रामनगर। उत्तराखंड राज्य के 23वें स्थापना दिवस के मौके पर परिवर्तनकामी छात्र संगठन ने महाविद्यालय परिसर में उत्तराखंड आंदोलन की महत्त्वपूर्ण झलकियों को पोस्टरों के माध्यम से जीवंत कर दिया। इस प्रदर्शनी के माध्यम से आज की पीढ़ी के छात्र-छात्राओं ने राज्य आंदोलन के दौरान हुई मुश्किलों को बेहद करीब से अनुभव करते हुए पोस्टर प्रदर्शनी की सराहना की।प्रदर्शनी के दौरान परिवर्तनकामी छात्र संगठन के रवि और विनोद ने छात्रों को प्रत्येक पोस्टर के माध्यम से राज्य आंदोलन के दौरान शहीद हुये बलिदानियों की याद दिलाते हुए उन्हें बताया कि उत्तराखंड राज्य का गठन इन्हीं बलिदानियों की बदौलत हुआ है। लेकिन आज राज्य गठन के 22 वर्ष पूरे हो जाने के बावजूद भी शहीदों के सपनों का उत्तराखंड नहीं बन सका है। नये राज्य का लाभ भ्रष्ट राजनीतिज्ञों, माफियाओं और पूंजीपतियों ने उठाया है जबकि जनता के हाल बदहाल हैं। रोजगार न होने के कारण एक ओर पहाड़ से युवाओं का लगातार पलायन हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर पर्यटन के नाम पर पहाड़ों को ऐशगाह बनाया जा रहा है। हालिया अंकिता भंडारी हत्याकांड इसी का परिणाम है।
आज शिक्षा के निजीकरण, भयंकर बेरोजगारी और लगातार बढ़ते अपराधों से जिस तरह पूरे देश की जनता पीड़ित है उसी तरह उत्तराखंड की जनता भी पीड़ित है। देश की सरकारों ने शिक्षा-स्वास्थ्य सभी को बाजार के हवाले कर दिया है। पढ़ लिखने के बाद भी हमारे युवा पूरे देश की तरह उत्तराखंड के सिडकुल में बहुत कम वेतन वाली ठेकेदारी की नौकरियों में खटने को विवश हैं। शहीदों ने जिस राज्य की संकल्पना की थी, उससे उत्तराखंड आज भी कोसों दूर है। जिसके लिए युवा पीढ़ी को ही आगे आना होगा। इस मौके पर परिवर्तनकामी छात्र संगठन के रवि, विनोद, राज, सौरभ, प्रशांत सहित कई छात्र मौजूद रहे।
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