रुद्रप्रयाग- ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेल लाइन से प्रभावित ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के समक्ष रखी। ग्रामीण लंबे समय से रेलवे लाइन के निर्माण के दौरान चल रही ब्लास्टिंग के कारण उनके घरों में दरार आने, जल श्रोत सूखने, रास्ते टूटने एवं शोर के चलते जनमानस को हो रही परेशानी की शिकायत जिलाधिकारी से कर रहे थे। ग्रामीणों की विभिन्न शिकायतों के समाधान के लिए जिलाधिकारी ने ग्रामीणों एवं रेल निगम के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित कर उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने बिना देरी के रेल निगम के अधिकारियों को रेल लाइन निमार्ण के चलते क्षतिग्रस्त हो रहे रास्तों की मरम्मत करने के निर्देश दिए। वहीं जल स्त्रोतों के संबंध में उप जिलाधिकारी को जानकारी उपलब्ध करवाने को कहा, ताकि इस दिशा में उचित कार्रवाई सुनिश्चत करवाई जा सके।
मंगलवार को जिला कार्यालय सभागार में आयोजित बैठक में ग्रामणों की ओर से जिलाधिकारी को अवगत कराया गया कि रेल लाइन के निर्माण कार्य से उनके घरों में दरारें आ गई हैं, जिससे उनके घरों एवं जान-माल को नुकसान होने की संभावना बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना था कि रेल निगम की ओर से कार्य शुरु होने से पहले इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया, न ही घरों की फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी की गई। अब काम शुरु होने के बाद फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी की जा रही है, जिसका कोई लाभ नहीं। इसके अलावा कई गावों के रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे आवाजाही बाधित हो रही है। गांवों के जल श्रोत भी सूखना शुरु हो गए हैं। ग्रामीणों का कहना था कि ब्लास्टिंग से पहले रेल निगम ग्रामीणों को कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करवा रहा वहीं रातभर चल रही ब्लास्टिंग से जनमानस को परेशानी का सामाना करना पड रहा है।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बैठक के दौरान उपस्थित ग्रामीणों एवं प्रधानों को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनकी समस्याओं के समाधान के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। उन्होंने रेल निगम के अधिकारियों को ग्रामीणों के साथ समन्वय स्थापति कर कार्य करने को कहा। जिलाधिकारी ने रेल निगम के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि रेल लाइन निर्माण हेतु जो भी भू- वैज्ञानिक सर्वे एवं अन्य कार्रवाई की गई है, उसकी पूरी रिपोर्ट उपजिलाधिकारी को उपलब्ध करवाएं, ताकि समय आने पर या किसी भी ग्रामीण की ओर से मांग करने पर इसे उपलब्ध करवाया जा सके। उन्होंने ग्रामीणों को कहा कि यदि रेल लाइन निर्माण के दौरान हो रही ब्लास्टिंग के चलते उन्हें घरों में दरारें आने की आशंका है, तो थर्ड पार्टी के माध्यम से भू- वैज्ञानिक सर्वे करवा कर इसकी पुष्टि कराई जा सकती है। कहा कि यदि रेलवे का कोई भी कर्मचारी गांव में सर्वे करवाने जाते हैं तो इसकी सूचना पहले ग्राम प्रधान को अनिवार्य रुप से दी जाए, ताकि सभी ग्रामीणों को समय पर इसकी जानकारी मिल सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए गए रेल लाइन निर्माण के लिए रात को जो भी ब्लास्टिंग की जा रही है, उसकी जमीनी हकीकत देखने एवं महसूस करने के लिए संबंधित क्षे़त्र के रेलवे कर्मचारी गांव में रात बिताकर इसकी पुष्टि करें। जिलाधिकारी ने रात्रि में ब्लास्टिंग के समय बजाए जाने वाले सायरन की आवाज संबंधित क्षेत्र के सभी ग्रामीणों तक पहुंचाने के लिए सायरन सिस्टम उचित स्थान पर लगाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने रेल निगम के कर्मचारियों एवं भू वैज्ञानिक अधिकारियों को रेलवे लाइन निर्माण क्षेत्रों में संचालित हो रहे स्टोन क्रैशरों का निरीक्षण कर मानकों के अनुरुप ही इनके संचालन की अनुमति देने को कहा, मानकों के विपरीत संचालन पर नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए।
बैठक में अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र नेगी, उप जिलाधिकारी अपर्णा ढौंढियाल, भू-वैज्ञानिक डा दीपक हटवाल, अधिशासी अभियंता लोनिवि जेएस रावत, अधिशासी अभियंता सिंचाई प्रताप सिंह बिष्ट, तहसीलदार मंजू राजपूत, अपर महाप्रबंधक रेल निगम विजय डंगवाल, एसके आर्या, प्रबंधक आरपी मालगुडी, विनोद बिष्ट, वीपी गैरोला, खांखरा, नरकोटा, सुमेरपुर, रतूड़ा, नगरासू, मरोड़ा गांवों के ग्रामीण एवं ग्राम प्रधान मौजूद रहे।
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