नेशनल डेस्क: दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को कहा कि स्कूलों या कक्षाओं के जिस हिस्से में कोविड-19 के मामले सामने आयें, उसे अस्थायी रूप से बंद कर दिया जाना चाहिए। साथ ही, उन्होंने स्पष्ट किया कि विशेष परिस्थितियों में समूचे स्कूल को बंद किया जाना चाहिए। शिक्षा मंत्री सिसोदिया का यह बयान स्कूली बच्चों और अध्यापकों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर आया है। राष्ट्रीय राजधानी में कोविड की स्थिति की समीक्षा के लिए दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की 20 अप्रैल को एक बैठक बुलाई गई है।
, ”हमने उनसे स्कूलों को बंद करने को नहीं कहा है। हमारे दिशानिर्देश कहते हैं कि किसी खास हिस्से या कक्षा को अस्थायी रूप से बंद किया जाना चाहिए, जहां कोई व्यक्ति कोविड-19 पॉजिटिव पाया गया हो। स्कूल उन विशेष परिस्थितियों में पूरे परिसर को बंद करने का फैसला ले सकते हैं जिनमें संक्रमित विद्यार्थी या अध्यापक स्कूल के कई हिस्सों से हों…हमने इसे विकेंद्रीकृत कर दिया है। ” शिक्षा निदेशालय ने 13 अप्रैल को कोविड पर राष्ट्रीय राजधानी में स्कूलों को एक नया परामर्श जारी कर उन्हें निर्देश दिया कि यदि किसी छात्र या अध्यापक के संक्रमित होने की पुष्टि होती है तो पूरे परिसर या खास हिस्से को बंद कर दिया जाए। निदेशालय ने यह भी कहा कि छात्र और अध्यापक मास्क पहनें और आपस में यथासंभव दूरी बनाये रखें।
सिसोदिया ने कहा, ”हम 20 अप्रैल को डीडीएमए की अपनी अगली बैठक में कोविड की स्थिति की समीक्षा करेंगे। बैठक में, विशेषज्ञ दिल्ली के संदर्भ में अपने अवलोकन एवं विश्लेषण प्रस्तुत करेंगे। इससे हमें सही फैसला लेने में मदद मिलेगी। ” शहर के स्वास्थ्य विभाग द्वारा साझा किये गये आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में बृहस्पतिवार को कोविड के 325 नये मामले सामने आये, जबकि संक्रमण दर 2.39 प्रतिशत रही। महामारी के चलते दो साल के अंतराल के बाद ‘ऑफलाइन’ कक्षाएं पूरी तरह से फिर से शुरू होने के कुछ ही हफ्तों के अंदर स्कूलों में संक्रमण के मामले बढ़ने की खबरों ने चिंता बढ़ा दी है।
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