बैंगलुरू, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जद (एस) विधायक दल के नेता एच डी कुमारस्वामी ने कर्नाटक सरकार को हिंदी दिवस के विरोध में पत्र लिखकर एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। कुमारस्वामी ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से 14 सितंबर को कर्नाटक में हिंदी दिवस नहीं मनाने की अपील की है। ,” कुमारस्वामी ने सीएम बोम्मई को लिखे पत्र में कहा कि भारत 560 से अधिक रियासतों का महान संघ है जो सामाजिक, सांस्कृतिक रूप से विविध हैं और इसमें हजारों भाषाएं- उप भाषाएं शामिल हैं। केवल एक भाषा की प्रशंसा करना वास्तव में लोगों के साथ सर्वोच्च अन्याय होगा।
कुमारस्वामी ने कहा कि 14 सितंबर को जब केंद्र सरकार राज्य सरकार द्वारा हिंदी दिवस मनाने के लिए मजबूर करेगी, तो ये कन्नड़भाषी लोगों के साथ अन्याय होगा। कुमारस्वामी ने जोर देकर कहा कि हमारे राज्य के लोगों द्वारा भुगतान किए गए कर के पैसे का उपयोग कर्नाटक सरकार द्वारा हिंदी दिवस मनाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
इसके अलावा डीएमके भी चेतावनी दे चुकी है कि करुणानिधि के हिंदी विरोधी आंदोलन को लोग नहीं भूले हैं। डीएमके के मुताबिक हिंदी भाषा को थोपा नहीं जा सकता है। वही पिछले हफ्ते, मुख्य सचिव वंदिता शर्मा ने एक सर्कुलर जारी कर कर्नाटक के अंदर केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा आयोजित सभी कार्यक्रमों में कन्नड़ का इस्तेमाल करना अनिवार्य कर दिया था। शर्मा ने सर्कुलर में कहा, “कन्नड़ हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए, न कि विकल्प।”(साभार प्रभासाक्षी)
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