देहरादून। उत्तराखंड के 12 वें मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी अपने मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों के साथ बुधवार 23 मार्च को शपथ लेंगे। राज्यपाल गुरमीत सिंह सीएम और मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी समारोह में मौजूद रहेंगे।
भाजपा परेड मैदान में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी है। प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम स्थल पर दोपहर ढ़ाई बजे पहुंचने की संभावना है। इसके साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और भाजपा शासित राज्यों के कई मंत्री भी कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे।
प्रधानमंत्री के समारोह में गरिमामय उपस्थिति होने से जिला प्रशासन ने सुरक्षा के अतिरिक्त बंदोबस्त किए हैं। उधर, मंगलवार को धामी ने मुख्य सचिव डा. एसएस संधु से शपथ ग्रहण की तैयारियों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने अफसरों को कार्यक्रम स्थल पर सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद करने के निर्देश दिए हैं।
राज्यपाल ने शपथ का दिया न्योता: राज्यपाल गुरमीत सिंह ने नई सरकार को शपथ का निमंत्रण भेज दिया है। गोपन विभाग की तरफ से नेता सदन पुष्कर धामी को पत्र भेज दिया है। धामी और मंत्रिमंडल के 11 अन्य सदस्य शपथ लेंगे। राज्यपाल की तरफ से शपथ का समय दोपहर 2:40 बजे तय किया है। चूंकि इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे, लिहाजा राज्यपाल दोपहर ढ़ाई बजे तक समारोह स्थल पर पहुंच सकते हैं।
मंडलस्तर के कार्यकर्ताओं को न्योता: भाजपा शपथ ग्रहण समारोह को तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी है। प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार ने इस बाबत पार्टी पदाधिकारियों की बैठक ली। प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने बताया कि सभी जिलों से कार्यकर्ता शपथ ग्रहण में शरीक होंगे। मंडल स्तर से लेकर शक्ति केंद्र के कार्यकर्ताओं को निमंत्रण भेजा गया है। सभी जिलाध्यक्षों को आने वाले कार्यकर्ताओं की सूची मांगी गई है, ताकि उसी हिसाब से उनके लिए व्यवस्था की जा सके। विधानसभाओं के सभी 70 विस्तारकों को भी अलग से न्योता भेजा गया है।
शपथ से पहले मंदिरों में करेंगे पूजा: धामी और मंत्रिमंडल के सदस्यों के शपथ ग्रहण से पहले भाजपा के शक्ति केंद्र स्तर तक के कार्यकर्ता स्थानीय मंदिरों में सुबह लोककल्याण के लिए पूजन करेंगे। पार्टी ने सभी जिलाध्यक्षों को यह निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही शपथ ग्रहण में प्रमुख समाज सेवी,साहित्यकार, लेखक,प्रबुद्ध वर्ग, धार्मिक मठ मंदिरों के साधु-संतों को भी बुलाया है।
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