नयी दिल्ली (भाषा), देश की शीर्ष तेल एवं गैस उत्पादक कंपनी ओएनजीसी ने राजेश कुमार श्रीवास्तव को अंतरिम चेयरमैन नियुक्त किया है। यह रिकॉर्ड तीसरी बार है जब कंपनी को स्थायी के बजाय एक बार फिर अंतरिम प्रमुख मिला है।राजेश कुमार श्रीवास्तव ओएनजीसी निदेशक मंडल में सबसे वरिष्ठ निदेशक हैं। उन्हें मौजूदा कार्यवाहक प्रमुख अल्का मित्तल के सेवानिवृत्त होने के बाद चेयरमैन और प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया है।
पेट्रोलियम मंत्रालय ने एक आदेश में कहा कि ओएनजीसी में निदेशक (खोज) श्रीवास्तव को एक सितंबर से चार महीने यानी 31 दिसंबर, 2022 तक (उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख) चेयरमैन और प्रबंध निदेशक की जिम्मेदारी दी गयी है। वह इस पद पर नियमित नियुक्ति या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, तक रहेंगे।’’
उल्लेखनीय है कि ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) अप्रैल, 2021 से ही बिना नियमित चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के है। शशि शंकर के 31 मार्च, 2021 के सेवानिवृत्त होने के बाद तत्कालीन वरिष्ठ निदेशक (वित्त) सुभाष कुमार को यह जिम्मेदारी सौंपी गयी थी, और जब कुमार 31 दिसंबर, 2021 को सेवानिवृत्त हुए तब निदेशक (मानव संसाधन) अल्का मित्तल को अतिरिक्त प्रभार दिया गया। मित्तल बुधवार को सेवानिवृत्त हो गयीं।
लोक उपक्रम चयन बोर्ड (पीईएसबी) ने पिछले साल जून में नौ उम्मीदवारों में से किसी को भी ओएनजीसी प्रमुख के पद के लिये उपयुक्त नहीं पाया था। इन उम्मीदवारों में दो भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और कंपनी के मौजूदा निदेशक भी शामिल थे।
इसके बाद, इस साल फरवरी में पीईएसबी अध्यक्ष की अध्यक्षता में एक खोज-सह-चयन समिति को नये प्रमुख की तलाश करने को कहा गया था। समिति में पेट्रोलियम सचिव और इंडियन ऑयल के चेयरमैन बी अशोक (बाहरी विशेषज्ञ के तौर पर) शामिल हैं।
मंत्रालय के कहने के बाद समिति ने हाल ही में काम करना शुरू किया गया है। मंत्रालय ने उन्हीं उम्मीदवारों पर विचार करने को कहा है, जो नियुक्ति आने की तारीख को 60 साल से अधिक उम्र के नहीं थे। मंत्रालय ने इस संदर्भ में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को 17 जून को कार्यालय ज्ञापन भेजा था।
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