नई दिल्ली, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महामारी विज्ञान विभाग के प्रमुख समीरन पांडा ने बुधवार को कहा है कि 11 मार्च तक कोरोना का प्रभाव बेहद कमजोर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई नया वैरिएंट सामने नहीं आता है, तो 11 मार्च तक कोरोना कमजोर हो जाएगा।
एक रिपोर्ट के अनुसार पांडा ने दावा करते हुए कहा कि हमारे गणितीय प्रक्षेपण से पता चलता है कि ओमिक्रॉन की लहर पिछले 11 दिसंबर से तीन महीने तक चलेगी। उन्होंने कहा कि 11 मार्च से हम कुछ राहत देखेंगे। पांडा ने कहा कि दिल्ली और मुंबई में कोरोनोवायरस के ओमिक्रॉन और डेल्टा वेरिएंट के लिए लगभग 80:20 का अनुपात है।अलग-अलगर राज्य महामारी के विभिन्न चरणों में हैं और आईसीएमआर ने भी अपनी परीक्षण रणनीति बदल दी है क्योंकि वायरस में महामारी विज्ञान भिन्नताएं और महामारी अपना स्वरूप बदल रही है। समीरन पांडा ने कहा, हमने राज्यों से कभी भी परीक्षण कम नहीं करने के लिए कहा। हमने अधिक निर्देशित और उद्देश्यपूर्ण परीक्षण के लिए कहा। महामारी ने भी अपना स्वरूप बदल दिया है और इसलिए परीक्षण और प्रबंधन रणनीतियां बदली जाएंगी। घरेलू परीक्षण आदि पर स्थानीय भाषाओं में दिशानिर्देश उपलब्ध कराने से सही संदेश जाएगा।जीनोमिक सिक्वेंसिंग के बारे में उन्होंने कहा, जीनोमिक सिक्वेंसिंग एक गतिशील घटना है। लेकिन एक मृत शरीर पर जीनोमिक सिक्वेंसिंग यह समझने के लिए है कि क्या उसके पास ओमिक्रॉन था। कई रोगी अंतर्निहित स्थितियों से मर जाते हैं। हां, हम गंभीरता को समझने के लिए अस्पतालों में संक्रमण का अध्ययन कर रहे हैं।
इसी बीच भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-कानपुर के एक वैज्ञानिक के अनुसार, भारत में कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर 23 जनवरी को चरम पर पहुंच सकती है और इस दौरान रोजाना संक्रमण के चार लाख से कुछ कम मामले सामने आ सकते हैं। आईआईटी-कानपुर के प्रोफेसर सूत्र कोविड मॉडल से जुड़े अनुसंधानकर्ताओं में शामिल मनिंद्र अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में पहले ही, बीते सात दिन में संक्रमण के मामलों की संख्या चरम पर पहुंच चुकी है। महामारी की शुरुआत के बाद से देश में कोविड मामलों की संख्या का पता लगाने और इस संबंध में अनुमान जताने के लिये सूत्र कोविड मॉडल का उपयोग किया गया है। अग्रवाल के अनुसार इस सप्ताह महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, गुजरात और हरियाणा में कोविड -19 के मामले चरम पर होंगे, जबकि आंध्र प्रदेश, असम और तमिलनाडु जैसे राज्यों में अगले सप्ताह इनके चरम पर पहुंचने की आशंका है।
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