रुद्रप्रयाग, केदारनाथ मंदिर का गर्भगृह स्वर्णमंडित हो गया है। 550 सोने की परतों से गर्भगृह की दीवारों और छत नए स्वरूप में दिख रही हैं। बता दें कि महाराष्ट्र के एक दानी के सहयोग से बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने यह कार्य किया है। एएसआई के अधिकारियों की देखरेख में यह कार्य किया गया और बुधवार को कार्य पूरा हो गया।
केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णमंडित करने के लिए पहले चांदी हटाई गई। मंदिर समिति के अधिकारियों की मौजूदगी में चांदी को हटाने के बाद मंदिर के भंडार गृह में सुरक्षित रख दिया गया। उसके बाद चांदी के स्थान पर तांबा लगाया गया। गर्भगृह की दीवारों पर तांबा चढ़ाने के बाद नाप लिया गया और फिर से इस तांबे को निकालकर वापस महाराष्ट्र ले जाया गया, जहां तांबे की परत की नाप पर सोने की परत तैयार की गई। सोने की ये परतें मंदिर के गर्भगृह, चारों खंभों व स्वयंभू शिवलिंग के आसपास की जलहरी में भी लगाई गई है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान व केंद्रीय भवन अनुसंधान रुड़की और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में बीकेटीसी ने गर्भगृह, जलेरी व छत पर सोने की परतें लगाने का कार्य किया। इस कार्य में 19 मजदूर लगे हुए हैं। गौरीकुंड से घोड़ा-खच्चरों से सोने की इन 550 परतें केदारनाथ पहुंचाई गईं थीं।
पुलिस की कड़ी सुरक्षा में गौरीकुंड पहुंचाई गईं परतें
इन परतों को नई दिल्ली से पुलिस की कड़ी सुरक्षा में गौरीकुंड पहुंचाया गया था। इससे पहले मंदिर के गर्भगृह, जलेरी व छत चांदी की परतें लगीं थीं। बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का कहना है कि गर्भगृह को स्वर्णमंडित करने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। बीते तीन दिनों से यह कार्य किया जा रहा है। बता दें कि सोने की परत लगाने से पहले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान व केंद्रीय भवन अनुसंधान रुड़की और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के दल ने धाम पहुंचकर मंदिर के गर्भगृह का निरीक्षण किया था। उनकी रिपोर्ट के बाद गर्भगृह में सोने की परत लगाने का काम शुरू किया गया।
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