नयी दिल्ली, कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए आज चुनाव हुए है। चुनावी प्रक्रिया मतदान के साथ ही खत्म हो चुकी है। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में 36 मतदान केंद्र बनाए गए थे। आज हुए मतदान में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित दिग्गज नेताओं ने वोट डाले हैं। अब सबकी निगाहें चुनावी नतीजों पर टिकी हुई है। कांग्रेस अध्यक्ष पद के नतीजे 19 अक्टूबर को आएंगे कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच था। दोनों नेताओं ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश, अजय माकन, मुकुल वासनिक, वरिष्ठ नेता अम्बिका सोनी, विवेक तन्खा और कई अन्य लोगों ने मतदान किया।
कांग्रेस केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने बताया कि आज 9,500 प्रतिनिधियों ने मतदान किया। कुल मिलाकर, 96% मतदान राज्यों में हुआ। कोई अप्रिय घटना नहीं हुई…3 मतपेटियां प्राप्त हुई हैं- 87 लोगों ने एआईसीसी, दिल्ली में मतदान किया। राहुल गांधी फिलहाल ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के लिए कर्नाटक के बेल्लारी में हैं। उन्होंने कंटेनर वाले विश्राम शिविर में बने मतदान केंद्र पर वोट डाला। उनके साथ वहां उन लगभग 40 नेताओं ने भी मतदान किया, जो उनके साथ इस यात्रा में ‘भारत यात्री’ हैं। वहीं, सोनिया गांधी ने कहा कि मैं इस दिन का लंबे समय से इंतजार कर रही थी। कांग्रेस मुख्यालय में मतदान के बाद जयराम रमेश ने कहा कि यह ऐतिहासिक मौका है। हमारे यहां स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से चुनाव हुआ है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एकमात्र राजनीतिक दल है, जहां अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होता है। हमारे यहां टी एन शेषन की तरह केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री हैं। किसी दूसरी पार्टी में चुनाव नहीं होता।
पूरे 22 वर्षों के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहा है। चुनाव के परिणाम की घोषणा 19 अक्टूबर को की जाएगी। इससे पहले मतदान वाले दिन कांग्रेस अध्यक्ष पद के दोनों उम्मीदवारों ने एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं। थरूर ने ट्वीट किया कि मल्लिकार्जुन खड़गे से आज सुबह बात की और उन्हें शुभकामनाएं दीं तथा उनके प्रति सम्मान और कांग्रेस की सफलता के प्रति दोनों के साझा समर्पण को व्यक्त किया। खड़गे ने ट्वीट कर कहा कि शशि थरूर जी को मेरी शुभकामनाएं। आज उनसे बात की। हम दोनों कांग्रेस की मजबूती के लिए लड़ रहे हैं, ताकि भविष्य की पीढ़ियों के लिए पहले से मजबूत और बेहतर राष्ट्र का निर्माण किया जा सके। जयराम रमेश के मुताबिक, अध्यक्ष पद के लिए अब तक 1939, 1950, 1977, 1997 और 2000 में चुनाव हुए हैं(साभार प्रभासाक्षी)।
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