नैनीताल, उत्तराखंड़ के रामगढ़ नैनीताल में विश्वभारती विवि के गीतांजलि परिसर की स्थापना पर शासन की अंतिम मुहर के बाद यहां शिक्षण कार्य आगामी सत्र से शुरू किया जाना है। विश्वभारती की ओर से आगामी 24 फरवरी को प्रस्तावित दीक्षांत समारोह में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है। कार्यक्रम में विश्वभारती ने शांतिनिकेतन ट्रस्ट फॉर हिमालया के सदस्य सचिव प्रो. अतुल जोशी को भी आमंत्रित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाले इस कार्यक्रम में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल होंगे। शांतिनिकेतन ट्रस्ट फॉर हिमालया के सदस्य सचिव प्रो. अतुल जोशी ने बताया कि रामगढ़ में विश्वभारती के दूसरे परिसर की स्थापना के सहयोग के लिए उत्तराखंड शासन का आभार व्यक्त किया गया है।
उन्होंने बताया कि विश्वभारती के दीक्षांत समारोह में उत्तराखंड के सीएम धामी को गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया जाएगा। विश्वभारती की आरे से उन्हें आमंत्रित किया गया है। प्रो. जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उत्तराखंड राज्य को प्रदान की गई इस सौगात से जहां विश्वभारती केंद्रीय विश्वविद्यालय का गीतांजलि परिसर राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटकों एवं शोधार्थियों के लिए प्रमुख केंद्र बनेगा, वहीं इसके माध्यम से स्थानीय युवाओं के लिए स्वरोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे।
उन्होंने गीतांजलि परिसर की स्थापना को लेकर मार्गदर्शन एवं विशेष सहयोग प्रदान करने की लिए सीएम धामी, केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्री अजय भट्ट, पूर्व केंद्रीय शिक्षामंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, क्षेत्रीय विधायक रामसिंह कैड़ा एवं विश्वभारती केंद्रीय विवि के कुलपति प्रो. विद्युत चक्रवर्ती का आभार व्यक्त किया है। प्रो. जोशी के अनुसार रामगढ़ क्षेत्र का टैगोर टॉप गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की कर्मस्थली रही है। गुरुदेव ने रामगढ़ में अपने चर्चित कविता संग्रह ‘शिशु’ के अलावा ‘गीतांजलि’ के भी कुछ भाग की रचना की। जिसके लिए उन्हें 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार भी मिला। यही वजह है, कि सरकार ने यहां पर बनने वाले विश्व भारती विवि के नए परिसर का नाम गीतांजलि रखने का फैसला किया है।
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