“देश ऐतिहासिक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। साल 2047 तक भारत वैश्विक गुरु के अभीष्ट को प्राप्त कर लेगा।”
“आज के मुस्लिम समुदाय का मुगलों से कोई संबंध नहीं है। मुगल मंगोल व उजबेक के वंशज रहे हैैं और भारतीय मुसलमान दूर-दूर तक उनसे कोई नाता नहीं है |”
“सभी देश वैश्विक आर्थिक संकट से जूझ रहे हैैं। यूरोप से लेकर एशिया तक इससे प्रभावित हैैं।”
देहरादून, प्रदेश की राजधानी द दून में पहुंचे सुधांशु त्रिवेदी ने मीडिया से विभिन्न मुद्दों पर विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि
वर्तमान समय में देश ऐतिहासिक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। जिस रफ्तार से देश विकास के पथ पर अग्रसर है, उसे देखते हुए साल 2047 तक भारत वैश्विक गुरु के अभीष्ट को प्राप्त कर लेगा। दुनिया के तमाम देश भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रहे हैं।
भाजपा के केंद्रीय प्रवक्ता एवं राज्य सांसद सुुुधांशु त्रिवेदी ने नारद जयंती पर विश्व संवाद केंद्र की ओर से पंडित नैन सिंह रावत सभागार में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत कर रहे थे।
उन्होंने पत्रकारों से आह्वान किया कि जनकल्याण के लिए सत्य एवं तथ्य सामने लाने की क्षमता व मानसिकता रखने वाले आज के पत्रकार देवऋषि नारद का ही रूप है, जो हमेशा से समाज हित के लिए संकल्पित है। लोकतंत्र को मजबूत बनाने व देश के विकास में मीडिया के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि पत्रकार धर्म, योग, दर्शन, राजनीति, इतिहास, अध्यात्म एवं आर्थिक विषयों के गहन अध्येता है और सभी विषयों का तथ्यात्मक विश्लेषण करते हुए समाज को सही दिशा देने का निरंतर कार्य करते है। उन्होंने समृद्ध भारतीय संस्कृति की वर्तमान समय में भी प्रासंगिकता पर प्रकाश भी डाला।
उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को बाबर और औरंगजेब की सियासत में फंसने से बचना होगा। आज के मुस्लिम समुदाय का मुगलों से कोई संबंध नहीं है। मुगल मंगोल व उजबेक के वंशज रहे हैैं और भारतीय मुसलमान दूर-दूर तक उनसे कोई नाता नहीं है,
हमारे पुराणों में काशी और ज्ञानवापी दोनों का उल्लेख है। इस्लाम में इन शब्दों का कहीं कोई उल्लेख नहीं। उन्होंने कहा ज्ञानवापी हिंदू-मुस्लिम का विषय नहीं, बल्कि ऐतिहासिक निर्णय लेने का विषय है, ऐतिहासिक परिर्वतन का विषय है। आज मुस्लिम समुदाय उस मुकाम पर खड़ा हैै, जहां उसे तय करना है कि वह मोहम्मद साहब की शिक्षा को मानने वाले हैैं या किसी बादशाह की सियासत को।
सुधांशु त्रिवेदी ने महंगाई पर कहा कि सभी देश वैश्विक आर्थिक संकट से जूझ रहे हैैं। यूरोप से लेकर एशिया तक इससे प्रभावित हैैं। सभी देशों में महंगाई दर बढ़ी है। इस परिस्थिति में भी देश की जनता को राहत देने का प्रयास किया जा रहा है। पेट्रो पदार्थों के दाम सरकार के नियंत्रण में नहीं हैं, ऐसे में टैक्स कम कर राहत देने का कार्य किया जा रहा है।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश वैश्विक शक्ति के रूप में उभर कर सामने आ रहा है। ऐसे में राहुल गांधी विदेश में जाकर देश की छवि को धूमिल कर रहे हैं। जिस देश ने भारत को अधीन रखा। वहां राहुल गांधी अपमानजनक और आलोचनात्मक बयान दे रहे हैं।
कांग्रेस पहले खुद को जोड़े
कांग्रेस के भारत जोड़ो अभियान पर तंज कसते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस पहले खुद को जोड़े रखे, फिर देश को जोड़ने की बात करे। कांग्रेस के तमाम बड़े नेता पार्टी को छोड़कर जा रहे हैं, ऐसे में उन्हें पार्टी की चिंता करनी चाहिए।
इस अवसर पर आरोग्यम एजुकेशनल ट्रस्ट रुड़की के अध्यक्ष संदीप केडिया ने कहा कि आज के समय में व्यापार करने को लेकर परिस्थितियां काफी अनुकूल हैं। आज कोई भी व्यक्ति अपने रोजगार को शुरू करने के बारे में विचार कर सकता है। इससे पूर्व विश्व संवाद केंद्र के निदेशक विजय कुमार ने कहा कि महर्षि नारद ने सदैव लोकहित के लिए संदेशों का संप्रेषण किया। कहा कि नारद के चरित्र से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। उन्होंने आज के समय में पत्रकारिता और पत्रकारों के महत्व को भी बताया।
पत्रकारिता के प्रति बन रही गलत धारणा :
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने पत्रकारिता इंडेक्स में भारत के पिछड़ने पर कहा कि बंगाल, महाराष्ट्र, राजस्थान आदि राज्यों की सरकार पत्रकारों को धमकाने और जेल में डालने का काम कर रही हैैं। इससे देश की पत्रकारिता के प्रति विश्व में गलत धारणा बन रही है। इस दौरान विश्व संवाद केंद्र की जागरण पत्रिका हिमालय हुंकार के विशेषांक ‘स्वाधीनता के 75 वर्ष और मैं’ का भी विमोचन किया गया। विशेषांक के संपादक आलोक डंगवाल ने विशेषांक के बारे में बताया।
इनको मिला नारद पत्रकार सम्मान :
राकेश खंडूरी, भूपेंदर कंडारी, अफजल अहमद, परितोष किमोठी, शैलेश नौटियाल, अधीर यादव, भारती सकलानी उनियाल।
इस अवसर पर विश्व संवाद केंद्र के अध्यक्ष सुरेंद्र मित्तल, हिमांशु अग्रवाल, क्षेत्र प्रचारक प्रमुख जगदीश, प्रांत प्रचारक युद्धवीर, भगवती, रणजीत सिंह ज्याला, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, दिनेश उपमन्यु, प्रेम चमोला, बलदेव पराशर आदि।
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