नई दिल्ली । यूपीआई से लेन देन करने वालों के लिए बड़ी खबर है। 1 अप्रैल 2023 से नया वित्त वर्ष शुरू होने जा रहा है। इसकी शुरुआत के साथ ही यूपीआई से लेन-देन भी महंगा होने वाला है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस पेमेंट को लेकर एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें अप्रैल की पहली तारीख से यूपीआई से होने वाले मर्चेंट पेमेंट पर यूपीआई चार्ज लगाने की सिफारिश की गई है।
मीडिया की खबर के मुताबिक, मंगलवार को जारी किए गए इस सर्कुलर के मुताबिक यूपीआई ने इंटरचेंज लगाया जा सकता है। ये चार्ज 0.5-1.1 फीसदी लगाए जाने की सिफारिश की गई है। सर्कुलर में यूपीआई के जरिए 2,000 रुपये से ज्यादा के ट्रांजेक्शन पर 1.1 फीसदी प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट यानि यूपीआई लगाने का सुझाव दिया गया है। यह चार्ज मर्चेंट ट्रांजैक्शंस यानी व्यापारियों को पेमेंट करने वाले यूजर्स को देना पड़ेगा।
यूपीआई के सर्कुलर से संकेत मिल रहे हैं कि 1 अप्रैल से पेमेंट यानी गूगल पे , फोन पे और पेटीएम जैसे डिजिटल माध्यम से अगर आप 2,000 रुपये से ज्यादा का पेमेंट करेंगे, तो फिर आपको इसके लिए ज्यादा जेब ढीली करनी होगी। रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 70 फीसदी लेन-देन 2,000 रुपये से अधिक के मूल्य होते हैं, ऐसे में इन पर 0।5 से लगभग 1।1 फीसदी का इंटरचेंज लगाया जा सकता है।
बता दें, में वॉलेट या कार्ड के जरिए ट्रांजैक्शन आता है। आम तौर पर इंटरचेंज फीस कार्ड भुगतान से जुड़ी हुई होती है और इसे लेन-देन को स्वीकार करने और लागत को कवर करने के लिए लागू किया जाता है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ने अपने सर्कुलर में कहा है कि इस नए नियम को 1 अप्रैल से लागू करने के बाद इसका समीक्षा 30 सितंबर, 2023 से पहले करेगा।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ने अलग-अलग क्षेत्र के लिए अलग-अलग इंटरचेंज फीस निर्धारित की है। फार्मिंग और टेलीकॉम सेक्टर में सबसे कम इंटरचेंज फीस वसूली जाएगा। दरअसल, इंटरजेंज फीस मर्चेंट ट्रांजैक्शंस यानी व्यापारियों को पेमेंट करने वाले यूजर्स को ही देना पड़ेगा। इस सर्कुलर के मुताबिक बैंक अकाउंट और वॉलेट के बीच पीयर-टू-पीयर और पीयर-टू-पीयर-मर्चेंट में किसी तरह के ट्रांजैक्शन पर कोई शुल्क नहीं देना होगा।
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