देहरादून। हिमाचल की राजधानी शिमला के रिहायशी इलाकों में घुसकर मासूम बच्चों को उठाकर ले जाने वाले खूंखार तेंदुए को पकड़ने के लिए केंद्रीय वन्यजीव विभाग की एक टीम रविवार देर शाम को शिमला पहुंच गयी है। देहरादून से शिमला पहुंची इस टीम में पांच एक्सपर्ट शामिल हैं जो अब तेंदुए को पकड़ने का प्लान तैयार करेंगे।
यह टीम शहर के साथ लगती उन जगहों पर भी गई जहां तेंदुआ दिखाई देने के प्रमाण मिले हैं। शहर के डाउनडेल इलाके से चार नवंबर को दिवाली की रात तेंदुए ने पांच साल के मासूम बच्चे को उठा लिया था। तीसरे दिन सर्च ऑपरेशन में बच्चे का क्षत-विक्षत शव साथ लगते जंगल से मिला था। तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग ने उसी दिन से कई पिंजरे लगाए हैं। लेकिन तेंदुआ इनमें नहीं आ रहा। कनलोग में लगाए गए एक पिंजरे में तो तेंदुआ गेट पर आकर लौट गया।
ट्रैप कैमरों में लगातार तेंदुए की मूवमेंट नजर आने के बावजूद वन विभाग के हाथ खाली हैं। विभाग ने इस जंगल में तेंदुआ होने के प्रमाण तो जुटा लिए हैं लेकिन इसे कैसे पकड़ा जाए, इसके लिए विभाग ने केंद्रीय टीम से मदद मांगी है। रविवार शाम को यह टीम शिमला पहुंच गई है। सोमवार को बैठक कर नया प्लान तैयार किया जा सकता है।
ट्रेंकुलाइजर गन के साथ फील्ड में उतरने की तैयारी
शहर में घूम रहे तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम अब ट्रेंकुलाइजर गन लेकर भी फील्ड में उतरने जा रही है। तेंदुआ दिखाई देने पर उसे बेहोश किया जाएगा। अभी इसे जिंदा पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है। विभाग ने अपने फील्ड स्टाफ को भी सक्रिय रहने को कहा है ताकि कहीं भी तेंदुआ दिखने पर तुरंत टीम मौके पर पहुंच सके।
कई जगह तेंदुए दिखने से बढ़ी मुसीबत
शहर में बीते एक हफ्ते के दौरान कई जगह तेंदुए दिखाई दे चुके हैं। डाउनडेल, फागली, रामनगर, कनलोग, नवबहार, टुटू एरिया में भी तेंदुआ दिखाई दे चुका है। शहर में कितने तेंदुए घूम रहे हैं, यदि एक से ज्यादा है तो इनमें से कौन सा तेंदुआ बच्चों को उठा रहा है, इसकी गुत्थी सुलझाने में विभाग खुद उलझ रहा है।
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