केंद्र सरकार ने सोमवार को एक बयान में कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के निष्कर्षों के अनुसार, देश में 600 से अधिक फर्जी लोन देने वाले ऐप्स चल रहे हैं और वे ऐप स्टोर पर भी उपलब्ध हैं।
यह जानकारी केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा सोमवार को एक लिखित सवाल के जवाब में दिया गया।
इस खुलासे के बाद अब देश में डिजिटल लेंडिंग ऐप्स (ऑनलाइन लोन देने वाले ऐप्स) पर शिकंजा कसने की तैयारी हो रही है। RBI द्वारा जनवरी में गठित एक कमेटी ने ग्राहकों के हित की सुरक्षा के लिए एक नोडल एजेंसी के गठन का सुझाव दिया गया है।
वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि शिकायत दर्ज करने के लिए आरबीआई द्वारा स्थापित पोर्टल Sachet को जनवरी 2020 से मार्च 2021 तक डिजिटल लोन देने वाले ऐप्स के खिलाफ लगभग 2,562 शिकायतें मिली हैं।
RBI की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल के दिनों में डिजिटल लोन धोखाधड़ी बढ़ रही है। डिजिटल लेंडिंग ऐप्स के खिलाफ जनवरी 2020 से मार्च 2021 तक 2500 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र से सामने आए। इसके बाद कर्नाटक, दिल्ली, हरियाणा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, यूपी, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु के लोगों को साथ फर्जीवाड़ा हुआ।
रिजर्व बैंक (RBI) ने जनवरी, 2021 में डिजिटल माध्यम समेत ऑनलाइन मंचों और मोबाइल ऐप के जरिए लोन दिए जाने को लेकर कार्यकारी निदेशक जयंत कुमार दास की अध्यक्षता में कार्यसमूह का गठन किया था। डिजिटल लोन गतिविधियों में तेजी से उत्पन्न होने वाले व्यावसायिक आचरण और ग्राहक सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए इस कार्यसमूह की स्थापना की गई थी। जिसने अपने सुझाव दिए हैं।
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