हरिद्वार (कुलभूषण) अधिकारी वर्ग एव्ं शिक्षविदो की ख्यातिलब्ध संस्था इ इंटरनेशनल गुडविल सोसाइटी ऑफ इंडिया का दूसरा प्रांतीय सम्मेलन का अयोजन देहरादून में सम्पन्न हुआ ।
सम्मेलन में उत्तराखंड सतत विकास के रोडमेप विषय पर मंथन किया गया तथा संवाद स्थापित किया गया।
सम्मेलन के मुख्य अतिथि संस्था के देहरादून उत्तराखंड चैप्टर के अध्यक्ष वरिष्ठ आई ए एस अधिकारी डॉ आर मिनाक्षी सुंदरम ( सचिव ऊर्जा, वित्त एव्ं श्रम) रहे। सोसाइटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व वरिष्ठ आईएएस डॉ योगेंद्र नारायण, राष्ट्रीय सचिव पूर्व वरिष्ठ आईएएस डॉ आर के भटनागर ने अपना संभाषण वर्चुअल दिया। सोसाइटी के पीईसी सदस्य तथा उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार तथा एन रविशंकर सम्मेलन में प्रमुख रूप से सम्मिलित हुए । कार्यक्रम को ओएनजीसी की अध्यक्षा एव्ं प्रबंध निदेशक डॉ अल्का मित्तल ने वर्चुअली संबोधित किया सोसाइटी की और से उन्हे उत्तराखंड रतन श्री सम्मान से सम्मानित किया गया।
यह सम्मान उनके प्रतिनिधि ओएनजीसी के महाप्रबंधक रामराज द्विवेदी जी ने गृहण किया ।
सम्मेलन में सभी ने उत्तराखंड सतत विकास के रोडमेप पर अपने अपने विचार रखे ग्रीन एनर्जी इलेक्ट्रिक वाहन के प्रमोशन पर चर्चा की गयी।
समारोह में सोसाइटी के विभिन्न चैप्टरो के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया हरिद्वार चैप्टर से संरक्षक जगदीश लाल पाहवा, अध्यक्ष मधुसूदन आर्य, एस एस राणा, विनोद मित्तल, राकेश पहवा तथा विश्वास सक्सेना भी शामिल रहे। संरक्षक जगदीश लाल पाहवा ने मंच पर उपस्थित सभी महानुभावो का स्वागत माला पहना कर एव्ं स्मृति चिह्न देकर किया
समारोह में सोसाइटी के उत्तराखंड चैप्टर के अध्यक्ष डॉ मिनाक्षी सुंदरम ने राज्य के विकास में योगदान देने वाले अधिकारियों शिक्षविदो एव्ं वैज्ञानिको को उत्तराखंड रत्नश्री सम्मान से सम्मानित किया ।
सभी चिकित्सा पद्वती मनुष्य को लाभ प्रदान करती है – डा पाण्डेय
हरिद्वार 22 अगस्त (कुलभूषण) डॉ लाजपतराय मेहरा न्यूरोथेरेपी रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट के तत्वावधान मे आयोजित अखिल भारतीय न्यूरोथैरेपिस्ट वार्षिक अधिवेशन के दूसरे दिन सोमवार को डा अवधेश पांडेय ;रिसर्चर कंप्लीमेंट्री साइंसेजद्ध ने देश भर से पधारे न्यूरोथैरेपिस्ट चिकित्सकों को संबोधित करते हुए कहा कि मरीजों के ईलाज लिए ही चिकित्सा पद्वती का जन्म हुआ। इसलिए स्वभाव में विपरित होने के बावजूद सभी चिकित्सा पद्वती मनुष्य को स्वास्थ्य लाभ ही प्रदान करती है। सभी बीमारियों का ईलाज एक ही पद्वती में संभव नहीं है। कई बीमारियों में त्वरित ईलाज होता है और कई में लंबे समय तक उपचार चलता है।
ऐसे में सभी चिकित्सा पद्वती एक दूसरे से जूड़कर ही कारगार साबित हो सकती है। सभी चिकित्सा पद्वती एक दूसरे की पूरक हैं। आयुर्वेद एलोपैथ होम्योपैथ न्यूरपैथ चिकित्सा पद्वती अलग हो सकती है लेकिन सबका उपयोग मरीजों स्वास्थ्य प्रदान के लिए किया जाता है। एलएमएनआरटी के अध्यक्ष अजय गांधी ने कहा कि वर्ष 2016 में स्थापित संस्था का उद्देश्य लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना है। वर्तमान में देशभर में 1500 से ज्यादा सेंटर चल रहे हैं। जहां मरीजों का ईलाज किया जा रहा है।संस्था के महासचिव रामगोपाल परिहार ने बताया कि हरिद्वार में आयोजित सम्मेलन में 14 राज्यों जम्मू पंजाब हरियाणा दिल्ली राजस्थान उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश उत्तराखंड से 220 डेलीगेट्स पहुच गये है। कोषाध्यक्ष सुमित महाजन बताया कि उद्घाटन सत्र के दूसरे सत्र में डॉ सुनील जोशी ने मर्म चिकित्सा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नसों से संबंधित बीमारी में मर्म चिकित्सा पद्वती कारगार है। इस मौके पर संरक्षक जयदेव कार्यकारिणी सदस्य विरेन्द्र प्रसाद विक्रम अजय कुशवाहा नागलक्ष्मी व उत्तराखंड के देव आहूजा रूखसार बलराम आरती रंजना आंचल पारुल संगीता नसीन परवीन मोहिनी शामिल रहे।
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