उत्तरकाशी, बीमार व्यक्ति उसका इलाज कर रहे डाक्टर को भगवान समझ कर उस पर ही अपनी जिन्दगी सौप देता है, ऐसा ही एक मामला जनपद चमोली के एक दूरस्थ गांव गुड़साल का है, जहां लव सिंह बिष्ट नामक तपेदिक रोगी की इस बीमारी से आंतें बुरी तरह से चिपक गयी थी। उसके पास उपचार के लिए देहरादून या दिल्ली जाने के लिए कोई विकल्प नहीं था। उसने सुना था कि उत्तरकाशी जिला अस्पताल में डा. केपी सिंह सर्जन हैं। वह जीवन की उम्मीद लिए डा. सिंह के पास उत्तरकाशी पहुंचा।
इस अस्पताल में सर्जरी के लिए सीमित संसाधन हैं, लेकिन डा. सिंह ने मरीज की हालत को देखते हुए निर्णय लिया कि सर्जरी यहीं करेंगे। उन्होंने आपरेशन करने में साढ़े चार घंटे लगे। आपरेशन सफल रहा। लव सिंह पहला पहला केस नहीं है कि जब डा. केपी सिंह ने उसका आपरेशन किया। डा. सिंह के पास सुदूर गांवों से मरीज आते हैं और वह उनकी अपेक्षाओं पर खरे उतरते हैं। उत्तरकाशी, चमोली, श्रीनगर और रुद्रप्रयाग के मरीज भी उनके पास आते हैं।
दरअसल, आज भी पहाड़ में स्वास्थ्य सेवाएं लचर हैं। विशेषज्ञ डाक्टरों का भारी अभाव है। डाक्टर पहाड़ चढ़ने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में डा. के पी सिंह जैसे डाक्टर हमारी पहाड़ की उम्मीद हैं। डा. सिंह के अनुसार उन्होंने अस्पताल में सर्जरी के लिए कुछ उपकरण और देने के लिए पत्र लिखा है। उनका कहना है कि यदि उपकरण पूरे हों तो ग्रामीण मरीजों को सर्जरी के लिए देहरादून या अन्य शहरों की ओर नहीं जाना होगा।
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