रुद्रप्रयाग- भ्रष्टाचार की जड़े कितनी गहरी होती है वर्षों से ब्यवस्था से पीड़ित एक पूर्व फौजी की दास्तां इसे बयां करने को काफी है। वर्ष 2013 में जिलाधिकारी कार्यालय में उपनल के माध्यम से नौकरी के लिये आवेदन करने वाले पूर्व सैनिक को नियुक्ति पत्र मिलने के बाद भी दो लाख की डिमांड पूरी न करने कारण नियुक्ति नहीं दी गई।
दरअसल वर्ष 2013 में सेना से सेवानिवृत्त हुये जनपद के कोठगी गांव निवासी विजय ने जिलाधिकारी कार्यालय में उपनल के माध्यम से नौकरी के लिए आवेदन किया। विजय लाल को उपनल ने ज्वाइनिंग लेटर भी दे दिया था। लेकिन 9 सालों तक इन्हें ज्वाइनिंग नहीं दी गई विजय लाल का आरोप है कि जिलाधिकारी कार्यालय में तैनात एक बाबू ने उनसे 2 लाख रुपये की मांग की जिसे उन्होंने पूरा करना उचित नही समझा व ब्यवस्था पर विश्वास रखते हुये 9 सालों तक अपने हक की लड़ाई लड़ते रहे। इस बीच विजय लाल पात्र होते हुए भी देहरादून से लेकर रुद्रप्रयाग तक अधिकारियों के चक्कर काटते रहे।
विजय लाल का आरोप हैं कि उनके बाद करीब 90 लोगों को उपनल व पीआरडी से जिलाधिकारी कार्यालय व तहसीलों में लगाया गया, जिसमें कई लोग अपात्र भी हैं. इन्हें नियुक्ति देने में उक्त कर्मचारी की बड़ी भूमिका रही।
मामला जिलाधिकारी कार्यालय का होने के कारण सुर्खियों में है अब इस मामले में राजनीतिक पार्टियां भी मुखर हो गई। कांग्रेस जिला प्रवक्ता नरेंद्र बिष्ट , उक्रांद के जिलाध्यक्ष बलबीर चौधरी का कहना है कि शर्म की बात है कि रुद्रप्रयाग में भी नौकरियों के लिए पैसे की डिमांड की जा रही है उन्होंने कहा कि विभागों में ब्याप्त भ्रष्टाचार पर जिला प्रशासन सख्ती नहीं दिखा पा रहा जिसका नतीजा अधिकारी, कर्मचारी बैखोप होकर भ्रष्टाचार में लिप्त है।
Recent Comments