हल्द्वानी, इसी सप्ताह एक डाक्टर से तीन करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले पुलिस जांच में जुटी ही थी कि उसे इस रंगदारी मांगने वाले के बारे में अजीब खुलासा हुआ, जब ईएनटी सर्जन डॉ. वैभव कुच्छल से तीन करोड़ की रंगदारी मांगने वाला और कोई नहीं बल्कि तीसरी कक्षा में पढ़ने वाला एक बच्चा निकला। पुलिस ने रंगदारी मामले का खुलासा करने का दावा करते हुए बताया कि दस साल के इस बच्चे ने मजाक-मजाक (प्रैंक) में एक अनजान नंबर मिला दिया था। हालांकि डॉ. कुच्छल पुलिस के खुलासे से सहमत नहीं हैं।
रामपुर रोड मानपुर उत्तर स्थित निजी अस्पताल के संचालक डॉ. वैभव कुच्छल के पास सोमवार शाम एक कॉल आई, जिसमें कॉल करने वाले ने तीन करोड़ की रंगदारी मांगी थी और न देने पर उनके बेटे के अपहरण की धमकी दी थी। इस घटना से जिले भर में खलबली मच गई थी। एसएसपी ने डॉक्टर के घर पर पुलिस फोर्स तैनात कर दी।
सर्विलांस से कॉल करने वाले की लोकेशन हापुड़ की मिली तो पुलिस टीम हापुड़ रवाना कर दी गई। कोतवाली पुलिस और एसओजी ने हापुड़ की एक कॉलोनी में दबिश देकर मंगलवार रात एक फर्नीचर कारोबारी को पकड़ लिया। पूछताछ में पता चला कि फोन कारोबारी ने नहीं बल्कि उनके 10 साल के बेटे ने किया था। पिता को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। पुलिस दोनों को साथ लेकर रात में ही हल्द्वानी आ गई।
हल्द्वानी थाने में पुलिस टीम ने बालक से पूछताछ की। उसने बताया कि सोमवार शाम माता-पिता घर पर नहीं थे। उस वक्त उसने प्रैंक करते-करते अपनी मां के मोबाइल से कॉल की। उसने टोनी कक्कड़ का गाना सुन रखा था। टोनी के ‘नंबर लिख’ शीर्षक वाले गाने में एक लाइन है, नंबर लिख 98971 हमको अंग्रेजी आती है कम, डम डिगा डम डिगा डम…। डॉक्टर वैभव कुच्छल का मोबाइल नंबर भी 98971…21 है। इस पर कॉल लगने पर उसने मजाक में ही रंगदारी की बात कह दी। बच्चे ने जिस मोबाइल से कॉल किया पुलिस ने उसे कब्जे में ले लिया है। पुलिस ने डॉक्टर के सामने भी बच्चे से पूछताछ की। बच्चे ने वह पूरा डायलॉग भी बोला, जो उसने फोन पर डॉक्टर से कहा था।
‘दिमाग के डॉक्टर होते तो मुझे समझ लेते, गले के डॉक्टर थे तो गले पड़ गए’
पूछताछ में दस साल के बालक से महिला पुलिस ने पूछा कि क्या उसे पता था कि उसने डॉक्टर को फोन किया है। इस पर वह बोला कि उसने तो सिर्फ प्रैंक किया था। वैभव अंकल डॉक्टर हैं, यदि दिमाग के डॉक्टर होते तो उसे समझ जाते, गले के डॉक्टर हैं इसलिए मेरे गले पड़ गए। पूछताछ से बच्चा झुंझलाया हुआ लग रहा था। बालक ने बताया कि वह हापुड़ के एक कान्वेंट स्कूल में कक्षा तीन का छात्र है। हर कक्षा में नंबर वन आने के कारण उसे क्लास टीचर ने हेड ब्वॉय बना दिया।
जो बच्चा गेम में अव्वल नंबर पाता है, उसे मुफ्त में गेम की सुविधा गूगल से मिलती
घर में वह मां के मोबाइल पर गेम खेलता है। जिस गेम की कीमत 650 रुपये है, उसे भी वह मुफ्त में डाउनलोड कर लेता है। उसने यह भी बताया कि वह साथियों के साथ फुटबाल खेलना पसंद करता है। उसे दुनिया के जाने-माने खिलाड़ी रोनाल्डो बहुत पसंद हैं। उनकी टीशर्ट का नंबर 07आर है। इस बीच एक पुलिसकर्मी के कहने पर कुछ ही देर में बालक ने उसका यू-ट्यूब पर चैनल बना दिया। बच्चे की बातों और तकनीकी ज्ञान को देखकर पुलिसकर्मी भी हैरत में पड़ गए। बच्चे के पिता का कहना था कि वह मोबाइल या यू ट्यूब के बारे में अधिक नहीं जानते हैं। वह बेटे को अपना मोबाइल भी नहीं देते हैं लेकिन वह अपनी मां के मोबाइल पर गेम खेलता रहता है।
हालांकि डॉक्टर बच्चे की आवाज और मोबाइल पर सुनी गई आवाज को एक नहीं मान रहे हैं। उन्होंने पुलिस से मामले की गहन जांच करने की मांग की है। इधर सीओ भूपेंद्र सिंह धोनी और कोतवाल हरेंद्र चौधरी का कहना है कि सर्विलांस के आधार पर घटना का सटीक खुलासा किया गया है। जिस नंबर से कॉल की गई उस नंबर का मोबाइल भी बरामद कर लिया है। बालक को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के समक्ष पेश किया गया। कमेटी ने काउंसिलिंग के बाद उसे उसके पिता की सुपुर्दगी में दे दिया है। डॉ. वैभव कुच्छल ने पुलिस के खुलासे पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि बच्चे की आवाज में कॉल कर रंगदारी मांगी गई थी। बदमाश ने उनके बेटे के अपहरण करने की भी धमकी दी थी। बच्चे की बनावटी आवाज में कॉल की गई। पुलिस की गिरफ्त में आए दस साल के बालक की आवाज उससे नहीं मिल रही है। उनका कहना है कि पुलिस मामले का स्पष्ट खुलासा करे और साजिश के पीछे कौन-कौन शामिल हैं, उन्हें गिरफ्तार करे।
आपको बता दें डॉ. वैभव कुच्छल मूल रूप से मुजफ्फरनगर (यूपी) जिले के नई मंडी के रहने वाले हैं। 2007 में डॉक्टर की मां विजय लक्ष्मी कुच्छल की घर में हत्या कर बदमाशों ने लूटपाट की थी। इस घटना में तीन बदमाश पकड़े गए थे। डॉक्टर का आरोप है कि मां की हत्या का भी यूपी पुलिस ने सही खुलासा नहीं किया था। उस घटना से रंगदारी मांगने के तार जुड़े हो सकते हैं। मामले में पुलिस को अभी अन्य पहलुओं पर भी जांच करनी चाहिए कि आखिरी इसके पीछे कौन लोग थे। यह घटना साधारण नहीं है। पुलिस जांच करे तो अन्य पहलू भी सामने आ सकते हैं। डॉक्टर के समर्थन में शहर के व्यवसायी नेता नवीन वर्मा, प्रदीप सब्बरवाल, इंद्र कुमार भुटियानी, सपा नेता शोएब अहमद, आप नेता समित टिक्कू सहित अन्य लोग कोतवाली थाने पहुंचे थे, एसएसपी, नैनीताल पंकज भट्ट के मुताबिक रंगदारी मामले का खुलासा कर दिया गया है। नियमानुसार प्रक्रिया अपनाई गई है। नाबालिग की गिरफ्तारी नहीं हो सकती है। रंगदारी के मुकदमें में सजा सात साल से कम है इसीलिए उसे सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश किया गया।
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