देहरादून, उत्तराखंड में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम समस्त जनपदों में कार्यशील है। जिसमें राज्य में 148 मोबाईल हेल्थ टीमें कार्यरत हैं। जिनका मुख्य उद्देश्य समस्त आंगनबाड़ियों, सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में पंजीकृत बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करना है। तथा किसी जन्म दोष से ग्रसित पाए जाने वाले बच्चों को डी.ई.आई.सी. के माध्यम से अनुबंधित तृतीयक शल्य चिकित्सा केंद्रों में संदर्भित करना है।
उपरोक्त कार्यक्रम के संदर्भ में डॉ. सरोज नैथानी, निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा जनपदों में कार्यरतडी.ई.आई.सी. एवं आर.बी.एस.के. प्रबंधकों के साथ समीक्षा बैठक ली। इस बैठक में सभी जनपदों के प्रबंधकों ने अपने जनपद में चल रहे कार्यक्रमों का विस्तारीत प्रस्तुतिकरण दिया।
कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए, डॉ. नैथानी ने सभी प्रबंधकों को निर्देशित करते हुए कहा कि, वह कार्यक्रम के महत्व को ध्यान में रखते हुए एवं जनपदों के सभी विभागों से समन्वय बनाकर सभी लक्षित बच्चों की स्क्रीनिंग करवाएं एवं बिमार पाए जाने वाले बच्चों को उच्च केंद्रों में संदर्भित करना सुनिश्चित करें।
साथ ही डॉ. नैथानी द्वारा निर्देश दिए गये की डी.ई.आई.सी. के माध्यम से रैफर होने वाले बच्चों की समय पर प्रारम्भिक पहचान कर तृतीयक शल्य चिकित्सा केंद्रों में संदर्भण किया जाए। जिससे लाभार्थियों को पूर्ण रुप से चिकित्सा उपचार समय पर प्राप्त हो सके।
इस दौरान राज्य कार्यक्रम अधिकारी, आर.बी.एस.के., डॉ कुलदीप मर्तोलिया द्वारा कार्यक्रम के सुधार हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
इस कार्यक्रम में डॉ. आंचल रावत, प्रेम भट्ट, बसन्त गोस्वामी, नीतू बिष्ट, विजयलक्ष्मी उनियाल, नेहा पानू, मोहम्मद इब्राहिम, अनूप थपलियाल, निम्मी, मनोज भट्ट, आदि मौजूद रहे।
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