक्ति ने अपना योगदान
देहरादून, नगर निगम देहरादून द्वारा स्वच्छ उत्सव 2023 के अंतर्गत आज स्वच्छता शपथ एवं स्वच्छता मशाल मार्च कार्यक्रम का आयोजन किया गया | निगम सभागार में विश्व विद्यालय, स्वयं सहायता समूह, स्कूल और अन्य समाज सेवी महिलाओं को शपथ दिला कर इसकी शुरुआत की गई, स्वच्छता उत्सव 2023 एवं वुमन आइकन लीडिंग स्वच्छता अवार्ड 2023 के लिए नगर निगम में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया | गौरतलब हो कि इस अभियान का उद्देश्य स्वच्छता के क्षेत्र में महिलाओं द्वारा किए जा रहे कार्य को समाज के आगे ले कर आना तथा उन्हें सम्मानित और पुरस्कृत करना है | नगर निगम द्वारा आज 17 स्वयं सहायता समूह की प्रमुख महिलाओं को उनके द्वारा किए जा रहे उत्कृष्ट कार्य हेतु सम्मानित भी किया गया |
नगर निगम देहरादून द्वारा आज स्वच्छता मशाल मार्च का आयोजन किया गया , जिसमें ग्राफिक एरा हिल वा डीम्ड युनिवर्सिटी के महिला समूह के साथ राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा प्रतिभाग किया गया, देहरादून शहर को कचरा मुक्त बनाए रखने के लिए आज सभी ने एक साथ शपथ भी ली
नगर आयुक्त श्री मनुज गोयल जी द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया ,जिन्होंने इतने खराब मौसम में भी आज के इस मशाल मार्च को सफल बनाने में अपना योगदान दिया. उनके द्वारा भविष्य में भी नगर निगम द्वारा आयोजित होने वाले कार्यक्रम के लिए भी इसी तरह से सहयोग करने की अपील की गई।
मेयर श्री सुनील उनियाल गामा द्वारा सभी को निगम सभागार में स्वच्छता शपथ दिलाई गई एवं देहरादून शहर को इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में प्रथम स्थान दिलाने के लिए भी प्रेरित किया गया. सभी से अपने कचरे को अलग करना, गीले से खाद बनाने के बारे मे भी जानकारी दी गई.
आज के इस कार्यक्रम में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अविनाश खन्ना, सहायक नगर आयुक्त श्री शांति प्रसाद जोशी, शहरी मिशन से प्रोजेक्ट मैनेजर श्री विजय पाल सिंह नेगी, वेस्ट वॉरियर्स संस्था से नवीन कुमार सडाना एवं मिताली रावत उपस्थित रहे |
नशा मुक्ति केंद्र ने शोभा यात्रा के माध्यम से नशा मुक्त उत्तराखंड का दिया संदेश
देहरादून, राम नवमी के अवसर पर राजधानी देहरादून में व्यापक कार्यक्रम आयोजित हुए जिनमें कन्या पूजन के बाद भंडारों का भी आयोजन किया गया।
रामनवमी के शुभ अवसर पर तपस्थली संस्था और नशा मुक्ति केंद्र की ओर से एक भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया, मार्च को नशे से दूर रहने के लिए जागरूक किया गया एवं नशे से पैदा होने वाली समस्याओं के प्रति सचेत किया गया। शोभायात्रा में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के अलावा तपस्थली संस्था व नशा मुक्ति केंद्र के संयोजक श्रेष्ठ पुंडीर वरिष्ठ समाजसेवी प्रेरणा रावत, तेजस्वी राणा, तुषार वेद,
क्षेत्र के वरिष्ठ नेता महेंद्र प्रताप नेगी गुरू जी, हेमा पुरोहित बरिष्ट नेत्री, उद्योगपति दिनेश चंचल, एस,एस पंवार, कई गणमान्य लोग बच्चे एवं युवा भी शामिल रहे।
तपस्थली संस्था व नशा मुक्ति केन्द्र ने उत्तराखंड बनाने का संकल्प लिया। शामिल लोगों ने शोभायात्रा झांकियां और भजन कीर्तन करते हुए पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया। शोभायात्रा रायपुर बाजार से चौक होते हुए पूरी परिक्रमा की गई,
शोभायात्रा के पश्चात भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें पत्रकार पुष्कर सिंह नेगी समेत तमाम समाजसेवी, क्षेत्र के प्रमुख व्यापारी एवम युवा वर्ग शामिल हुए।
कांग्रेस करेगी सत्याग्रह : प्रदेश की सभी विधानसभाओं में यात्रा निकाल जनता से करेगी संवाद
(शहजाद अली)
हरिद्वार, कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने के विरोध में कांग्रेस देशभर में सत्याग्रह करने जा रही है। एक अप्रैल से तीस अप्रैल तक सभी विधानसभाओं में यात्रा निकाली जाएगी, जनता से संवाद किया जाएगा और रात्रि विश्राम कर लोगों को बताया जायेगा कि भाजपा सरकार के राज में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। आज हरिद्वार प्रेस क्लब में कांग्रेस विधायक रवि बहादुर और विधायक अनुपमा रावत ने प्रेस वार्ता कर सत्याग्रह के बारे में जानकारी दी। कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने लोकसभा में जनता की आवाज उठाने का काम किया था इसलिए बौखलाहट में भाजपा सरकार के इशारे पर जल्दबाजी में उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई उन्हे अपनी बात रखने तक का मौका नहीं दिया गया। राहुल गांधी की सदस्यता रद्द किए जाने के विरोध में कांग्रेस एक अप्रैल से तीस अप्रैल तक सत्याग्रह शुरू करने जा रही है और सत्याग्रह के जरिए भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों को जनता के सामने रखा जाएगा।
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