टिहरीः शहीद का पार्थिव शरीर एक झलक पाने के लिए लोगों का हूजूम उमड़ पड़ा। इनके सबके बीच जैसे ही शहीद के बेटे पर सबकी निगाहे पड़ी तो मंजर देख कोई भी अपने आंसू नहीं रोक सका। जवान के छः साल के मासूम के हाथों में पिता की तस्वीर और अपने पिता को ढूंढ़ता मासूम, मंजर देख लोगों के दिल पसीज गया। तो वहीं जवान की पत्नी जब देह ले जा रहे वाहन में बैठ सवार हुई तो सबको गर्व हुआ। जवान की पत्नी ने खुद को संभालते हुए जो कहा उसे सुन पूरा गांव प्रवीण सिंह अमर रहे और भारत माता की जय के नारों से गूंज उठा, बलिदानी प्रवीण सिंह का पार्थिव शरीर शनिवार दोपहर बाद उनके पैतृक गांव पुंडोली पहुंच गया। इस दौरान पूरा गांव प्रवीण सिंह अमर रहे के नारों से गूंज उठा। वहीं स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। इस दौरान अपने बलिदानी पिता की तस्वीर पकड़े छह साल के वंश को देख हर किसी का दिल पसीज गया। बलिदानी जवान को नम आंखों के बीच सैन्य सम्मान के साथ आखिरी विदाई दी गई। सेना के जवानों ने सैन्य सम्मान के साथ प्रवीण सिंह को उनके पैतृक घाट शिवपुरी में अंतिम विदाई दी। जम्मू से वायु सेना के विशेष विमान से शुक्रवार शाम साढ़े छह बजे जौलीग्रांट स्थित देहरादून एयरपोर्ट लाया गया। एयरपोर्ट पर बलिदानी प्रवीण सिंह को सेना के जवानों ने गार्ड आफ आनर दिया गया। बलिदानी प्रवीण की पत्नी अमिता गुसाईं ने कहा कि हमारे परिवार को प्रवीण पर गर्व है। प्रवीण ने देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया है। इस दौरान अमिता गुसाईं बेसुध होकर प्रवीण की पार्थिव देह को ले जा रहे सेना के वाहन में बैठ गई । कुछ दूर जाने पर किसी तरह सेना के जवानों और अन्य स्वजन ने उन्हें समझा बुझाकर घर भेजा, शहीद प्रवीण सिंह की पत्नी अमिता गुसाईं और छह साल का बेटा वंश देहरादून में रहते हैं, जबकि पिता प्रताप सिंह और मां दीपा देवी गांव में ही रहते हैं। बलिदानी जवान प्रवीण का बड़ा भाई प्रदीप जर्मनी में नौकरी करता है। विगत 15 मई को बलिदानी प्रवीण छुट्टी लेकर गांव आए थे और 23 मई को वापस चले गए थे। इस दौरान वह महेंद्र देवता की पूजा में शामिल हुए थे। वह गांव में शादी समारोह में भी शामिल हुए थे। उन्होंने जल्द गांव आने का वादा भी किया। वहीं बलिदानी जवान प्रवीण सिंह को श्रद्धांजलि देने और शोक में शनिवार को घनसाली बाजार पूरी तरह से बंद रहा।
गांव पहुंचा शहीद का पार्थिव शरीर, श्रद्धांजलि देने उमड़े लोग, गांव में पसरा मातम
टिहरी(घनसाली), देश की रक्षा करते 15वीं गढ़वाल राइफल के एक और वीर सैनिक प्रवीन सिंह ने देश के लिए प्राण न्योछावर कर दिए। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की तलाश में चल रहे अभियान के दौरान हुए विस्फोट में प्रवीन गंभीर रूप से घायल हो गए थे। शनिवार को शहीद का पार्थिव शहीर गांव पहुंचे ही पूरा इलाका गमगीन हो गया। बृहस्पतिवार तड़के सेना को शोपियां जिले के पतितुहलान और छोटीपुरा के बीच आतंकियों के छिपे होने सूचना मिली थी। आतंकियों की धरपकड़ के लिए राष्ट्रीय राइफल की टुकड़ी ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। सेना की टुकड़ी सेधाऊ बाजार पहुंची तो वहां अचानक धमाका हो गया। धमाके में गढ़वाल राइफल के जवान प्रवीन सिंह (32) पुत्र प्रताप सिंह निवासी ग्राम पुंडोली पट्टी, नैलचामी भिलंगना के साथ कई अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हो गए।
घायल सैनिकों को श्रीनगर ले जाया गया और वहां से उन्हें एयर एंबुलेंस से सैन्य अस्पताल उधमपुर ले जाया गया। अस्पताल में इलाज के दौरान प्रवीन सिंह शहीद हो गए। शहीद का पार्थिव शरीर शुक्रवार देर शाम को विशेष विमान से दून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचाया गया। पैतृक घाट पर सैन्य सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी गई।
गांव के लाल को तिरंगे में लिपटा देख हर आंख भर आई। बेटे की शहादत की सूचना मिलने के बाद ही गांव में मातम पसर गया था। शहीद के माता-पिता और पत्नी गहरे सदमे में हैं। शहीद प्रवीन सिंह 23 मई को ही छुट्टी से ड्यूटी पर लौटे थे। अब प्रवीण का तिरंगे में लौटा देख मां दीपा देवी, पिता प्रताप सिंह और पत्नी अमिता सदमे में हैं, गांव में भी मातम पसर हुआ है। परिजनों को सांत्वना देने के लिए दिनभर लोगों का तांता लगा रहा।
पुंडोली गांव निवासी प्रवीन वर्ष 2011 में 15वीं गढ़वाल राइफल में भर्ती हुए थे। इन दिनों वे राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे।
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