तीन महीने बाद एक बार फिर से खुदरा महंगाई दर के आंकड़े बढ़ने के बाद फाइनेंस मिनिस्ट्री का बयान सामने आया है. वित्त मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation) में वृद्धि का कारण प्रतिकूल तुलनात्मक आधार के अलावा खाद्य वस्तुओं और ईंधन के दाम में आई तेजी है.
इसके साथ ही मंत्रालय की तरफ से भरोसा जताया गया कि महंगाई को काबू में लाने के लिये उठाए गए कदम का आने वाले महीनों में असर दिखेगा.
जुलाई में 6.71 प्रतिशत पर थी महंगाई दर
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त महीने में बढ़कर 7 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जबकि जुलाई के महीने में यह 6.71 प्रतिशत पर थी. तीन महीने बाद इसमें इजाफा देखा गया है. मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि अगस्त में प्रमुख मुद्रास्फीति 5.9 प्रतिशत रही है, जो लगातार चौथे महीने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के अधिकतम संतोषजनक स्तर 6 प्रतिशत से नीचे है.
अगस्त महीने में 7 प्रतिशत पर पहुंच गई
प्रमुख मुद्रास्फीति में खाद्य और ऊर्जा उत्पादों के दाम शामिल नहीं होते हैं. वित्त मंत्रालय की तरफ से एक ट्वीट में कहा गया ‘उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति (सकल मुद्रास्फीति) जुलाई 2022 में 6.71 प्रतिशत से मामूली बढ़कर अगस्त महीने में 7 प्रतिशत पर पहुंच गई. इसका कारण प्रतिकूल तुलनात्मक प्रभाव और खाद्य तथा ईंधन के दाम में आई तेजी है.’
मंत्रालय ने यह भी उम्मीद जतायी है कि सरकार ने आटा, चावल, मैदा आदि के निर्यात पर जो पाबंदी लगायी है, उससे इन जिंसों के दाम में नरमी आने की संभावना है. मंत्रालय के अनुसार, ‘सरकार ने घरेलू आपूर्ति बनाये रखने और कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाने के लिये गेहूं आटा, चावल मैदा आदि के निर्यात पर प्रतिबंध लगाये है. इन उपायों का आने वाले महीनों में उल्लेखनीय सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है.’
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