उत्तरकाशी, आजादी के अमृत महोत्सव के तहत उत्तर प्रदेश राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के जवानों ने रोप क्राफ्ट बेसड सर्च एंड रेस्क्यू का 21 दिवसीय प्रशिक्षण लिया। नंदादेवी एडवेंचर एंड आउट डोर एजुकेशन इंस्टीट्यूट कफलो उत्तरकाशी में आयोजित इस प्रशिक्षण में यूपी एसडीआरएफ के जवानों रस्सियों के जरिये बहुमंजिला भवनों में फंसे व्यक्तियों, गहरी खाई व कुएं में गिरे व्यक्तियों तथा बाढ़ में फंसे व्यक्तियों के खोज बचाव का प्रशिक्षण लिया।
इस प्रशिक्षण में यूपी एसडीआरएफ के 36 जवान शामिल हुए। इन जवानों को 11800 फीट की ऊंचाई पर हाईट गेन भी कराया गया। समापन अवसर उत्तरकाशी के सहासिक पर्यटन खेल अधिकारी मोहम्मद अली ने इन जावनों का हौसला बढ़ाया साथ ही रेस्क्यू संबंधित जानकारी दी। उत्तर प्रदेश एसडीआरएफ के सेनानायक डा. सतीश कुमार के निर्देश पर राज्य आपदा मोचन बल के जवानों को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए उत्तराखंड के उत्तरकाशी भेजा गया। यहां नंदादेवी एडवेंचर एंड आउट डोर एजुकेशन इंस्टीट्यूट कफलो में इन जवानों ने प्रशिक्षण लिया।
इस प्रशिक्षण के पर्यवेक्षक उपनिरीक्षक मेघराज सिंह ने कहा कि यह प्रशिक्षण 29 अक्टूबर से शुरू हुआ। इस प्रशिक्षण में मुख्य प्रशिक्षक जगमोहन सिंह रावत (पूर्व प्रशिक्षक निम), प्रशिक्षक दिनेश राणा (ढासड़ा), उम्मेद राणा (कोटी), मनमोहन रजवार (नाल्ड), दीपक रावत (नाल्ड), धर्मेंद्र नेगी (उत्तरों) ने प्रशिक्षण दिया।
नंदादेवी एडवेंचर एंड आउट डोर एजुकेशन इंस्ट्यूट कफलो के एग्जीक्यूटिव डायरेटर सुनील कैंथोला ने कहा कि इस प्रशिक्षण में जवानों को अलग-अलग दलों में बांटा गया। दलों के नाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम से रखे गए। जिनमें काकोरी ट्रेन एक्शन के बलिदानियों में राम प्रसाद विस्मिल, अशफक उल्लाह खां, ठाकुर रोशन सिंह, राजेंद्र नाथ लाहिणी के नाम से रखे गए। रोप क्रॉफ्ट बेसड सर्च एवं रेस्क्यू प्रशिक्षण लेने के साथ जवानों को इन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान की गौरव गाथा बतायी गई। इस प्रशिक्षण में प्रशिक्षुओं को चार दिवसीय हाई एटीट्यूड एंडियोरेंस ट्रैक पर भी कराया गया। जिसके अंतर्गत 11800 फीट की ऊंचाई पर स्थित सियारी टॉप तक ले जाया गया।
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