नई दिल्ली, न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर केंद्र और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के बीच रस्साकशी के बीच, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर निर्णय लेने की प्रक्रिया में सरकार के नामित व्यक्ति को शामिल करने का “सुझाव” दिया है। कॉलेजियम विवाद को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) ने बीजेपी पर निशाना साधा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने इसे सरकार की ओर से हस्तक्षेप बताते हुए कहा कि यह बेहद खतरनाक है और न्यायिक नियुक्तियों में बिल्कुल सरकारी हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए |
इससे पहले, केंद्र सरकार ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर सरकारी प्रतिनिधियों को शामिल करने का सुझाव दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने टू टियर कॉलेजियम बनाया।सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार के सुझाव को भी सुप्रीम कोर्ट नहीं मान रहा है।इससे पहले कई विपक्षी नेताओं ने भी इस मामले पर इसी तरह के विचार व्यक्त किए थे और केंद्र सरकार पर न्यायपालिका को अपने कब्जे में लेने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।
केजरीवाल ने अंग्रेज़ी अखबार टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट को ट्वीट करते हुए लिखा, “ये बहुत ख़तरनाक है। जजों की नियुक्ति में किसी भी तरह का सरकारी हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। केंद्रीय कानून मंत्री ने इसके जवाब में लिखा कि मुझे उम्मीद है कि आप कोर्ट के निर्देश का सम्मान करेंगे! यह राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम को रद्द करते हुए सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ के निर्देश की सटीक अनुवर्ती कार्रवाई है। SC की संविधान पीठ ने कॉलेजियम प्रणाली के MoP को पुनर्गठित करने का निर्देश दिया था।
Recent Comments