नई दिल्ली , । कोरोना की दूसरी लहर के बाद अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने के साथ ही जीएसटी राजस्व संग्रह में तेजी का रूख बना हुआ है। इस वर्ष अक्टूबर में जीएसटी राजस्व संग्रह 130127 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। जुलाई 2017 में इस अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के लागू होने के बाद अक्टूबर में संग्रहित जीएसटी राजस्व इस वर्ष अप्रैल के संग्रहित 1.40 लाख करोड़ रुपये के राजस्व के बाद दूसरा सबसे अधिक मासिक राजस्व है। इस वर्ष सितंबर में जीएसटी राजस्व संग्रह 1.17 लाख करोड़ रुपये रहा था। अक्टूबर 2021 में संग्रहित राशि पिछले वर्ष इसी महीने में संग्रहित राजस्व से 24 फीसदी अधिक है। कोरोना की दूसरी लहर की वजह से लगाये गये कठोर लॉकडाउन के कारण इस वर्ष जून में जीएसटी राजस्व संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से कम रहा था।
इससे पहले लगातार नौ महीनों तक यह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा था। अब फिर जुलाई, अगस्त और सितंबर में यह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। इस वर्ष अक्टूबर में कुल जीएसटी राजस्व संग्रह 130127 करोड़ रुपये रहा है। इसमें सीजीएसटी 23861 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 30421 करोड़ रुपये , आईजीएसटी 67361 करोड़ रुपये और क्षतिपूर्ति उपकर 8484 करोड़ रुपये रहा है।
आईजीएसटी में आयात पर जीएसटी 32998 करोड़ रुपये और क्षतिपूर्ति उपकर में आयात पर जीएसटी 699 करोड़ रुपये शामिल है। सरकार ने सीजीएसटी में 27310 करोड़ रुपये और एसजीएसटी में 222394 करोड़ रुपये दिया है। इस नियमित वितरण के बाद अक्टूबर में सीजीएसटी 51117 करोड़ रुपये और एसजीएसटी 52815 करोड़ रुपये रहा है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार इस वर्ष अक्टूबर में जीएसटी राजस्व में हुयी बढोतरी आयात पर संग्रहित राजस्व में वृद्धि के कारण अधिक रही है।
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